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MAHENDRA SINGH PRAKHAR
चौपाई छन्द , चित्र-चिंतन काशी के हैं घाट निराले । भक्त सभी है डेरा डाले ।। माँ गंगा की करें आरती । होती खुश हैं मातु भारती ।। भोले बाबा की यह नगरी । गलियां मिलती टेढ़ी सकरी ।। बम-बम बम-बम होती काशी । हरते दुख सबके अविनाशी ।। यह तन है मिट्टी की काया । इसकी बस कुछ दिन की छाया ।। आज मान लो मेरी बातें । होगी जगमग तेरी रातें ।। माँ गंगा में ध्यान लगाओ । भव से सभी पार हो जाओ ।। यह तन माया की है गठरी । हाथ न आये बिल्कुल ठठरी ।। पाप सभी गंगा धुल आये । फिर भी मन में पाप छुपाये ।। पाप नाशिनी होती गंगा । मारा डुबकी मन है चंगा ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR चौपाई छन्द , चित्र-चिंतन काशी के हैं घाट निराले । भक्त सभी है डेरा डाले ।। माँ गंगा की करें आरती । होती खुश हैं मातु भारती ।। भोले बाबा क
चौपाई छन्द , चित्र-चिंतन काशी के हैं घाट निराले । भक्त सभी है डेरा डाले ।। माँ गंगा की करें आरती । होती खुश हैं मातु भारती ।। भोले बाबा क #कविता
read moregudiya
White बुद्ध के चित्र को मानस पटल पर लगाया धीरे-धीरे विचारों को उनके बूटी बनाया इन बूटियों को चरित्र में मिलाया शांती के राह राह पर मन को चलाया त्याग की प्रवृतियों को पनाह ज़ेहन में दिलाया इस तरह मैने भी बुद्द्म शरणम गच्छामि अपनाया ! बुद्धं शरणं गच्छामि !! बुद्धं शरणं गच्छामि!! बुद्धं शरणं गच्छामि !! ©gudiya #Buddha_purnima बुद्ध के चित्र को मानस पटल पर लगाया धीरे-धीरे विचारों को उनके बूटी बनाया इन बूटियों को चरित्र में मिलाया शांती के राह राह प
#Buddha_purnima बुद्ध के चित्र को मानस पटल पर लगाया धीरे-धीरे विचारों को उनके बूटी बनाया इन बूटियों को चरित्र में मिलाया शांती के राह राह प #कविता #nojotohindi #nojotoLove #nojotoenglish #nojotoshayari
read moreNeeraj Vats
तेरी तस्वीर मेरे दिल में ऐसी बसी कि दीवार पर चित्र लगाना भूल गया। तेरा संदेशा क्या आया मिलने का जल्दबाजी में मैं इत्र लगाना भूल गया।। ©Neeraj Vats #good_night #Good_Positive #good_thought #goodvibes #shubhratri #शुभरात्रि तेरी तस्वीर मेरे दिल में ऐसी बसी कि दीवार पर चित्र लगाना भूल
#good_night #Good_Positive #good_thought #goodvibes #shubhratri #शुभरात्रि तेरी तस्वीर मेरे दिल में ऐसी बसी कि दीवार पर चित्र लगाना भूल #विचार
read moreअदनासा-
White पेट खाली हो और भूख बड़ा सवाली हो, तो सुखी रोटी भी शहद सा मीठा लगता है। लेकिन पेट भरा हो और जीभ मवाली हो, तो फ़ना मुर्गे में स्वाद थोड़ा नमक मांगता है। ©अदनासा- चित्र सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://clubparadis.prezly.com/koen-vanmechelen-lands-in-knokke-heist-with-the-major-exhibition-cosmopo
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
चित्र-चिंतन :- कुण्डलिया ताला मुँह पर मैं लगा , बैठा अब तक यार । सोचा था अनमोल है , प्रेम जगत व्यहवार ।। प्रेम जगत व्यहवार , इसी में जीवन फलता । लेकिन पग-पग आज , हमारा जीवन जलता ।। त्याग छोड़ व्यहवार , समय कहता है लाला । बुजदिल समझें लोग , देखकर मुँह पर ताला ।। १२/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR चित्र-चिंतन :- कुण्डलिया ताला मुँह पर मैं लगा , बैठा अब तक यार । सोचा था अनमोल है , प्रेम जगत व्यहवार ।। प्रेम जगत व्यहवार , इसी में जीव
