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Shravan Goud
डुबेगा रे तीन जणा पुंजी कम व्यापार घणा बल कम गुस्सा घणा खर्चा घणा आमदनी कम डुबेगा रे तीन जणा, पुंजी कम व्यापार घणा, बल कम गुस्सा घणा, खर्चा घणा आमदनी कम
प्रेम कुमार रावत
वचन निभाने के खातिर मधु सुधन पूरी पर आए बहन सुभद्रा भईया बाल दाऊ संग जगन्नाथ कहलाए आस्था का संगम बना सुंदर विशाल झाकिया सजाए है पवित्र हुवा शहर का हर कोना आयो रे शुभ दिन आयो रे ©prem kumar ravat #Dark जय जगन्नाथ आयो रे शुभ दिन आयो रे
Gurudeen Verma
शीर्षक - राखी रे दिन आज मूं , मांगू यही मारा बीरा --------------------------------------------------------------- (शेर)- भूल मत जाजै बीर मारा, थारी बहण री या बात। रखजै थारी बहण री लाज, देकर हमेशा तू साथ।। लग जावै मारी उम्र भी तनै, भगवान सूं यही मांगू मूं। रखजै बहण रे माथे हमेशा, बीरा मदद रो थारो हाथ।। ----------------------------------------------------------------- राखी रे दिन आज मूं , मांगू यही मारा बीरा। भगवान रखे सुखी तनै, हमेशा मारा बीरा।। राखी रे दिन आज मूं -------------------------।। माँ जायो है बीर तू मारो, तू मारी शान है। थारे बिना मूं बीर अकेली, तू मारी जान है।। भगवान तनै लम्बी उम्र दे, सच कहूं मारा बीरा। राखी रे दिन आज मूं -----------------------।। भाई- बहण रो प्रेम, बंध्यो है इण राखी मं। नहीं कोई लोभ- लालच, बीरा इण राखी मं।। थारी बहण री लाज सदा, रखजै तू मारा बीरा। राखी रे दिन आज मूं -----------------------।। राम जस्यो तू मारो बीर, जानकी सी भाभी मारी। सुभद्रा जस्सी कान्हा समझ, तू मनैं बहण थारी।। थारी बहण सुगना रो प्यार, मत भूलजै मारा बीरा। राखी रे दिन आज मूं --------------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #राखी रे दिन आज मूं
Meenakshi Sharma
तेरे कर्मों का भी बन्दें, होगा इक दिन हिसाब रे, मत बोल बुरा किसी को, मीठी कर लें तू भी अपनी जुबान रें, सुन रहा है वो भी सब कुछ, जिसने दी तुझें जुबान रें, तेरे कर्मों का भी बन्दें, होगा इक दिन हिसाब रें, तेरे कर्मों का भी बन्दें, होगा इक दिन हिसाब रें, देखता है वो भी सब कुछ, तू जो सबसे छुपाता है, तेरा हर कर्म कहां उसकी, नजरों से छुप पाता है, तेरे कर्मों का भी बन्दे, होगा इक दिन हिसाब रें, तेरे कर्मों का भी बन्दे, होगा इक दिन हिसाब रें निर्दोष को तू दोषी बता कर, अपना दोष जब छुपाएगा, उसकी अदालत में फिर, तू कैसे सजा से बच पाएगा, मत भूल तू यह बन्दें तुझसे भी बड़ी इक भगवान की अदालत है, तेरे कर्मों का भी वहां पर पूरा ब्यौरा है, तेरे कर्मों का भी बन्दे , होगा इक दिन हिसाब रें। Meenakshi Sharma तेरे कर्मों का भी इक दिन होगा रे हिसाब रे
Shravan Goud
ज्ञान वही लोग ज्यादा देते हैं जो जीवन में कुछ कर नहीं पाते। थोथा चणा बाजे घणा।