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कवि राहुल पाल 🔵
#internationalmensday ©Dead Man Walking आज विश्व पुरुष दिवस है। विडंबना के साथ-साथ विश्व शौचालय दिवस भी है। अब आप समझ सकते हैं कि पुरुष कितने दुखी होते हैं। कोई फर्क नहीं पड़ता कि
Parasram Arora
क्रांति के पथ से हम गुज़र आये हैं अब हमेँ शांति पथ पऱ अग्रसर होने के लिए तैयार होना हैं स्वतंत्रता का लक्ष्य तों हमने पा लिया पर अभी हमेँ बहुत कुछ और भी पाना हैं जो सोने की चिड़िया उड़ गई थी उसे अपने देश मे फिर से हमेँ लाना हैं ©Parasram Arora सोने की चिड़िया
अज़नबी किताब
सारा दिन थकी सी वो, रात को सोने की बड़ी सोखिन है | रात के सपनों में भी वो अपनी एक और ख्वाबों की दुनिया जो देखने जाती है | सोने की सोखिन...
डॉ मनोज सिंह,बोकारो स्टील सिटी,झारखंड। (कवि,संपादक,अंकशास्त्री,हस्तरेखा विशेषज्ञ 7004349313)
बातों में बातें रख देंगे। दिल,जाते -जाते रख देंगे।। तू कद की कीमत क्या जाने? जर ,आते - आते रख देंगे।। ©डॉ मनोज सिंह,बोकारो स्टील सिटी,झारखंड। (कवि,संपादक,अंकशास्त्री,हस्तरेखा विशेषज्ञ 7004349313) #कद की कीमत
Amit Singhal "Aseemit"
वक्त की कीमत न समझने वालों को तवज्जोह ना दीजिए, ज़्यादा समझदारी इसमें है कि ऐसे लोगों से दूरी बना लीजिए। क्योंकि जो इंसान आपके वक्त को अहमियत ही नहीं देगा, सच यह है कि ज़रूरत पड़े तो वह आपकी सुध नहीं लेगा। ©Amit Singhal "Aseemit" #वक्त #की #कीमत
लेखक ओझा
मै थकता नहीं कभी क्योंकि मुझे अपनो की कीमत पता हैं।। ©लेखक ओझा अपनो की कीमत
BS NEGI
कीमत, मेरी आँसुओ की कुछ नही। कीमत, मेरी जज्बातो की कुछ नही। जिनको बुलाया था आंधियो से बचाने। वो अपनी ही कीमत हमसे ले बैठे। कीमत, दर्द में भी हम रिश्तो की निभाते चलते गये। कीमत, रिश्तों की हर बार वो लगाते चले गये। ©BS NEGI कीमत आँसुओ की
Omprakash Rajput
🌹🌹शब्दो को समलना चाहिए 🌹शब्दों मे बड़ी जान होती हैं 🌹इसी से तो इंसान की इंसान से पहचान होती हैं 🌹🌹love you sar ©Omprakash Rajput शब्दो की कीमत
प्रवीण
वोट हुं मैं फूल सी बवंडर हुं मैं धूल सी; कभी किसी पार्टी का कमल बन खिल जाती हुं; कभी किसी हाथी का श्रिंगार बन मदमस्त झुमती हुं मैं; किसी हाथ से फिर मुझे तोड़ दिया जाता है ; जब सिकुड़ जाती हुं सूख कर तब आपका झाड़ू भूल करता है मुझे कचरा समझने की ; फिर कोई किसान हल लेकर बीजता है मुझे अपने खेतों में और मैं फिर से फूल बन कमल सी खिल जाती हुं! वोट की कीमत!