चित्र-चिंतन :- कुण्डलिया ताला मुँह पर मैं लगा , बैठा अब तक यार । सोचा था अनमोल है , प्रेम जगत व्यहवार ।। प्रेम जगत व्यहवार , इसी में जीव #कविता
read moreShailendra Anand
Men walking on dark street रचना दिनांक 6,,,4,,,2024,, वार शनिवार समयकाल,,,,सात बजे ्््््््शीर्षक ््छाया चित्र में भावचित्र खिंचती चली गई तस्वीर है,, सुर्य की प्रचण्ड अग्नि तत्व तेज रश्मि प्रभा से झुलसते हुए जनजीवन पर खासा असर पड़ता है ्््््् ्््््निजविचार है ्््् सिन्दूरी रक्त लालिमा से अच्छादित है प्राकृतिक सौंदर्यता बिखेरती नजर आ रही है,, प्रेम से ही इस रचना में मनोभाव और स्थापत्य कला संस्कृति साहित्य दर्शनीय है।। प्रेम गगन नारंग मण्डल में एक दर्शनीय स्थल सा कोणार्क सूर्य मंदिर कोणार्क मंदिर वास्तुकला और चरित्र चित्रण किया गया ईश्वर ने इतना सुंदर और चमकदार आकर्षक है ,, और यह सुखद अहसास हो प्यारा सा जीवन सैलानीयो से यह दर्शनीय स्थल रेस्त्रां और व्यवसाय में नगर और आसपास के लघु उद्योग हस्तकला खानपान पर ध्यान केंद्रित कर पर्यटन विभाग द्वारा संचालित मिशन नेशन विचार कामयाब हो सकते है ।। प्रदेश सरकार द्वारा और केन्द्रीय पर्यटन विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देश से निर्मित निरन्तर प्रयास ही अच्छे परिणाम प्राप्त होते है ,, श्रद्धा में भावना से मन प्रसन्न हो ऐसे चले जाते है।। असंख्य यात्रियों का काफिला अपने सपने बुनते हुए,, जीवन के सपने लेकर चलते रहो जमाने में क्या रखा है।। नदी किनारे से हरियाली से आच्छादित वन जंगल परिक्षेत्र और रमणीय दृश्य दृषयावलोकन सौंदर्यता बिखेरती नजर आ रहे है,, वन्य जीव अभयारण्य में प्रवासी दुनिया के आनंद मौज मस्ती में एक अलग ही सुन्दर छबि मनोमय मनोरम दृश्य में अपनी दिशा लेकर चलते रहें ।। जस्बात पर जिंदगी के उतार चढ़ाव में ,, सच बोल का संवाद संदेश पर आपबीती चर्चा कर मन को शांति मिलती है।। यही सही समय पर जिंदगी की फिलासफी प्रेम शब्द की शिक्षा दीक्षा संस्कार परिवार से जुड़े हुए रहते है,, मन को शांति प्रदान करे मनोरंजन त्वमं नमामि देवेभ्यौ नमः आपका छायाचित्र ही सुन्दर छबि मनोमय प्यारी छायाचित्र कृति है।। और यह सुखद अहसास हो प्यारा सा जीवन में एक जीवंत कलाकृति होती है,, यही भाव से जन्मा विचार की मां शब्द से जन्मा मातृभूमि भारत में सबसे विश्वसनीय कर्मस्थली मापदण्ड सब धर्मों में समरुपता है।। ्््््््् ्््््कवि शैलेंद्र आनंद ््््् 6,,, अप्रैल,,,,2024,, ©Shailendra Anand #Emotional छाया चित्र में भावचित्र खिंचती मुखपृष्ठ स्क्रीन पर जिंदगी में यात्रियों का और पर्यटन स्थल आयना नजरिया आनंद ही आनंद है यही सुखद अह
#Emotional छाया चित्र में भावचित्र खिंचती मुखपृष्ठ स्क्रीन पर जिंदगी में यात्रियों का और पर्यटन स्थल आयना नजरिया आनंद ही आनंद है यही सुखद अह #मोटिवेशनल
read moreदीपा साहू "प्रकृति"
तुम्हारे प्रेम को अश्कों में भिगोना नहीं चाहती तुम्हें पा लेने की लालसा में, तुम्हें खोना नहीं चाहती। तुम तो प्रीत हो हृदय में समाहित। लाल रक्त कणिकाओं संग तुम भी हृदय से मस्तिष्क तक विचरते रहते हो! कभी होंठो पे मुस्कुराहट बनकर, ओस की बूंदों सा कभी ढलकर! कभी बहती नदियों सा कल-कल, हृदय की दीवारों पर चित्र उभरकर इन चित्रों को धोना नहीं चाहती तुम्हें पा लेने की लालसा में, तुम्हें खोना नहीं चाहती। मिलो-न-मिलो प्रीत तुमसे रहेगी, जीवन अंतिम क्षणों तक, तुम्हें रोना नहीं चाहती! तुम्हारे प्रेम को अश्कों में भिगोना नहीं चाहती तुम्हें पा लेने की लालसा में, तुम्हें खोना नहीं चाहती। ©दीपा साहू "प्रकृति" #Hope #Prakriti_ #deepliner #tum #love #intejar #Yaad #Nozoto तुम्हारे प्रेम को अश्कों में भिगोना नहीं चाहती तुम्हें पा लेने की लालसा में
