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pramod malakar
कल तक हम अनजान थे दरिंदों से , आज खुली आंखों से सच देख रहा हूं । इज्जत लूटा और अंग - अंग काटा , खून से लथपथ मैं तस्वीर देख रहा हूं । दुश्मन पल रहा हिन्दुओं का हिंदुस्तान में , आज तड़पता मैं कश्मीर देख रहा हूं । मन में घृणा जगा रहा है अब खूदा से , समय का घूमता चक्र मैं देख रहा हूं । जाग रहा है आज सेकुलर अंधभक्त भी, आंखों में आंसुओं का धार मैं देख रहा हूं । आंसू थमते नहीं इतिहास देखकर , कड़वा शब्द भरा जवाब मैं लिख रहा हूं । कल तक अनजान थे हम दरिंदों से , आज खुली आंखों से मैं सच देख रहा हूं । अधर्म का नाश , धर्म की जय , दुनिया का बदलता तस्वीर मैं देख रहा हूं । जो अभी भी ना समझे वह अज्ञानी है , घर - घर भगवा लहराता मैं देख रहा हूं । द कश्मीर फाइल्स देखकर , हैवानों को मैं परखना सीख रहा हूं । अभी भी नहीं सुधरा भारत अगर देख कर , धर्म सनातन का अंत मैं देख रहा हूं । बरसों पहले भी लिखा था दर्द भरा सच हमने , आज भी सच मैं प्रमोद लीख रहा हूं । कल तक अनजान थे हम दरिंदों से , आज खुली आंखों से मैं सच देख रहा हूं ।। """"""""""""""""""""""""""""""""""""""" प्रमोद मालाकार की कलम से """""""""""""""""""""""""""""" ©pramod malakar # कश्मीर फाइल्स
# कश्मीर फाइल्स #कविता
read morepramod malakar
कल तक हम अनजान थे दरिंदों से , आज खुली आंखों से सच देख रहा हूं । इज्जत लूटा और अंग - अंग काटा , खून से लथपथ मैं तस्वीर देख रहा हूं । दुश्मन पल रहा हिन्दुओं का हिंदुस्तान में , आज तड़पता मैं कश्मीर देख रहा हूं । मन में घृणा जगा रहा है अब खूदा से , समय का घूमता चक्र मैं देख रहा हूं । जाग रहा है आज सेकुलर अंधभक्त भी, आंखों में आंसुओं का धार मैं देख रहा हूं । आंसू थमते नहीं इतिहास देखकर , कड़वा शब्द भरा जवाब मैं लिख रहा हूं । कल तक अनजान थे हम दरिंदों से , आज खुली आंखों से मैं सच देख रहा हूं । अधर्म का नाश , धर्म की जय , दुनिया का बदलता तस्वीर मैं देख रहा हूं । जो अभी भी ना समझे वह अज्ञानी है , घर - घर भगवा लहराता मैं देख रहा हूं । द कश्मीर फाइल्स देखकर , हैवानों को मैं परखना सीख रहा हूं । अभी भी नहीं सुधरा भारत अगर देख कर , धर्म सनातन का अंत मैं देख रहा हूं । बरसों पहले भी लिखा था दर्द भरा सच हमने , आज भी सच मैं प्रमोद लीख रहा हूं । कल तक अनजान थे हम दरिंदों से , आज खुली आंखों से मैं सच देख रहा हूं ।। """"""""""""""""""""""""""""""""""""""" प्रमोद मालाकार की कलम से """""""""""""""""""""""""""""" ©pramod malakar # कश्मीर फाइल्स
# कश्मीर फाइल्स #कविता
read moreपूनम शशिकला देवीदासराव कुलकर्णी
काही लोक द्वेष करत तर काही लोक भ्रष्ट्र म्हणून मोकळी व्हायची, खर सांगतो लोकहो तुमच्यासाठी लढायचो आम्ही भावना कधीच दृष्ट नसायची.. तुम्हाला मारताना आम्हालाही व्हायचा त्रास, आम्ही ते करायचो जिवंत ठेवण्यासाठी तुमचा श्वास... आम्हालाही कुटुंब आहे तरीही फिरतो वणवण, कारण आम्ही जीवन देशाला केलय अर्पण... आम्ही लढत राहतो अन आमचा कधी जीवही जातो, बापाशिवाय जगण्याचं सामर्थ्य आमच्या लेकरासी देऊन जातो... खर सांगते लोकहो पोलीस होणं जीवन मरणाचा खेळ असतो, कधी काय होईल याचा काही मेळ नसतो... ✍️पुनम शशिकला देवीदासराव कुलकर्णी (13/06/2020) #पोलीस #nojotomarathi
somnath gawade
अधिकारी मित्रांनो, पदाबरोबर येणारा अहंकार 'कुरवाळत' बसाल तर तुमच्या नात्यांमधील ओलावा कधी 'वाळत'जाईल हे कळणार सुद्धा नाही. विशेषतः पोलीस खात्यासाठी
विशेषतः पोलीस खात्यासाठी
read moreMairi AawaZ Suno
शरीफों की शराफत से डर नहीं लगता साहब अब तो पोलिस से डर लगता है अब जब भी खिड़की दरवाजों पर दस्तक होती है चोर उचक्के गुंडों से नहीं साहब पोलिस से डर लगता है अब आलम यह है जब भी गुजरता हो रास्तों से कोई पत्थर आ जाए पैरों में तो दंगाइयों से नहीं साहब पुलिस से डर लगता है जिन्हें मुल्क की हिफाज़त के लिए रखा है उन्हीं ने हमारे घरों को लूटा है साहब खाई है रिश्वत बे हिसाब और गरीब मासूम मजलूमों को पीटा है साहब यही वक्त था तुम्हारे पास अपने किरदार को बदल देते साहब इंसानियत जिंदा है अभ्भि दिलों में तुम्हारे ये मुल्क को बता देते साहब पर किया ना तुम ने अब भी ऐसा ना बुढ़े ना बच्चे देखें ना मां बहनों को देखा साहब हाथों को तोड़ा पैरों को तोड़ा किसी का तुमने सर है फोड़ा हद कर दी तुमने तो देखो किसी को जान से ही धोडाला साहब ना कहेना था ये सब मुझको पर हद कर डाली तुमने तो साहब पर अब कहना पड़ता है मुझको शर्म बड़ी आती है साहब अब बड़ी शर्म आती है बड़ी शर्म आती है मैं अपनी हिफाज़त के लिए किसके पास जाऊं साहब अब तो पुलिस ही जुल्म ढाती है जो बिक चुकी चंद सिक्कों में साहब ऐसी पुलिस पे शर्म आती है जो संविधान की बात ना करती जो संविधान से कामना करती उस पुलिस पे शर्म आती है उस पुलिस पे शर्म आती है। ( खान रिज़वान ) #पोलीस पर शर्म आती है
#पोलीस पर शर्म आती है
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