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Kajalife....
उस ट्रेन के डिब्बे में अपने आप में ,अकेले रहने का अपना अलग ही सुकूं और अनुभव है । जो तुझसे मिलने तेरे गंतव्य को जाती हो । #वो ट्रेन का डिब्बा
वो ट्रेन का डिब्बा
read moreVickram
अपनी खुशियों में हमे भी शामिल कर लो,, एक सफेद गुलाब हमारा भी यहां दर्ज कर लो,, आओ मिलकर और भी बेहतरीन बनाए जिंदगी, ऐ खुशी तुम आज से मेरा हाथ थाम लो,,, ©Vickram गुलदस्ता जिंदगी का,,,
गुलदस्ता जिंदगी का,,, #शायरी
read morerajesh jain guruji
*ये जिदंगी,* *तमन्नाओं का गुलदस्ता ही तो हैं,* *कुछ महकती हैं, कुछ मुरझाती हैं और* कुछ *“चुभ जाती हैं”......!!* तमन्नाओं का गुलदस्ता
तमन्नाओं का गुलदस्ता
read moreAnita Najrubhai
💛💛💛💛💛💛💛💛💛 फूलों का गुलदस्ता अच्छा लगता है उसमें पीला रंग बहोत ही सुन्दरहै लाल कलर के रंग का दुपट्टा अच्छा लगता है पर उसके अन्दर पीले रंग के फूल बहोत ही सुन्दर दिखते हैं मोतियों से भरा हुआ है दुपट्टा प्यार से दिया हुआ है दुपट्टा 💛💛💛💛💛💛💛 ©Anita Najrubhai #फूलों का गुलदस्ता
#फूलों का गुलदस्ता
read moreAnita Najrubhai
फूलों का गुलदस्ता मोतियों की माला तेरा मेरा प्यार बंधन के एक माला मे बंध जाये हम दोनों का रिश्ता इस गुलदस्ता फूलों का उस मे कितने सारे फूल उस गुलदस्ते को सभी पसंद करते हैं मेरे दिल मे सिर्फ तुम ही हो ओर में तुम्हें पसंद करती हूँ ओर प्यार तुम्से करती हूँ 💞💞🌷🌲🍁🏡🌟 ©Anita Najrubhai फूलों का गुलदस्ता
फूलों का गुलदस्ता
read moreDEEPIKA BELWAL
*फूलों का एक गुलदस्ता* नियत साफ़ हो न हो पर इन्सानियत तू दिखा देना । एक मां का खून हैं तू वतन के लिए परचम लहरा देना । जाति पाती का भेद न करना भुखों की भुख मिटा देना। राम रहीम के इस वतन में इन्सानियत का राह बता देना। सच्चाई की ढाल बनकर बुराई को मिटा देना । खुद आंखों में आसूं भरना पर किसी का दिल न दुखा देना। जन जन के जख्मों को भर कर सोने सा चमका देना । मजहब की दीवार तोड़ कर जन्नत कि राह दिखा देना। एक नये युग का मसीहा बन कर सबके सपनों को सजा देना । इन रंग बिरंगे फूलों से तुम एक गुलदस्ता सजा देना । दीपिका बिट्टू🥰 #Man फूलों का गुलदस्ता
#Man फूलों का गुलदस्ता
read moreRajotiya Bhuwnesh
चुल्लू भर सपनो का गुलदस्ता लेकर निकले शहरो की और गांव की मिट्टी मुस्कराई आयी एक कविता और जज़्बाती वाले ठगों ने पग पग पर लुटा सुबह से शाम फिर वापस हो गयी भौर चलते चलते कई बधाओं को चूमा कई ठगों ने बात बात पर लुटा हम नंगे पाँव ही चल निकले ख्वाब बड़े बड़े बुन बैठे हर कठिनाई को हस्ते हस्ते पार किया संघर्ष की गाथा मे चलना नहीं छोड़ा विकट समस्या मे बढ़ना ना छोड़ा सारी ताकत अब झोक चले कसके कमर अब त्यार हुए सागर के मोती फिर भौर चले राजोतीय भवनेश ©Rajotiya Bhuwnesh jangir सपनो का गुलदस्ता #Gulzar
सपनो का गुलदस्ता #Gulzar
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