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Aps Abhishek
zahid shah Mheshwar
मेरी चाहत का वो मौसम सुनहरा याद है तुमको जो मेरे साथ घुमा था वो मेला याद है तुमको मेरे हाथों को जब तुम थाम के घबरा के बैठी थी वो दिल की तेज़ धड़कन और वो झूला याद है तुमको याद है तुमको
प्रेम और मैं
याद है तुमको, वो सवेर की पहली किरण से आँख खुलते ही तुम्हे देख रोशन होता था मैं, उस चमकती रौशनी में जब आँखे चौंधियां जाती थी, तब तुम अपनी ज़ुल्फ़ों से साया कर मुझे खुदको करीब से देखने देती थी, और तिरछी नज़रों से नापती थी फासला मेरे तुम्हारे दरमियां। और जब लपक के मैं चादर की आड़ में छिप जाता, कि तुम्हारी आँखों में देख बहक न जाऊँ, पर तुम मेरे सिरहाने बैठ मेरे बालों में अपनी मौजूदगी का स्पर्श देती थी। हाँ! बस वही रौशनी अब कहीं खो गई है, अब सवेर तो होती है मगर रौशन नहीं। याद है तुमको🖤
Marutishankar Udasi
सिने मे दिल दिल मे तुम हो मोहब्बत मे बेवफा हम है की तुम हो कोई और न गम उदासी को जब दिल है मेरा तो याद यह करता है क्यों तुमको ©Marutishankar Udasi क्यो याद करता है तुमको
Sanjay Ni_ra_la
और बताओ, मेरी याद तुम्हें आती है क्या? रातों को तुम्हें अक्सर जगाती है क्या जब जब गोधूलि में सूरज मिलता धरती से मुझसे मिलने की बेचैनी तुम्हें सताती है क्या बताओ ना मेरी याद तुम्हें आती है क्या? वो बातेँ, वो रातें, साथ में झील का किनारा टीम टीमाती चांदनी तुम्हें सताती है क्या हाथों में मेरा हाथ, तुम्हारा गर्म एहसास साँसों का शोर मद्धम याद आती है क्या बताओ ना मेरी याद तुम्हें आती है क्या ©Sanjay Ni_ra_la बताओ ना मेरी याद आती है क्या???
Suyogya Singh 'Aviadeez'
वो सिहरन ! मेरे छूने से क्या अब , याद है तुमको ? वो तुम जब रूठ जाती थीं , मनाना !! याद है तुमको ? खफा होकर के जब तुम , बैठ जातीं थीं कभी मुझसे वो मेरा धुन गिटारों की , बजाना...याद है तुमको ? ।।१।। वो बन जाना हरफ़ तेरा , मुझे फिर हाशिया कहना तू मेरी शाज़िया ही थी , तू मेरी शाज़िया रहना वो चिलमन में सिमट जाना , के मेरे मुन्तज़िर को , फिर वो अपनी ज़ुल्फ़ की लट को घुमाना...याद है तुमको ? ।।२।। ©Suyogya Singh 'aviadeez' याद है तुमको ? #suyogyasingh #aviadeez #adz #nojotohindi #ishq
warid raza
बताओ क्या मिला तुमको मुझे छोड़ कर मेरा नज़ुक़ सा दिल तोड़ कर जो हे आज ये सब कुछ तुम पर क्या यही सब पाना था तो फिर हम से भी तो एक बार बतलाना था जब जब तुमने मुझसे कुछ भी मंगवाया था याद हे मुझको आज भी मे वो सब कूछ लाया था फिर कौनसी मजबूरी थी ऐसी जो गये तुम मुझे छोड़ कर मेरा नाज़ुक सा दिल तोड कर बताओ क्या मिला तुमको मुझे छोड़ कर