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Abhishek 'रैबारि' Gairola
It was a perfectly stitched piece of cloth, 'twas milky white, it was magnanimous and it was patriarchal, 'Twas The Great White Men's Handkerchief. 'Twas a reanimation of nature's gifts, 'twas soft and 'twas dear, It had a special power to ward the filth off itself, 'twas a social stature, 'twas a veneration of riches, 'twas The Great White Men's Handkerchief. 'Twas a binding for the violated limbs, 'twas a throttler for an infidel lover's asphyxia, 'twas a canvas for the beloved's loving lip signature, 'twas The Great White Men's Handkerchief. 'Twas the remnant of a universal fabric, 'twas the map of sophistication, 'twas the flag of cession, 'twas a shroud for the stagnant, 'Twas The Great White Men's Handkerchief. 'Twas a clothe for the regal dinning etiquette, 'twas a duster for the blood dripping from the side of the lips after a cannibalistic treat, 'twas a bond of an infrangible partnership, 'twas a bandage for a ripped visceral, Twas The Great White Men's Handkerchief. ©Abhishek 'रैबारि' Gairola It was a perfectly stitched piece of cloth, 'twas milky white, it was magnanimous and it was patriarchal, 'Twas The Great White Men's Hand
khushboo naroliya
38 साल किये रेल के नाम, अब सिर्फ परिवार के नाम हुये। आज हुई राजनीती खत्म, अब सिर्फ retired गार्ड साहब हुये। साल की समाप्ती पर सेवा समाप्त हो रही है, मानो नये साल से नये जीवन का आगाज कर रही है। स्वस्थ सुखी रहे जीवन आपका, खुशियों से सराबोर हो हरपल आपका। रेल सेवा से है retirement लेकिन, हमेशा यूं ही साथ बना रहे आपका। Happy retirement sir 🙏🙏🌹🌹 Retirement
Retirement
read morekhushboo naroliya
जिस दिन होता होगा रिटायरमेंट, वह दिन कितना विचित्र होता होगा ना। जब आती होगी तारीख नजदीक, तो कुछ दिन और नौकरी करने की इच्छा होती होगी ना । जब ग्रुप में डालता होगा एआईजीसी का मैसेज, तो उसे देखकर थोड़ी खुशी तो थोड़ा दिल मायूस हो जाता होगा ना। जब पहनते होंगे वर्दी आखरी बार ड्यूटी आने को, तो उस वर्दी को अलविदा कहने को मन तो नहीं करता होगा ना। जब आने लगती होगी गाड़ी कोटा के नजदीक, तो कुछ धड़कन तेज हो जाती होगी ना। पूरी जिंदगी रेल को देखकर, उस दिन रेल से उतरना अच्छा तो नहीं लगता होगा ना। फिर देख कर सामने अपने अजीज मित्रों को, गला भर सा जाता होगा ना। जिन से पूरी नौकरी में कभी नहीं बनी थी, उनको भी गले लगाने को मन करता होगा ना। जिनको हमेशा ड्यूटी ऑफ करते ही घर जाने की जल्दी रहती थी, उन्हें भी उस दिन कोई जल्दी नहीं रहती होगी ना। जब रिटायरमेंट के बाद सोने जाते होंगे, तो वॉकी टॉकि टॉर्च टेल लेम्प चार्ज करने की याद जरूर आती होगी ना। जब अचानक फोन की घंटी बजती होगी, तो lobby के कॉल की एक बार तो याद आती होगी ना। वह रनिंग रूम में खाना लेने जाने से लेकर, बनाकर खाने तक की दास्तां भूल तो नहीं पाते होंगे ना। जहां भी बैठते होंगे, अपनी रेल सेवा के किस्से तो जरूर सुनाते रहते होंगे ना। जिस दिन होता होगा रिटायरमेंट, वह दिन कितना विचित्र होता होगा ना #Retirement
