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महेन्द्र सिंह (माही)
"वक्त किसी को देना भी तो बढी कीमती दौलत हे, देना हे उपहार मुझे तो वक्त भेट में दे देना.. ©महेन्द्र सिंह (माही) #samay "वक्त किसी को देना भी तो बढी कीमती दौलत हे, देना हे उपहार मुझे तो वक्त भेट में दे देना
#samay "वक्त किसी को देना भी तो बढी कीमती दौलत हे, देना हे उपहार मुझे तो वक्त भेट में दे देना
read moreSonal Panwar
White हे ईश्वर ……. अगर अंधेरा छा रहा हो जीवन में मेरे , तो रोशनी की एक किरण तुम बन जाना ! अगर अनजान राहों में गुम हो जाऊँ मैं कभी , तो मार्ग की एक दिशा तुम बन जाना ! अगर निराशा की काली परछाई घेर ले मुझे , तो आस का एक दीया तुम बन जाना ! अगर मंज़िल तक न पहुँच पाये मेरे कदम , तो सफलता की एक सीढी तुम बन जाना ! अगर सांसों की माला से बिखरे सब मोती , तो एक ‘नया जीवन’ तुम बन जाना ! ©Sonal Panwar हे ईश्वर.....🌹🌹🙏🏻🙏🏻✨✨ #ishwar #prayer #Poetry #nojotohindi
हे ईश्वर.....🌹🌹🙏🏻🙏🏻✨✨ #ishwar #prayer Poetry #nojotohindi
read moreप्रा.शिवाजी ना.वाघमारे
..गर्व आहे मला.. मतदान केले मी हिंदूत्वाला रक्षण करण्यास सनातन धर्माला मतदान केले मी हिंदू एकतेला गर्व आहे मला मतदान केले मी छञपतीच्या वारस्याला त्या फडकणाऱ्या फगव्याला गर्व आहे मला मतदान केले मी हिंदूच्या एकतेला सनातन ही सत्य सनातन ही अस्तित्व गर्व आहे मला मतदान माझे हिंदूत्वाला जय शिवाजी जय श्रीराम या घोषणेला सनातन हे हिंदू राष्ट्रांला.. ©प्रा.शिवाजी ना.वाघमारे गर्व आहे मला
गर्व आहे मला
read moreगणेश शर्मा 'विद्यार्थी'
sunset nature नव सृजन करो हे कविकुल! नवयुग निर्माण करो तुम। परिवर्तन की बेला है, स्वर में हुंकार भरो तुम। तुम अग्रदूत संसृति के, किञ्चित पथभ्रष्ट न होना। प्रस्थान हेतु तत्पर हो, कवितारोहण कर दो ना। जब तक रवि-शशि अम्बर में, कविता मन शुद्ध चलेगा। अविवेकी का मेधा से, आजीवन युद्ध चलेगा। पग-पग पर प्रतिपल पंथी, शत-शत अवरोध मिलेंगे। इस कविता की यात्रा में, प्रतिदिवस विरोध मिलेंगे। पर तुम भयभीत न होना, अपना कविकर्म निभाना। इस कलम शक्ति के द्वारा, नवयुग आरेख बनाना। उसमें फिर शुभ शुचिता की, कूँची से रंग भरेंगे। चिर कलित भाव को लेकर, शब्दों के संग झरेंगे। निर्जीव सजीवन होंगे, फिर हृदय-पटल खोलेंगे। इन कवितावलियों के भी, रव अमरचित्र बोलेंगे। नैराश्य न स्पर्श करेगा, माँ वाणी के प्रति सुत को। आशा के दीपक जलते, तम में कविता-संयुत को। ©गणेश शर्मा 'विद्यार्थी' नवसृजन करो हे कविकुल! कविताएं प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता हिंदी कविता कविता कोश #hindipoetry #HindiPoem #hindikavita #kavya #kavita
नवसृजन करो हे कविकुल! कविताएं प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता हिंदी कविता कविता कोश #hindipoetry #HindiPoem #hindikavita #kavya #kavita