#Hope #Prakriti_ #deepliner #tum love #intejar #Yaad #Nozoto तुम्हारे प्रेम को अश्कों में भिगोना नहीं चाहती तुम्हें पा लेने की लालसा में #Poetry
read moreN S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} हमें भगवान श्री कृष्ण जी को, चित्र में नही, चिंतन में लाना चाहिए, हमें अपनी वाणी, अपना चरित्र, अपना यह अनमोल उपहार, जो भगवान की कृपा से मिला यह जीवन, संसार में रहते हुए, भगवान का किसी भी छन्न, विस्मरण न हो, हमारा जीवन मंगलमय ही है, तथा अन्य और कुछ भी करने के लिए शेष नही रहता।। जय श्री राधे कृष्ण जी।। ©N S Yadav GoldMine #lakeview {Bolo Ji Radhey Radhey} हमें भगवान श्री कृष्ण जी को, चित्र में नही, चिंतन में लाना चाहिए, हमें अपनी वाणी, अपना चरित्र, अपना यह अनम
Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma
हमारी नियति है। कभी शून्य से आगे बढ़ ही नहीं पाए , जब भी हमने सोचा की शायद अब नियति मे कुछ बदलाव आया होगा तो तभी कुछ ऐसा होता है की फिर उसी मोड़ पर आकर खड़े हों जाते हैं। कभी कभी तो लगता है अपने हाथ पैर मारना ही छोड़ दे ताकि कुछ पल सुकून के तो मिल सके पर यह भीं इसे मंजूर नहीं होता है, फिर कोई न कोई राह दिखा कर फिर उसी मोड़ पर ले आती है। ना यह चेन से जीने देती है और ना मरने देती है। जब तकलीफ़ का दौर देखा और अपने आप को कोसने लगे तो फिर इसे शख्स को सामने लाकर खड़ा कर देगी। जो हमसे भीं ज्यादा तकलीफ़ मे होगा, उसे देख कर और उनकी तकलीफ़ को सुनकर उनके लिए प्रार्थना करने के लिए अपने आप भगवान के आगे उठ जाते हैं। और आंखो में अश्रु भर जाते हैं। बस और बस केवल उनकी ही पीड़ा मन में रहती है। जब हाथ पकड़ कर कहती हूं सब ठीक हों जायेगा। तो वो जैसे ही ठीक हों जाता था। तो हमे भूल जाता है। और मन में एक ठीस सी उठती है। हमें दुःख किस बात का हुआ वो भूले इस कारण यां उनकी पीड़ा हमारे अंदर आ गई उसके कारण.. समझ नहीं आता की नियति क्या खेल खेलती है। हमारा मन एक कोरा कागज़ है उसपर हर तरह के रंग भर देती है। चाहें हमें पसंद हों यां नहीं। बस भरे जा रहीं हैं, भरे जा रही है। जो देखेगा तो उसका अलग ही मत होगा। कोई अपनी अलग ही राय कायम करेगा। पर इन सब के बीच में पिसता पेपर हैं। अगर रंग अच्छे भरे तो सुंदर चित्र उभर कर आयेगा और उसे साथ ले जायेगा। और किसी को पसंद नहीं आया तो कचरे के डिब्बे में फेका जायेगा, तब वो स्याही भीं ख़राब तो उस पेन की चुबन और वो पेपर भीं ख़राब हों जायेगा। और बाद में हमारी नियति भीं ख़राब बता दी जायेगी क्योंकि सबसे बड़ी कलाकार हमारी नियति है और हम वो प्लेन पेपर है, और दुःख, सुख, शांति, पीड़ा, संघर्ष रूपी कलम सभी हमारी नियति है। और शून्य से बढ़े तो शून्य में ही विलीन हों गए। ©Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma #aaina हमारी नियति है। कभी शून्य से आगे बढ़ ही नहीं पाए , जब भी हमने सोचा की शायद अब नियति मे कुछ बदलाव आया होगा तो तभी कुछ ऐसा होता है की