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dilkibaatwithamit
White सीने से लग जाओ कि दिल की ये वीरानी नहीं जाती ज़माने ने दिए हैं जो ग़म उनकी परेशानी नहीं जाती मेरी आँखों मे हमेशा से पैबस्त है इक तेरी ही तस्वीर फिर क्यों जिस्म-ओ-जिगर से ये हैरानी नहीं जाती इस हिज्र ज़दा शब में फ़रियाद करें भी तो किससे करें अपनों की शक्ल में पराई शक्ल पहचानी नहीं जाती तुम्हारे सिवा कोई भी ग़म-ख़्वार नहीं है मेरा जहां में आ कर थाम लो ग़म-ए-दिल की फ़रावानी नहीं जाती तुम चूम लो सिलवटों से भरी ये पेशानी मेरी ' ज़ेहन में बस गई है जो घबराहट अनजानी नहीं जाती ©dilkibaatwithamit सीने से लग जाओ कि दिल की ये वीरानी नहीं जाती ज़माने ने दिए हैं जो ग़म उनकी परेशानी नहीं जाती मेरी आँखों मे हमेशा से पैबस्त है इक तेरी
सीने से लग जाओ कि दिल की ये वीरानी नहीं जाती ज़माने ने दिए हैं जो ग़म उनकी परेशानी नहीं जाती मेरी आँखों मे हमेशा से पैबस्त है इक तेरी
read moreBhupendra Rawat
White मैने जो किस्से लिखे है वो मेरे हिस्से मे आयेंगे दर्द के सैलाब मे भी तबस्सुम खिलाएंगे अगर पढ़ोगी तुम हरेक किस्सा तो रूठे पल याद आयेंगे तुम ही आरम्भ थी और अब तुम ही अंत हो इसका कारण पूछा अगर तुमने तो हम बस मुसकराएँगे हंसी का मुखोटा साथ लाये है जख्म को अपने मरहम बनाएंगे देखते रहना हौसलों को तुम दर्द के सैलाब मे भी कश्ती लेहरायेंगे ©Bhupendra Rawat #Sad_Status मैने जो किस्से लिखे है वो मेरे हिस्से मे आयेंगे दर्द के सैलाब मे भी तबस्सुम खिलाएंगे अगर पढ़ोगी तुम हरेक किस्सा तो रूठे पल याद
#Sad_Status मैने जो किस्से लिखे है वो मेरे हिस्से मे आयेंगे दर्द के सैलाब मे भी तबस्सुम खिलाएंगे अगर पढ़ोगी तुम हरेक किस्सा तो रूठे पल याद
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
White मैं बैठे-बैठे सोच रहा था, उनकी तस्वीरें ताक रहा था। मन के कोने में हलचल थी, लबों पर नाम सजा रहा था। बीती यादों का सैलाब उमड़ा, गुज़रा वक्त भी सता रहा था। जिक्र उनका अब जरूरी नहीं, खयालों में डूबता जा रहा था। ©theABHAYSINGH_BIPIN #Sad_Status मैं बैठे-बैठे सोच रहा था, उनकी तस्वीरें ताक रहा था। मन के कोने में हलचल थी, लबों पर नाम सजा रहा था। बीती यादों का सैलाब उमड़ा,
#Sad_Status मैं बैठे-बैठे सोच रहा था, उनकी तस्वीरें ताक रहा था। मन के कोने में हलचल थी, लबों पर नाम सजा रहा था। बीती यादों का सैलाब उमड़ा,
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