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Shubham akkeyji
White जिंदगी में सबसे बड़ा Challeng उसी काम को करने में आता है, जिसे देखकर लोग कहते हैं... यह तुम्हारे बस का नहीं है... ©Shubham akkeyji #love_shayari जिंदगी में सबसे बड़ा Challeng उसी काम को करने में आता है, जिसे देखकर लोग कहते हैं... यह तुम्हारे बस का नहीं है...
#love_shayari जिंदगी में सबसे बड़ा Challeng उसी काम को करने में आता है, जिसे देखकर लोग कहते हैं... यह तुम्हारे बस का नहीं है...
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White जब पहली बार जो देखा तुम को धड़कनों में अजब हलचल सी महसूस की मैंने तेरी आँखों में जो देखी एक हसीन दुनियाँ मैंने अपनी दुनियाँ को भुला दिया मैंने ©हिमांशु Kulshreshtha बस यूँ ही.
बस यूँ ही.
read moreShashi Bhushan Mishra
बस इतने में हांफ रहे हो, डर से थर-थर कांप रहे हो, मारे जाओगे एक दिन सब, आस्तीन के सांप रहे हो, रंग बदलने में तुम माहिर, गिरगिट के भी बाप रहे हो, सिर्फ़ सियासत धर्म-कर्म है, फूंक दिया घर ताप रहे हो, पोल खुली तो बिल में दुबके, तुम कब रस्ता नाप रहे हो, पढ़े-लिखे भी बैल बुद्धि ही, लगते झोलाछाप रहे हो, भूंक रहे अपनी गलियों से, कभी तो लल्लन टाप रहे हो, 'गुंजन' घड़ा फूटना तय था, अबतक भरते पाप रहे हो, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra #बस इतने में#
#बस इतने में#
read morePRIYA SINHA
White 🫂"बस तुम हो" 🫂 जीवन के गीत में ; हार या जीत में ; बस तुम हो ! सूनेपन की भीत में ; प्रहार या प्रीत में ; बस तुम हो ! समर्पण के रीत में ; बेकार या कृत में ; बस तुम हो ! प्रिया सिन्हा 𝟑𝟎. नवंबर 𝟐𝟎𝟐𝟒. (शनिवार). ©PRIYA SINHA #बस #तुम #हो
हिमांशु Kulshreshtha
White तमन्ना है मेरे दिल की में हूँ और बस वो हो, चाँदनी रात हो सितारों की छांव में एक ख़ामोश गुफ़्तगू हो ©हिमांशु Kulshreshtha बस यूँ ही...
बस यूँ ही...
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White हमने ख्वाबों और ख्वाहिशों को टूटते देखा है, दिल के मचलते अरमानों को बिखरते देखा है, मोहब्बत कभी रोशन किया करती थी जिन्दगी, हमने तो अब चिराग़ को बेसबब बुझते देखा है. ©हिमांशु Kulshreshtha बस यूँ ही...
बस यूँ ही...
read moreSAHIL KUMAR
White वक्त फिर से ले आया उन्ही कल की गलियों में जहाँ छुटे थे, कभी कल तक के सफर, कब तक युंही लाती रहेगी ज़िंदगी फिर उन्ही लम्हों के सामने कभी अकेले तो कभी कुछ पल युंही किसी के साथ के, कब तक बेरूखा-सा रहेगा यह वक्त भी की हर बार जिंदगी ले कर आती रहेगी फिर उसी मोड़ पे ©SAHIL KUMAR फिर उसी मोड़ पर
फिर उसी मोड़ पर
read moreहिमांशु Kulshreshtha
फर्श पे गिर के बिखर पड़े हैं, फिर भी, मैं मायूस नहीं छोड़ो, उनको टूटना ही था, आखिर वो सपने ही तो थे तुमने ही जब गलत समझा, तो दिल टूटना ही था कोई होता गैर, दिल पे न लेता मैं अफ़सोस, तुम तो मेरे अपने थें ©हिमांशु Kulshreshtha बस यूँ ही..
बस यूँ ही..
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