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Rajani Gupta (Ruhh)
इश्क़ ने इश्क़ के लिए लिवाश-ए- कफ़न मांगा है.. एक घूंट भी ना मिले पानी, ऐसी जगह मौत - ए- दफ़न मांगा है...!! @रजनी..✏️💔 #हिंदीकविता #शायरी #रेख़्ता
Akshay Meena Gupta
अलविदा दिल-ए-ख़ुश-फ़हम उम्मीद न रख उनके लौट आने का खुद से मुख्तलिफ कर उन्हें अलविदा कह के #रेख़्ता #Rekhta #अलविदा
Hemant Rai
रेख़्ता __________ कोई हिंदू, कोई मुस्लिम, कोई सिक्ख तो, कोई ख़ुद को ईसाई बताता है, कमबख्त ये इंसान, ख़ुद को इंसान क्यूं नहीं बताता है! __________ हेमंत राय। #रेख़्ता #शायरी #हिंदी #nojoto
Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय"
ख़्वाहिश और जरुरत ख़्वाहिश तो आसमाँ छूने की रखते हैं, हम जैसे छोटे लोग। पर जब अपनी औकात याद आ जाती है, तो बस इतना ही सोचते है, कि हमारी मुलभुत ज़रुरते ही पूरी कर दी जायें, इतना ही काफ़ी है। क्योंकि यहाँ हर बुलंद आवाज़ को, बंद कर दिया जाता है, और सत्य को ही संसद में मौन होकर नेताओं के रहम का, मुहताज़ होना पड़ता है। बस इतना ही कहना है......... आज मैं नि:शब्द हूँ, और मेरी लेखनी की धार में जंग लग चूका है। #ख़्वाहिश
beksoor kalm✒️
ख़्वाहिश खुदा ने कहा अपने गमो की यूँ नुमाइश न कर अपने नसीब की आजमाइश न कर जो तेरा है तेरे दर पर आयेगा यूँ हर रोज उसे पाने की __ख्वहिश_न कर #ख़्वाहिश
sandeep badwaik(ख़ब्तुल) 9764984139 instagram id: Sandeep.badwaik.3
कितने मक़ान, कितनों की जान उठाएगी... ये ज़मीन कब तलक आसमान उठाएगी..। एक हीरा मिले बस इतनी सी ख़्वाहिश में... उम्मीद, कोयलॆ और खदान उठाएगी ..। माना कि,वक़्त ने सब घाँव भर दिए लेक़िन... याद ताउम्र बदन के निशान उठाएगी..। बड़ा लंबा सफ़र था जिंदग़ी थक गया हूँ... हमे लगता नहीं मौत थकान उठाएगी..। कल इसलिए एक मर्द ने औरत कुचल दी... अब नक़ाब उठाया,कल ज़बान उठाएगी..। जिंदग़ी ठुकराके दिलों ने ज़हर पी लिया... मोहब्बत उसूलों की दुकान उठाएगी..। - ख़ब्तुल संदीप बडवाईक ©sandeep badwaik(ख़ब्तुल) 9764984139 instagram id: Sandeep.badwaik.3 ख़्वाहिश
sandeep badwaik(ख़ब्तुल) 9764984139 instagram id: Sandeep.badwaik.3
इस परिंदे की ख़्वाहिश बस इतनी अाकाश मिले... उनको पाने से मतलब चाहे मेरी लाश मिले..। मैं तो राहे और मंज़ील दोनो छोड़ ही दूँ... अगर किसी भी मोड़ पर रोती हुई तलाश मिले ..। अाज नहीं कल ये मंज़र यहा ज़रूर बदलेगा ... उसकी राख ही चाहे लेक़िन “ख़ब्तुल” काश मिले...। - ख़ब्तुल संदीप बडवाईक ख़्वाहिश