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तरु_का_आशियाना(संस्कृत_लेखिका_मेरठी_कुड़ी)
शीर्षक वक्त तरु का विधा स्वरचित शायरी बीते वक्त से हार के नये वक्त का इंतजार जारी है टूटी तरु को नये वक्त का मरहम जो मिलने का आगाज है, संभ #Life #Future #Trending #poetrycommunity #indianwriter #tarukikalam25
read moreM.k.kanaujiya
White शायद मेरा फकीराना भेष उसको भा गया उसका चुटकी भर प्यार मेरे हिस्से भी आ गया बंधन बंधन शर्त वर्त कोई पैमाने नहीं रखा उसने मेरा दिल टूटी झोपड़ी लगा उसे ,महल बना गया,। ©M.k.kanaujiya #शायद मेरा फकीराना भेष उसको भा गया उसका चुटकी भर प्यार मेरे हिस्से भी आ गया बंधन बंधन शर्त वर्त कोई पैमाने नहीं रखा उसने मेरा दिल टूटी झोपड
#शायद मेरा फकीराना भेष उसको भा गया उसका चुटकी भर प्यार मेरे हिस्से भी आ गया बंधन बंधन शर्त वर्त कोई पैमाने नहीं रखा उसने मेरा दिल टूटी झोपड
read moreतरु_का_आशियाना(संस्कृत_लेखिका_मेरठी_कुड़ी)
शीर्षक ज़माना हंसता रहा विधा ग़ज़ल कलाम स्वरचित ग़ज़ल न पूछ ज़माने में कितना ग़म है जितना भी है हमारा ग़म भी शामिल हैं, रोशन हो आशियाना ज #Life #Trending #poetrycommunity #tarukikalam25
read moreमुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
हवाएँ माफ़ी मांगले फिर भी क्या ? . . टूटी हुई टहनी तो टूटी ही रह जाती है.. ©मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर * #हवाएँ माफ़ी मांगले फिर भी क्या ? . . टूटी हुई टहनी तो टूटी ही रह जाती है.. तेरी_याद
मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
उलझती रही जिन्दगी रिश्तों के तानों बानों में कभी वक्त अपना सा लगा तो कभी बेगाना सा बदलते मौसम से बदलते रहे लोग ओर उनकी भावनाएं भी ,, बस ठहरा सा था तो एक दुःख जो कभी कम होता तो कभी ज्यादा उम्मीद की किरण कितनी कच्ची होती है पल पल पहर पहर टूटी होती है,, हास्य पर खड़ी जिंदगी आंसूओं से भीगी होती है।। ©मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर * #उलझती रही जिन्दगी रिश्तों के तानों बानों में कभी वक्त अपना सा लगा तो कभी बेगाना सा बदलते मौसम से बदलते रहे लोग ओर उनकी भावनाएं भी ,, बस
INDIA CORE NEWS
ज़मीन कब्जेदारी के विवाद में अबला पर टूटी दबंगों की लाठियां! #महिला_सुरक्षा के दावों को फेल साबित करने वाला #videoviral #Up के #सीतापुर क #News #Life #post #trnding #viral_video
read moreShivkumar बेजुबान शायर
" तेरे जाने के बाद से घर के आइनो पर धूल चढ़ी है, वह अख़बार, वह गुलाब, वह किताबें, सब वहीँ वैसी ही रखी हैँ ,, वह चाय का कप और हिसाब की किताब, बिस्तर के सरआने पर बिलकुल वैसी ही अधूरी रखी हैँ ,, जहाँ बिताए थे कुछ पल बैठकर साथ अब वहां धूल चढ़ी है, जहाँ चलते थे दो कदम साथ वहां अब दूब बढ़ गयी है ,, तेरे जाने के बाद से वह हमारी तस्वीर अब अधूरी रह गयी है, रंग सब सूख गए हैँ और तस्वीर में रंग की जगह खाली रह गयी है ,, तेरे गिटार के तार अब टूट गए हैँ तेरी आधी पढ़ी कहानी की किताब अभी वहीँ पड़ी है, उन गीतों का क्या होगा जिसकी धुन अभी आधी बनी है ,, घर की चाबी अभी भी उस दराज़ में तेरे छल्ले के साथ मैंने रखी है, वह पर्दे जो जो लगाए थे कमरों में रंग भरने उन पर अभी कुछ धूल चढ़ी है ,, वह कमरा जहाँ बिताए थे पल यादगार, वीरान हो गया है, वह कंघा, वह आइना, अभी भी तेरे टूटे बाल, तेरी बिंदिया के निशान खोज रहा है ,, वह कमरे की खिड़की अभी भी आधी खुली है, कुछ छनी धूप वहां से झाँक रही है ,, वह खुश्क़ चादर अपनी अब भी कोने में पड़ी है, तेरी टूटी हुईं चूड़ियाँ भी मैंने वहीँ सहेज कर रखी है ,, ~शिवकुमार बर्मन ✍🥀 ©Shivkumar #aaina #आइना #दर्पण #Nojoto #nojotohindi #कविता " तेरे जाने के बाद से घर के आइनो पर धूल चढ़ी है, वह अख़बार, वह गुलाब, वह किताबें, सब वहीँ
aaina आइना दर्पण nojotohindi कविता " तेरे जाने के बाद से घर के आइनो पर धूल चढ़ी है, वह अख़बार, वह गुलाब, वह किताबें, सब वहीँ
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