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प्रल्हाद दुधाळ
Bhimrao Tambe
Anuradha Vishwakarma
रुपया शब्द का उद्गम संस्कृत के शब्द रुप् या रुप्याह् में निहित है, जिसका अर्थ चाँदी होता है और रूप्यकम् का अर्थ चाँदी का सिक्का है। रुपया शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम शेर शाह सूरी ने भारत मे अपने शासन 1540-1545 के दौरान किया था। शेर शाह सूरी ने अपने शासन काल में जो रुपया चलाया वह एक चाँदी का सिक्का था उसने तांबे का सिक्का जिसे दाम तथा सोने का सिक्का जिसे मोहर कहा जाता था, को भी चलाया। jhankiom vishwakarma #Night रुपया शब्द का उद्गम संस्कृत के शब्द रुप् या रुप्याह् में निहित है, जिसका अर्थ चाँदी होता है और रूप्यकम् का अर्थ चाँदी का सिक्का है।
Madhura Tambe
Happy Independence Day "कुर्बानी तो हमने दी है यह झूट भी है, पर जिस खातिर दी है उसका हमे अफसोस भी नही। कुर्बानी दी है हमने उन खेतो के लिए, जिनमे टूटी पतंग के पीछे
Manak desai
अरे सखी कोई मंगळ गाओ री आये है घनश्याम श्याम ने बधाओ, नाथ पधारे गळियों में, राहों में फूळ बिछाओ री, मिळने करो तैयारी ढिंढोरा पीटवाओ री, मंगळा गाओ गीत बनो मनमीत, मूंगा मोतीये बधाओ री सांवेळा री करो तैयारी सांवेळे बधाओ री, गाय दुहराओ गोमती दूधा सूं पैर पखारो री, भैंस दुहराओ भुरकी उजळी खीर रंधाओ री, ळाल रंधावो ळापसी, म्हाही माळविया गुड़ मिळाओ री, रुपे केरा थाळ सजावो, भोजन आज जिमाओ री काची केळ रा दातन ळावो झारी गंगाजळ नीर दिळाओ री, उपळी मेडी हरि उजळी म्हाही मोळिवो खाट उठे रेशम री रजाई रळाओ री, आहो सगळा मिळने करो जतन म्हारे सांवरे ने मीठे गीत सुणाओ री मैं वारी जावु बळिहारी जाऊ, म्हारा सांवरे ने गहरी नींद सुळाओ री ©Manak desai खम्मा घणी सा ❣️🤗🙏 राम राम सा ❣️🙏🙏🙏 जय श्री हरि ❣️🙏 मैं माणक उपस्थित हूँ आपके सामने और आज कुछ और लेकर आया हूँ,☕☕☕☕☕☕☕☕☕☕ इस मनमोहक तस्वीर को
Monika jayesh Shah
सर्वांना 'गुढीपाडवा' आणि 'मराठी नववर्षा'च्या मनःपूर्वक शुभेच्छा.! हे वर्ष सर्वांच्या जीवनात आनंद, सुख, समृद्धी, निरामय आरोग्य आणि प्रेम घेऊन येवो हीच ईश्वर चरणी प्रार्थना..! #गुढीपाडवा #GudiPadwa Happy Gudi Padwa.. भारत की संस्कृति ! परमपंरा और विश्वास की गुड़ी! प्रेम और संस्कार की गुड़ी! नये साल में-नये विचारों की गुड़ी! 🌹गुड़ी माझी पॖेमाची🌹 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 नवीन दिवस ,नवीन वषऀ मनात आहे खूब हषऀ! गुड़ी उभारत आहे या वषीऀ कष्टाने निघाले मागचे साल! या वषीऀ शुभ असूदे माझा साल! कोरोना ने केले आमचे हाल! सवाऀना सुखात राहूदे! आयुष्य सुखाने जगूदे! गुड़ी उभारली मी आपले दारी! तांबेचा कलश अन् साड़ी भारी! कड़ूनिंबाचे पान माळा भी छान! देवा मी पूजते गुड़ी माझी छान! गुड़ी माझी नटली छान! त्याचावर साखरची माळा छान! उभारते मी माझे दारावर! करते मी तुझा सम्मान! गुड़ीचा हा शुभ दिवस! सुखात जाऊ दे देवा! नैवेद्य करते पूरण-पोळीचा! सुख-समॄधि संगळयाना लाभूदे! गुड़ी माझी पॖेमाची आहे! दारावर दिसते छान! नीळे गगनात माझी गुड़ी! सवाऀत ऊंच. दिसते छान! 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 मोनिका शाह ©Monika Shah सर्वांना 'गुढीपाडवा' आणि 'मराठी नववर्षा'च्या मनःपूर्वक शुभेच्छा.! हे वर्ष सर्वांच्या जीवनात आनंद, सुख, समृद्धी, निरामय आरोग्य आणि प्रेम घेऊ
मयुर लवटे
#5LinePoetry @navodit_kavi_saahitya_manch ©काव्यांकुर तो_मयुर सं. लवटे 🚩 *पर्यावरण मित्र बहुद्देशीय संस्था भारत जळगाव जिल्हा शाखा व नवोदित कवी साहित्य मंच* 🚩 - आयोजित - *जागतिक पर्यावरण दिन