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Amit premshanker

#अमितप्रेमशंकर की कविताएं

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Amit premshanker

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 #अमितप्रेमशंकर की कविताएं

Divya Suhag

दिव्या की कविताएं

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Avinash atal

भारती की दुर्दशा

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हम रहें ना रहें


रहे वतन ये मेरा 

ऐ वतन तेरी बुलंदियों पर

मिट जाए तन ये मेरा 

इन जात-पात के झगड़ों ने 

किया बेड़ा गर्क तेरा

इन धर्म के दंगों ने 
।
किया धूमिल आंचल तेरा 


तेरी सुनहली धरती पे 

अब आग उपज रही है 

नेताओं के करतूतों से 


अग्नि बरस रही है 

देख के  तेरी दुर्दशा 

दुःखी है मन ये मेरा

तेरी बुलंदियों पे 
मिट जाए तन ये मेरा 
फिर से जनों माँ भारती 
क़ोई किशन कन्हैया
जो रख ले लाज़ तेरी 
मेरी सुनो ओ मैया
हो रहा है चीर हरण 
तेरी द्रौपदी का 
बने हैं मुक् दर्शक 
मेंरे देश के ये नेता
सत्ता के मद् मे उनकी 
मती गई है मारी 
कर दे उद्धार उनकी 
मेरी सुनो ओ मैया 
तेरी बुलंदियों पे 
मिट जाए तन ये मेरा!

तेरी बुलंदियों पेमि भारती की दुर्दशा

Jindeshna

बच्चों की कविताएं

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आज रविवार है, 
           छुट्टी का त्यौहार है।
जिनमन्दिर को जायेंगे, 
           पूजन पाठ रचायेंगे।
पाठशाला को जाना है, 
          ज्ञान खजाना पाना है।
मुनिराजों को ध्याना है, 
       सच्चे सुख को पाना है।। बच्चों की कविताएं

Amit premshanker

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 #अमितप्रेमशंकर की कविताएं

Divya Suhag

दिव्या की कविताएं #soultouching

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Amit premshanker

अमित प्रेमशंकर की कविताएं #nojotophoto

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 अमित प्रेमशंकर की कविताएं

Amit premshanker

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 #अमित प्रेमशंकर की कविताएं

Murali Choudhary

मुरली चौधरी की कविताएं

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नजरों को पढ़ लिया है हमने दिल से I
करीब है हम, आज अपने मंजिल से I 

रोशन हुई जिंदगी, पाकर तुम्हें करीब I 
अंधेरे में चमकी है उसने झिलमिल से।

मिलना और मिलाना, ईश्वर के  दस्तूर ।
मिल के तर बतर हुए नयन सलिल से ।

शिकायत भरी लहजे तुम्हारी निकली ।
कैसे मुझे पाला पड़ा,तुझ बुज़दिल से ।

पाकर आलिंगन में साकार हुए सपने । 
आवेग थे ऐसे सागर मिले साहिल से ।
-मुरली चौधरी

©Murali Choudhary मुरली चौधरी की कविताएं
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