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Ashutosh Kumar Upadhyay
मेरा जीवन, बड़ा सयाना जो बीज डाला, उसीको बड़ा कर डाला बुरी, अच्छी, गंदी, सही, आदतों का पेड़ बना डाला! कुल्हाड़ी चलाई हजार पर कटे ना इनकी ब्रांच बुरी आदतों की संगति बहुत खराब लगन मेरी देखकर यह भी है हैरान टूट जाएगा एक दिन इनका घमंड भरा मकड़जाल (Read in caption) मेरा जीवन, बड़ा सयाना जो बीज डाला, उसीको बड़ा कर डाला बुरी, अच्छी, गंदी, सही, आदतों का पेड़ बना डाला कुल्हाड़ी चलाई हजार पर कटे ना इनकी ब्र
Aprasil mishra
"स्त्रीत्व के प्रति हमारें दृष्टिकोंण संकीर्ण है अवश्य कहिये परन्तु जब तक नारीत्व की सुरक्षा स्वच्छंदता में सुनिश्चित न हो तब उसे स्वयं कुछ पुराने मापदण्डों का समय व स्थितियों के अनुरूप परिवार के श्रेष्ठों की सलाह का पालन अनिवार्यतः करना ही चाहिए। आधुनिक समाज के वीभत्सता का शिकार होने से तो यही उत्तम है।" *************************** क्यों नहीं तुम्हारे दिखती है चिंता रेखा, क्यों व्यर्थ तुम्हें मेरा समझाना लगता है? क्यों अक्ल तुम्हारी म
BANDHETIYA OFFICIAL
इंद्रजाल से मकड़जाल तक की तय की है दूरी, मक्खी आप ही,मकड़ा आप ही, फंसने की मजबूरी। मजबूरी वो कि न बोल पायें अपनी ही व्यथा हम, राम नहीं, रावण तो कतई नहीं, विभीषण खुद हैं लिखे कथा हम । हैं विभीषण,घर के भेदी, नींद न पायी,कुम्भकर्ण न हरगिज, नींद गये मरना है,जीना पाया है अजीज,आ भी रहे हैं जीते आजिज। ©BANDHETIYA OFFICIAL मकड़जाल ! #alone
Pnkj Dixit
विचार श्रृंखला .. आप क्या सोच रहे हैं...? क्या खो गया जो खोज रहे हैं? जिसे देखकर कर्म करना छोड़ा और अपनेआप से नाता तोडा; एक विचार हो गया अस्तित्वहीन सागर में गिरी बारिश की एक बूँद की तरह। सूरज की तरह अस्तित्व कायम रखने के लिए करना संघर्ष। विचारों के मकड़जाल से बाहर निकल कर्म पथ पर बढ़े चलो। २३/०३/२०२२ 🌷👰💓💝 ...✍️ कमल शर्मा‘बेधड़क’ ©Pnkj Dixit विचार श्रृंखला .. आप क्या सोच रहे हैं...? क्या खो गया जो खोज रहे हैं? जिसे देखकर कर्म करना छोड़ा और अपनेआप से नाता तोडा; एक विचार हो गया
अनुज
अशिक्षा दरवाजे खटखटा रही है.... (कृपया अनुशीर्षक पढ़ें) ©अनुज अशिक्षा दरवाजे खटखटा रही है, ऊंचे-ऊंचे तबकों में, हाथ बटा रही है, सड़कों पर आवारा घूम रही है, बच्चों के माथे चूम रही है, निडर सदन में घूम रह
Anjali Sharma
राजकुमार टेलर
शब्दो का मकड़जाल घटती है नित-पल नई घटना कई घटना बन जाती दुर्घटना कई घट से कहते सुना है घटने दो घटना है जो घटना घट रहा घटने वाले का इसमे अपना क्या घटता यही तो घटना घट रही है नित पल क्यो नही घटती ये घटना !!! ✍ राजकुमार टेलर घटना !! शब्दों का मकड़जाल !! #InspireThroughWriting
प्रियदर्शन कुमार
पुनर्नवजागरण =========== मेरे द्वारा दिए गए पुनर्नवजागरण शीर्षक पर पाठकों को आपत्ति हो सकती है कि ये क्या नया शब्द गढ़ लिया, वो भी 21वीं स