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ABHISHEK RAI
शुभ रात्रि Good night 9115399998 9453217224 पिनाकी ग्राहक सेवा केन्द्र
ABHISHEK RAI
आप सभी को नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं 9115399998 9453217224 पिनाकी ग्राहक सेवा केन्द्र
Ripudaman Jha Pinaki
जग महक जाता है जब खिलती हैं बेटियाँ मुस्कुराता है हर समां जब हँसती हैं बेटियाँ। रिपुदमन झा 'पिनाकी' ©Ripudaman Jha Pinaki जग महक जाता है जब खिलती हैं बेटियाँ मुस्कुराता है हर समां जब हँसती हैं बेटियाँ। रिपुदमन झा "पिनाकी" #bonding
jai rangmanch
Ruchi Baria
यक्षस्वरूपाय जटाधराय पिनाकहस्ताय सनातनाय। दिव्याय देवाय दिगम्बराय तस्मै यकाराय नम: शिवाय् ।। ©Ruchi Baria यक्षस्वरूपाय जटाधराय पिनाकहस्ताय सनातनाय। दिव्याय देवाय दिगम्बराय तस्मै यकाराय नम: शिवाय् ॥ जो शिव यक्ष के रूप को धारण करते हैं और लंबी–लं
रिपुदमन झा "पिनाकी"
ग़र ज़िन्दगी के हाथों मजबूर नहीं होता, ग़म के करीब खुशियों से दूर नहीं होता। ढोता न बोझ दिनभर उम्मीद की गठरी का- वो आदमी भी शायद मजदूर नहीं होता। "पिनाकी" धनबाद (झारखण्ड) #स्वरचित ग़र ज़िन्दगी के हाथों मजबूर नहीं होता, ग़म के करीब खुशियों से दूर नहीं होता। ढोता न बोझ दिनभर उम्मीद की गठरी का- वो आदमी भी शायद मजदूर नहीं
रिपुदमन झा "पिनाकी"
चल पड़ा हूं मैं मगर मंजिल कहां है क्या पता, खत्म होता ही नहीं कितना है लंबा रास्ता। मैं भटकता फिर रहा निर्जन अंधेरी राह में- खुद को पाने में हुआ जाता हूं मैं खुद लापता। रिपुदमन झा "पिनाकी" धनबाद (झारखण्ड) #स्वरचित चल पड़ा हूं मैं मगर मंजिल कहां है क्या पता, खत्म होता ही नहीं कितना है लंबा रास्ता। मैं भटकता फिर रहा निर्जन अंधेरी राह में- खुद को पाने में
jai rangmanch
SONALI SEN
सती साध्वी भवप्रीता भावनी माँ , भवमोचनी आर्या दुर्गा आद्य जया, तीन नेत्र वाली त्रिनेत्र शूलपारिणी, मन में विराजी माँ हे पिनाकधारणी, सुधा सी हो बुद्धि चित्रा दूर अहंकार करे, स्वर हो प्रचंड चंद्रघंटा मैया स्वर भरे, चितरूपा चिता चिति स्वमंत्रमयी माँ , भाव से पुकारू चली आओ चली आओ माँ ।। ©SONALI SEN सती साध्वी भवप्रीता भावनी माँ , भवमोचनी आर्या दुर्गा आद्य जया, तीन नेत्र वाली त्रिनेत्र शूलपारिणी,
अशेष_शून्य
अमिट हैं , अडिग हैं, ये अविनाशी हैं, ______मेरे गिरिश्वर कैलाश वासी हैं । सरल हैं , सुगम हैं , ये कल्याणकारी हैं, ______मेरे शंकर को काशी प्यारी है । आदि हैं , अंत हैं , ये कामारी हैं, ______मेरे महेश्वर चंद्र धारी हैं । कठिन हैं , अगम हैं , ये त्रिनेत्रधारी हैं, _______मेरे विश्वेश्वर शूल पाणी हैं । उग्र हैं , रूद्र हैं , ये पिनाकी हैं, _____मेरे पर्मेश्वर कपाली हैं । सौम्य हैं , कोमल हैं , ये शिवाप्रिय हैं, ________मेरे अनीश्वर सामप्रिय हैं । प्रेम हैं , जीवन हैं , ये स्वरमयी हैं ______मेरे भूतपति जगद्व्यापी हैं। सत्य हैं , शाश्वत हैं , ये कपर्दी हैं _____मेरे मृत्युंजय कृपानिधि हैं ।। -Anjali Rai अमिट हैं , अडिग हैं, ये अविनाशी हैं ______मेरे गिरिश्वर कैलाश वासी हैं । सरल हैं , सुगम हैं , ये कल्याणकारी हैं ______मेरे शंकर को काशी प्य