Rajendar Rawat
उमीद है. आपको भी पसंद आयेगी. *_रिटायरमेन्ट_* *_रिटायर्ड आदमी को,_* *_सब फालतू समझते हैं।_* *_वे छोटी छोटी बातों में,_* *_बार बार बमकते हैं।_* *_बात करो तो,_* *_अपनी ही हाँकते हैं।_* *_मैंने ये किया, वो किया,_* *_यही फांकते हैं!_* *_पत्नी कहती है_* -- *_दिन भर कुर्सी तोड़ते हो।_* *_मोबाइल में आंखे फोड़ते हो,_* *_जाओ बाजार से,_* *_कुछ सामान ही ले आओ!_* *_बहु कहती है --_* *_मुन्ना रो रहा है,_* *_उसे घुमाने ले जाओ।_* *_चाय बनाने में भी,_* *_वह शर्त लगाती है।_* *_मुन्ना को घुमा लाऊँ,_* *_तब चाय पिलाती है!_* *_रिटायर क्या हुआ,_* *_जैसे मेरी सरकार ही गिर गई।_* *_सात जन्मों की साथी पत्नी भी,_* *_रूलिंग पार्टी से मिल गई!_* *_टीवी देखता हूँ,_* *_तो बच्चे रिमोट छीन लेते हैं।_* *_कार्टून चैनल देख कर,_* *_आस्था लगा देते है!_* *_हम आस्था लायक हैं_*, *_ये कैसे जान लेते हैं?_* *_एक पैर कब्र में गया,_* *_ये कैसे मान लेते हैं?_* *_लेडीज जिमनास्टिक्स देखता हूँ,_* *_तो लोग मुझे देखते हैं।*_ *_जैसे कहते हों, बूढ़े हो गये,_* *_मगर अब भी आँखें सेकते हैं!_* *_एक दिन नाती पूछ रहा था,_* *_दादाजी, आज पेपर में,_* *_कितने एड आये हैं?_* *_मेरी अनभिज्ञता पर बोला --_* *_मम्मी तो कहती है,_* *_आप पेपर चाट जाते हैं।_* *_इतना भी नहीं मालूम,_* *_तो सिर क्यों खपाते हैं?_* *_योगा करता हूँ तो कहते हैं_*, *_मरने से ऐसे डरते हैं।_* *_जैसे दुनियाँ में कभी,_* *_किसी के बाप नहीं मरते हैं!_* *_मैं कहता हूँ अरे भाई,_* *_अभी रिटायर हुआ हूँ,_* *_कुछ पेंशन तो खाने दो।_* *_बेटा कहता है --_* *_मूलधन तो ले ही लिया,_* *_अब ब्याज को जाने दो!_* *_सोचता हूँ,_* *_रिटायरमेन्ट के बाद,_* *_ऐसा क्या हो जाता है?_* *_आफिस का बॉस,_* *_घर में जगह नहीं पाता है!_* *_उसकी सलाह मशविरा,_* *_निरर्थक हो जाती हैं।_* *_उसके बोलने पर,_* *_क्यों घर वाले झल्लाते हैं?_* *_चाहता हूँ कहूँ,_* *_घर का मुखिया न रहा,न सही,_* *_एक सम्मानित सदस्य,_* *_तो बने रहने दो_* *_न सुनना हो मत सुनो,_* *_मगर बात तो कहने दो।_* *_बोलने की आदत है,_* *_धीेरे धीरे छूटेगी।_* *_स्वयं को सब कुछ,_* *_समझने की धारणा,_* *_धीरे धीरे टूटेगी!_* *_कुछ समय के बाद मैं भी,_* *_बालकनी में बैठा चुपचाप,_* *_सड़क की ओर देखूंगा।_* *_आती जाती भीड़ में,_* *_वे कुछ चेहरे खोजूंगा।_* *_जो मुझे,_* *_फालतू बैठा देखकर भी,_* *_फालतू न समझें।_* *_हमेशा टें टें करने वाला,_* *_पालतू न समझें!_* #Retirement
Ar. Smitha
Retirement Retirement is a word which scares many. They see it as the end of the life, having a boredom pattern without any enthusiasm in life, the insecurities of rejections by their own kids. But I believe it's a new inning of your life where you are enjoy without any restrictions in life, where you can fulfill all your incomplete dreams, being independent and crazy, living life to the fullest. Retirement #yqbabachallenge #yqbaba #retirement #life #crazy #writingresolution
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