read moreSanjeev0834
White 2024 ⏳️ 2025 एक साल के बीच जो खत्म होने वाला है, और एक नया साल जो आने वाला है.. हे भगवान, हमें इस श्लोक का एहसास दिलाओ, और उसके बाद एक साल आता है जिसमें लोगों के साथ अन्याय होता है, इसलिए भगवान, स्वास्थ्य, कल्याण की बारिश, खुशियाँ, और अच्छे कर्म। हे भगवान, अच्छाई, क्षतिपूर्ति, प्रार्थनाओं का उत्तर देने और इच्छाओं को पूरा करने वाला वर्ष। ©Sanjeev0834 हे भगवान, इसे अच्छाई और आशीर्वाद का वर्ष बनाएं #New #beingsanjeev0834🦅 #nawab_saab💗🤞 #Happiness
हे भगवान, इसे अच्छाई और आशीर्वाद का वर्ष बनाएं #New beingsanjeev0834🦅 nawab_saab💗🤞 #Happiness
read moreSatish Kumar Meena
दुशासन ने चीरहरण किया, प्रभु बचाने आए लाज तेरी। हे पांचाली! नमन करो इन्हे, ये पांडवों के हृदय के भेरी।। मन कर्म वचन ये सब, भरी सभा में मूक हुए। युधिष्ठिर भीम अर्जुन,, सबके निशाने चूक गए। ऐसा लगा मानवता के, पैर लड़खड़ाने वाले हैं। वो तो श्री कृष्ण है जो,, जग को बचाने वाले हैं। रण हुंकार भरेगी अब फिर, उठेगी लपटे बदले की तेरी। हे पांचाली! नमन करो इन्हे, ये पांडवों के हृदय के भेरी।। पतन को जतन से उभारे, वो चौसर के सरताज है। जहां किसी पर गिरे गाज,, वहां सांप ऊपर बाज है। कहां गए ये पंच तत्व सब, जिन्हे भ्रम ने घेरा है। द्रोपदी के चीर हरण को,, इन सब ने ही उकेरा है। इसके खून से वेणी धुलेगी, प्रण करे भार्या के प्रहरी। हे पांचाली! नमन करो इन्हे, ये पांडवों के हृदय के भेरी।। ©Satish Kumar Meena #हे पांचाली नमन करो
#हे पांचाली नमन करो
read moreSatish Kumar Meena
दुशासन ने चीरहरण किया, प्रभु बचाने आए लाज तेरी। हे पांचाली! नमन करो इन्हे, ये पांडवों के हृदय के भेरी।। मन कर्म वचन ये सब, भरी सभा में मूक हुए। युधिष्ठिर भीम अर्जुन,, सबके निशाने चूक गए। ऐसा लगा मानवता के, पैर लड़खड़ाने वाले हैं। वो तो श्री कृष्ण है जो,, जग को बचाने वाले हैं। रण हुंकार भरेगी अब फिर, उठेगी लपटे बदले की तेरी। हे पांचाली! नमन करो इन्हे, ये पांडवों के हृदय के भेरी।। पतन को जतन से उभारे, वो चौसर के सरताज है। जहां किसी पर गिरे गाज,, वहां सांप ऊपर बाज है। कहां गए ये पंच तत्व सब, जिन्हे भ्रम ने घेरा है। द्रोपदी के चीर हरण को,, इन सब ने ही उकेरा है। इसके खून से वेणी धुलेगी, प्रण करे भार्या के प्रहरी। हे पांचाली! नमन करो इन्हे, ये पांडवों के हृदय के भेरी।। ©Satish Kumar Meena #हे पांचाली नमन करो
#हे पांचाली नमन करो
read moreअनुज
#aigirinandini 🌹🙏🚩 अयि गिरि नन्दिनी नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते। गिरिवर विन्ध्यशिरोधिनिवासिनी विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते । भगवति ह
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