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Neophyte
हर किसी को उस शख्स से मोहब्बत हो सकता है जो मेरी जरूरत है वो सबकी जरूरत हो सकता है पर न जाने क्यों हर कोई मोलभाव में परेसान है उसे देखकर बतलाओ क्या उसका कोई कीमत हो सकता है चाँद तभी से छिपता फिर रहा जब से उसे पता चला है कोई उससे भी ज्यादा खूबसूरत हो सकता है एक बार उसकी नज़रो के धार से जख्म लेकर देखो बड़े बड़े सल्तनतों से बगावत हो सकता है हमे भी तो इश्क़ के ताकतों का अंदाज़ा नही था हमे कहा पता था हमारा ऐसा नौबत हो सकता है हमे हज की ख्वाहिश बेवजह थी शायद घूँघट उठा कर भी खुदा का ज़ियारत हो सकता है (क्षत्रियंकेश) घूँघट
घूँघट
read moreanurag saxena
तुम घूँघट में हम से मिलने आया न करो आधा अधूरा चांद हमे अच्छा नही लगता। ---------अनुराग घूँघट
घूँघट
read moreSarita Malik Berwal
काश! मेरे घूँघट की बजाय समाज अपनी आँखों का हिसाब देता! ©Sarita Malik Berwal #घूँघट
santosh bhatt sonu
घूँघट ही डाल लो, अगर मुझे नजर नही आना है तो होकर दूर दूर, बार बार मुंह फेरना ये चुभन मुझसे सही नही जाती मार ही डालो मुझे अगर ऐसे ही तड़पाना है तो घूँघट
घूँघट
read moreBhairav
घूँघट भी एक अजीब प्रथा है....🤷♂️ ओढ़ने वाला बेफिक्र रहता है....🙆🏻♂️ 🙅🏻♂️ और 🙅🏻♂️ देखने वाला बेचैन...👀 💐🤝🏻💐 राधे-राधे #घूँघट
paritosh@run
#RIPDilipKumar घूँघट पुरुषों को दिया जाने वाला सम्मान नहीं है, उनकी निम्न मानसिकता से खुद को बचाने का एक उपाय है, परंतु ये स्त्रियों में आत्मविस्वास की कमी को भी प्रदर्शित करता है। ©paritosh@run घूँघट
घूँघट #RIPdilipkumar
read moreRahul pateriya
घूँघट सर पर डाला करो, फालतू के भृम न तुम पाला करो, खूबसूरती तो तुम्हारे बोलने के लहजे मे झलकती है चेहरा देखने वालों को उलझन मे डाला करो.. मेरी जान हो तुम अपनी संस्कृति के अनुसार खुद को ढाला करो.. मैंने तुम्हारे ऊपर कोई बंदिशें नही लगाई हैं बस प्यार को मेरे नजर न लगे तुम घूँघट खूबसूरत दिखने के लिए डाला करो।। #घूँघट #घूँघट
sandeep badwaik(ख़ब्तुल) 9764984139 instagram id: Sandeep.badwaik.3
घूंघट में चाँद बादल को घूँघट बनाके चाँद छुप गया... सूरज की रोशनी मॆं फिर अंधेरा लूट गया..। जैसे जैसे रात बढ़ती गयी... एक-एक जुगनू ज़ाहिर हो गया..। मैंनॆ दर्द निकाला तो... हर एक शख़्स शाइर हो गया..। सिर छुपाने के चक्कर मॆं ... पैर खुलॆ रह गये..। भूक अनशन पर थी तो... ख़ामख़ा जलतॆ चूल्हॆं रह गये..। पलको की आड़ मॆं... आँख का काम जारी था..। हमसे कहकहा न संभला ... और अश्क़ भी भारी था..। घूँघट
घूँघट
read morePandey Sunil 🇮🇳
घूंघट में चाँद ढलती हुई रातों में बस ख्वाब सा लगा, आना तुम्हारा पास लाजवाब सा लगा, ओझल न हो उल्लास में मै पट पकड़ लिया, मुखडा तुम्हारा घूँघट में चांद सा लगा।। skp@basti time pass writting घूँघट
घूँघट
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