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Shivkumar बेजुबान शायर
Black ताजी हवा में फूलों की महक हो पहली किरण में चिडियों की चहक हो ! जब भी खोलो आप अपनी पलके उन पलकों में सिर्फ खुशियों की झलक हो !! ©Shivkumar #Morning #MorningThoughts ताजी हवा में #फूलों की #महक हो पहली #किरण में चिडियों की #चहक हो ! जब भी खोलो आप अपनी #पलकें उन #पलकों म
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
चौपाई छन्द :- पीर पराई बनी बिवाई । हमको आज कहाँ ले आयी ।। मन के अपनी बात छुपाऊँ । मन ही मन अब रोता जाऊँ ।। चंचल नैनो की थी माया । जो कंचन तन हमको भाया ।। नागिन बन रजनी है डसती । सखी सहेली हँसती तकती ।। कौन जगत में है अब अपना । यह जग तो है झूठा सपना ।। आस दिखाए राह न पाये । सच को बोल बहुत पछताये ।। यह जग है झूठों की नगरी । बहु तय चमके खाली गगरी ।। देख-देख हमहूँ ललचाये । भागे पीछे हाथ न आये ।। खाया वह मार उसूलो से । औ जग के बड़े रसूलों से ।। पाठ पढ़ाया उतना बोलो । पहले तोलो फिर मुँह खोलो ।। आज न कोई उनसे पूछे । जिनकी लम्बी काली मूछे । स्वेत रंग का पहने कुर्ता । बना रहे पब्लिक का भुर्ता ।। बन नीरज रवि रहा अकाशा । देता जग को नित्य दिलाशा । दो रोटी की मन को आशा । जीवन की इतनी परिभाषा ।। लोभ मोह सुख साधन ढूढ़े । खोजे पथ फिर टेढे़ मेंढ़े । बहुत तीव्र है मन की इच्छा । भरे नहीं यह पाकर भिच्छा ।। राधे-राधे रटते-रटते । कट जायेंगे ये भी रस्ते । अपनी करता राधे रानी । जिनकी है हर बात बखानी । प्रेम अटल है तेरा मेरा । क्या लेना अग्नी का फेरा । जब चाहूँ मैं कर लूँ दर्शन । कहता हर पल यह मेरा मन ।। २४/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR चौपाई छन्द :- पीर पराई बनी बिवाई । हमको आज कहाँ ले आयी ।। मन के अपनी बात छुपाऊँ । मन ही मन अब रोता जाऊँ ।। चंचल नैनो की थी माया । जो कंच
चौपाई छन्द :- पीर पराई बनी बिवाई । हमको आज कहाँ ले आयी ।। मन के अपनी बात छुपाऊँ । मन ही मन अब रोता जाऊँ ।। चंचल नैनो की थी माया । जो कंच #कविता
read moreAnuj Ray
पंख खोलो तो सही" पंख खोलो तो सही,करके इशारे आसमां ख़ुद तुम्हें बुलाएगा। समझ रहे हो जिसे दूर की मंज़िल, खुशियों का ठिकाना वही बन जाएगा। छोड़कर दर जरा हिम्मत तो करो, पांव के नीचे सारा जहां नज़र आएगा। ©Anuj Ray # पंख खोलो तो सही"
# पंख खोलो तो सही" #कविता
read moreArora PR
असमंजस और नेराशय के गड्डे मे आखिर तुम कब तक़ यहां पड़े रहोगे अच्छा होगा आँखे अपनी खोलो वरना अगले जन्म मे भी तुम्हे यही सब फिर दोहराना पड़ेगा ©Arora PR आँखे अपनी खोलो
आँखे अपनी खोलो #कविता
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