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DineshpratapsinghkhusroNikhil
New Year 2024-25 yad तेरी आई है सदियों से आज तक। पर किसी को नहीं मिला आज तक मन में बैठा है फरियाद कर मिल जाएगा आज तक। ©DineshpratapsinghkhusroNikhil #NewYear2024-25 भक्त ने प्रभु से
#Newyear2024-25 भक्त ने प्रभु से
read moreyogitaupadhyay45gmailcom
न रोको मुझे रिश्तों की जंजीरो से सब कुछ तो संभाले हुऐ हूँ फिर और कित नि नई खता जाहिर कटना बाकि हें मेरे अरमानो की राख उड़ाना बाकि हें अपनों के सामने मेरे किरदार को बताना बाकि हैं जहाँ आप की इतनी इनायत हैं वहा और सुर्खियों बटोरना बाकि हैं बस में एक नारी ही तो हूँ अभि तो मेरा टूट ना और आप का पल पल तोड़ ना बाकि हैंकब हlरी में तुम से क्यूँ की नारी ही नारी से उलझ रही हैं न तुम कम हों न में कम हूँ बता ओ नारी कब हारी हैं tamnna❤️की ©yogitaupadhyay45gmailcom नारी ही तो हूँ
नारी ही तो हूँ
read moreParasram Arora
Unsplash भक्त और भगवान का रिश्ता दिख जाता है कभी कभी मंदिरो मे अच्छा लगता भगवान को अगर उसे तुमने अपने घर बुला कर पूजा होता ©Parasram Arora भक्त और भगवान का रिश्ता
भक्त और भगवान का रिश्ता
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White सोचता हूँ कभी कभी क्या तुम मेरा इश्क़ थीं या, यूँ ही बस एक इंसानी फ़ितरत पसन्द करना किसी को मोहब्बत के ख्याली पुलाव पकाना ग़र ये, महज़ एक आकर्षण था तेरे मुँह मोड़ने पर भी बाकी क्यूँ है तो क्या है जो अब भी बाकी है मुझ में एक शोर सा, मेरी सांसों की डोर सा क्यों होता है ऐसा… हर बार बेवफ़ा समझ कर सोचता हूँ तुम से दूर जाने को तेरा अक्स मेरी आँखों में उतर आता है मुस्कुरा कर जैसे पूछ रहा हो कैसे हो तुम, जो कहा करते थे आख़िरी साँस तक चाहोगे मुझे तब शर्त कहाँ थी उतना ही चाहोगी तुम मुस्कुराहट तुम्हारी शोर बन कर गूंजने लगती है मेरे भीतर धड़कनें इस क़दर बढ़ जाती है मानो दिल फटने को हो हँसी में घुले सवाल गूंजने लगते हैं मेरे कानों में एक शोर, जो डराने लगता है मुझे हर बार, हर रात मुझे जाग जाता हूँ मैं, भूल कर सारे शिकवे एक और सुबह होती है मुझे याद दिलाने को इश्क़ है मुझे तुम से, रहेगा भी आख़िरी साँस तक इस जन्म, उस जन्म, हर जन्म ©हिमांशु Kulshreshtha सोचता हूँ कभी कभी....
सोचता हूँ कभी कभी....
read moreनवनीत ठाकुर
सूरज हूँ, हर शाम ढलता ज़रूर हूँ, पर हर सुबह फिर से जलता ज़रूर हूँ। जितनी बार गिरा हूँ, उतनी बार सीखा हूँ, हर चोट ने मुझे और सशक्त किया, ज़रूर हूँ। राहें कांटों से भरी हों, फिर भी चलता हूँ, तक़दीर खुद की बदलता ज़रूर हूँ। दूरियाँ चाहे जितनी बढ़ें मुझसे, वो मेरी मंज़िल, फिर भी मेरे कदमों तक पहुँचता ज़रूर हूँ। लहरों से डरकर मैं किनारे नहीं बैठता, तूफ़ान से भी टकराता ज़रूर हूँ। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर सूरज हूँ, हर शाम ढलता ज़रूर हूँ, पर हर सुबह फिर से जलता ज़रूर हूँ। जितनी बार गिरा हूँ, उतनी बार सीखा हूँ, हर चोट ने मुझे और सश
#नवनीतठाकुर सूरज हूँ, हर शाम ढलता ज़रूर हूँ, पर हर सुबह फिर से जलता ज़रूर हूँ। जितनी बार गिरा हूँ, उतनी बार सीखा हूँ, हर चोट ने मुझे और सश
read moreVinod Mishra
DR. LAVKESH GANDHI
White बदनाम मैं तो बुरा था बदनाम किसने कर दिया जिसका मैंने भला किया उसने ही मुझे यह शिला दिया खुद का उसे पता नहीं मगर उसने मुझे बदनाम कर दिया मैंने उसे आईना दिखा दिया तो रात में उसने खुदकुशी कर ली ©DR. LAVKESH GANDHI #Badnam # # मैं बुरा था मगर बदनाम नहीं #
Badnam # # मैं बुरा था मगर बदनाम नहीं #
read moreAsheesh Mishra
राम भक्त हनुमान #हनुमान #राम #रामचरितमानस #सुंदरकांड Writer kaur writer Cs Thakur #भक्ति
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