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shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
Kunal Rajput (नज़र نظر)
Sharmila'S Diary
सफ़र में रियायत कुछ यूंँ मिली हैं बावस्ता, कि गिर के उठने में हम जीना सीख गए। ©Sharmila'S Diary सफ़र में रियायत कुछ यूंँ मिली हैं बावस्ता, कि गिर के उठने में हम जीना सीख गए। 🥹❤🩹🥀 #Raat #सफर #safar #Love #Life #Nojoto #Hindi #Shayari #u
Shivkumar
White { ∆ कड़क कविता किसी को पता नहीं है, लेकिन मैं इसे साझा कर रहा हूं क्योंकि मैं इस विचार को समझता हूं.. कम शब्दों में बहुत कुछ कहा जाता है ।। ∆ } मेँ भारत देश का रहने वाला हू हाथ में हर चीज़ आयताकार होनी चाहिए....!! ये बिजली कभी नहीं बचाएगी बील लेकिन माफ़ करें...!! मै कोई पेड़ नहीं लगाऊंगा बारिश लेकिन अच्छी...!! कभी शिकायत नहीं करूंगा लेकिन कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता है....!! इन नेताओ का रिश्वत के बिना काम नहीं होगा लेकिन भ्रष्टाचार को ख़त्म होना ही चाहिए...!! मैं कचरा खिड़की से बाहर फेंक दूँगा लेकिन शहर में स्वच्छता की जरूरत है....!! मैं काम पर समय व्यतीत करूंगा लेकिन हर साल एक नये वेतन आयोग की जरूरत होती है....!! जाति के नाम पर रियायत मै लूंगा लेकिन यह मेरा देश धर्मनिरपेक्ष होना चाहिए...!! मैं वोट देते समय जाऊंगा लेकिन ये जातिवाद बंद होना चाहिए...!! मैं इस टैक्स भरते समय उन कमियां ढूंढूंगा लेकिन ये विकास को पुरी मजबूती से ,होना या करना चाहिए....!! ©Shivkumar #VoteForIndia #Vote #चुनाव #मतदान #Politics { ∆ कड़क कविता किसी को पता नहीं है, लेकिन मैं इसे साझा कर रहा हूं क्योंकि मैं इस #विचार को
शिवानन्द
बिछड़ जाते हैं लोग खुद से हमसे मिलकर रियायत नहीं दी जाती यहां मिलकर बिछड़ने की..। ~~शिवानन्द #रियायत ❣️
दीक्षा
खुद्दार होना गलत है क्या हक़ मांगना गलत है क्या इश्क करना गलत है क्या अगर नहीं तो किसी से मोहब्बत और किसी की रियायत सही है क्या रियायत = favouritism #खुद्दार #रियायत #इश्क़ #गलत #हिंदी #diaryofdiksha #yqbaba #yqdidi
Vijay Kumar उपनाम-"साखी"
रियायत में सियासत हो रही है पानी मे अब आग हो रही है जिसको पूंछते है,वो रोता है, फूलों से खुश्बु ही खो रही है नाम लेते वो नेकी के काम का पेट भर लेते है खुद के नाम का गरीबी पे बड़ी राजनीति हो रही है रियायत में सियासत हो रही है जिनके लबों पे हंसी चाहिये, उनके लबों पे आग हो रही है जिनके पहले से ही घर भरे है, उनके घरों पे भुखमरी हो रही है आजकल तो बिना चले ही यारों, मंजिल से मुलाकात हो रही है पर एकदिन तो ये दरिया सूखेगा, ये भ्र्ष्टाचार का भांडा फूटेगा, ईमानदारी की राह चलने से ही, हमारी गिनती सितारों में हो रही है रियायत में अब रियासत नही हो, आंख में किसी गरीब के नीर न हो, इसके लिये हमारी ईमानदारी, हमारी सत्य के प्रति वफादारी, भ्र्ष्टाचार के प्रति हिम्मत भारी, इनसे ही दुनिया अच्छी हो रही है दिल से विजय रियायत में सियासत