Find the Latest Status about ईंट from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, ईंट.
vaibhavdubey2312
When life gets blurry गजब फितरत है साहब ईंटों की हर ईंट सोचती है दीवार सिर्फ मुझपे, टिकी है ईंट
Anamika
थी मजबूत नींव फिर क्यों हिली ईंटें, भ्रम की आंधी से पड़ी अविश्वास की छींटे.. #ईंटे#नींव #भ्रम #अविश्वास #जीवनधारा #योरकोट #तूलिका
Amit vadgama
बरसो के बाद आज दीवाल की ईंट ने अहंकार से कहा रोज घर का वजन मैं ही क्यों उठाऊ।। इतना बोल कर वो ईंट खिसक गई और पूरा घर ढह गया।। ©Amit vadgama #ईंट की कहानी
The solo pen
पाँच ईंटों के बीच आधी ईंट ने बाँध रखा था घर। लोग आते जाते घर वालों की वाहवाही करते हैं। पाँच ईंटों के बीच आधी ईंट ने बाँध रखा था घर। लोग आते जाते घर वालों की वाहवाही करते हैं। #yourquotedidi #yourquotebaba #yourquote
Vishal Dabriya
रामवृक्ष जी:- लेखक रामवृक्ष जी ने क्या खूब लिखा है-- मंदिर का गुम्बद सब बनना चाहते हैं,,🤠🤠🤠 ।।।। लेकिन नीव की ईट कोई बनना नहीं चाहता। लेकिन साहब मंदिर का बोझ तो नीव की ईट ही तो संभालती है🥵🥵🥵 🧐🧐🧐 ©Vishal Dabriya नींव कि ईंट............ #Hindidiwas
Anjali Jain
मैं नींव की ईंट हूं जस की तस रहूंगी! ये कंगूरे हैं.... रूप भी बदलेंगे और एक दिन ढह भी पड़ेंगे !! ©Anjali Jain नींव की ईंट 19.01.23
Raj Shekhar Kumar
कोई इमारत सिर्फ बुनियाद पे ही नहीं खड़ी है सच ये भी है,ईंटो के दरमियाँ थोड़ी दूरी है #इमारत#ईंट#yqbaba#yqdidi
RAHUL VERMA
ईंट एक टुकड़ा ही तो है पकी हुई नर्म मिटटी का मगर साथ आ जाये किसी दिन तो दीवार बन जाता है किले का ईंट एक टुकड़ा ही तो है पकी हुई नर्म मिटटी का मगर साथ आ जाये किसी दिन तो दीवार बन जाता है किले का #yqbaba #yqdidi #yqaestheticthoughts #ईंटकीभ
Jitendra Kumar Som
परोपकार की ईंट बहुत समय पहले की बात है एक विख्यात ऋषि गुरुकुल में बालकों को शिक्षा प्रदान किया करते थे. उनके गुरुकुल में बड़े-बड़े रजा महाराजाओं के पुत्रों से लेकर साधारण परिवार के लड़के भी पढ़ा करते थे। वर्षों से शिक्षा प्राप्त कर रहे शिष्यों की शिक्षा आज पूर्ण हो रही थी और सभी बड़े उत्साह के साथ अपने अपने घरों को लौटने की तैयारी कर रहे थे कि तभी ऋषिवर की तेज आवाज सभी के कानो में पड़ी , “आप सभी मैदान में एकत्रित हो जाएं।” आदेश सुनते ही शिष्यों ने ऐसा ही किया। ऋषिवर बोले , “प्रिय शिष्यों , आज इस गुरुकुल में आपका अंतिम दिन है. मैं चाहता हूँ कि यहाँ से प्रस्थान करने से पहले आप सभी एक दौड़ में हिस्सा लें. यह एक बाधा दौड़ होगी और इसमें आपको कहीं कूदना तो कहीं पानी में दौड़ना होगा और इसके आखिरी हिस्से में आपको एक अँधेरी सुरंग से भी गुजरना पड़ेगा.” तो क्या आप सब तैयार हैं?” ” हाँ , हम तैयार हैं ”, शिष्य एक स्वर में बोले. दौड़ शुरू हुई. सभी तेजी से भागने लगे. वे तमाम बाधाओं को पार करते हुए अंत में सुरंग के पास पहुंचे. वहाँ बहुत अँधेरा था और उसमे जगह – जगह नुकीले पत्थर भी पड़े थे जिनके चुभने पर असहनीय पीड़ा का अनुभव होता था. सभी असमंजस में पड़ गए , जहाँ अभी तक दौड़ में सभी एक सामान बर्ताव कर रहे थे वहीँ अब सभी अलग -अलग व्यवहार करने लगे ; खैर , सभी ने ऐसे-तैसे दौड़ ख़त्म की और ऋषिवर के समक्ष एकत्रित हुए। “पुत्रों ! मैं देख रहा हूँ कि कुछ लोगों ने दौड़ बहुत जल्दी पूरी कर ली और कुछ ने बहुत अधिक समय लिया , भला ऐसा क्यों ?”, ऋषिवर ने प्रश्न किया। यह सुनकर एक शिष्य बोला , “ गुरु जी , हम सभी लगभग साथ –साथ ही दौड़ रहे थे पर सुरंग में पहुचते ही स्थिति बदल गयी …कोई दुसरे को धक्का देकर आगे निकलने में लगा हुआ था तो कोई संभल -संभल कर आगे बढ़ रहा था …और कुछ तो ऐसे भी थे जो पैरों में चुभ रहे पत्थरों को उठा -उठा कर अपनी जेब में रख ले रहे थे ताकि बाद में आने वाले लोगों को पीड़ा ना सहनी पड़े…. इसलिए सब ने अलग-अलग समय में दौड़ पूरी की.” “ठीक है ! जिन लोगों ने पत्थर उठाये हैं वे आगे आएं और मुझे वो पत्थर दिखाएँ”, ऋषिवर ने आदेश दिया. आदेश सुनते ही कुछ शिष्य सामने आये और पत्थर निकालने लगे. पर ये क्या जिन्हे वे पत्थर समझ रहे थे दरअसल वे बहुमूल्य हीरे थे. सभी आश्चर्य में पड़ गए और ऋषिवर की तरफ देखने लगे. “मैं जानता हूँ आप लोग इन हीरों के देखकर आश्चर्य में पड़ गए हैं.” ऋषिवर बोले। “दरअसल इन्हे मैंने ही उस सुरंग में डाला था , और यह दूसरों के विषय में सोचने वालों शिष्यों को मेरा इनाम है।” " पुत्रों यह दौड़ जीवन की भागम -भाग को दर्शाती है, जहाँ हर कोई कुछ न कुछ पाने के लिए भाग रहा है. पर अंत में वही सबसे समृद्ध होता है जो इस भागम -भाग में भी दूसरों के बारे में सोचने और उनका भला करने से नहीं चूकता है. अतः यहाँ से जाते -जाते इस बात को गाँठ बाँध लीजिये कि आप अपने जीवन में सफलता की जो इमारत खड़ी करें उसमे परोपकार की ईंटे लगाना कभी ना भूलें , अंततः वही आपकी सबसे अनमोल जमा-पूँजी होगी।” ©Jitendra Kumar Som #AprilFool परोपकार की ईंट