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Motivational writer
marmalade ツ
कार्य अपना-अपना... ( अनुशीर्षक में) कार्य तो हम भी करते हैं कार्य तो केवट ने भी करा था। हम कहाँ धरती पर भटका करते हैं, वह कहाँ राम के चरणों में पङा था।
Pnkj Dixit
🌷 भारत भूमि🌷 बैठो सौहार्द के आँगन में नाता मानवता का समझे गुण धर्म प्रकृति वही पुत्र है परमात्मा का सुख-दुख सब बाँट लो हित हितार्थ का भाव यहाँ है पावैं सभी सम्मान यहाँ है प्राणी सब समान यहाँ । कल्पना विचार है , सपने हकीकत बना लें हम । उमंग और उल्लास भर कर जीवन रंग से सजा लें हम । भारत भूमि पर जन्म लिया है मानव जीवन सफल बना लें हम । भली जीवन की रेखाएँ है सीधा सच्चा चित्र बना लें हम । महापुरुषों के आदर्श लेकर दीर्घायु चरित्र बना लें हम । ऊंच-नीच और जाति धर्म का निकृष्ट भेद भुला यहाँ हम सब एक पिता की संतान यहाँ हैं । प्राणी सब समान यहाँ । चारों धाम मन के भीतर मां बाप को पूज्य बना लें हम । कुसंगति , कटु वचन त्यागकर साधु वचन अपन लें हम । भारत माता के श्रीचरणों में कर वंदन शीश नवा लें हम । राम ,नानक ,महावीर सभी का सच्चा सरल ज्ञान यहाँ । भिन्न-भिन्न भाषा-भूषा है सबका समभाव मान यहाँ । वेद ,पुराण ,स्मृतियों का होता घर-घर अध्ययन यहाँ है । पावें सभी सम्मान यहाँ है प्राणी सब समान यहाँ । ०३/०७/२०१९ 🌷👰💓💝 ...✍ कमल शर्मा'बेधड़क' 🌷 भारत भूमि🌷 बैठो सौहार्द के आँगन में नाता मानवता का समझे गुण धर्म प्रकृति वही पुत्र है परमात्मा का सुख-दुख सब बाँट लो हित हितार्थ का भ
R.S. Meena
जीवन-साथी जीवन साथी से निभाएँ उसका साथी हमेशा वफादारी। रहे सदा प्रसन्न, सफर के दोनों यात्रियों की है ये जिम्मेदारी।। सफर जब किया था शुरू कि चलेंगे कदम से कदम मिलाकर, यात्री बदलते हुएँ, अपने साथी को ना दे धोखा,विष पिलाकर। पुरूष के लिए नारी का सम्मान, जग में है सदा ही हितकारी, पत्नी के अलावा शेष माँ, बहिन और बेटी की है अधिकारी। संगत से सब काम है बनते, भूल ना जाएँ ये जानकारी। जीवन साथी से निभाएँ................... जीवन की दुपहिया गाड़ी का संतुलन होना चाहिए संतुलित, एक तरफ, एक पहिया तो दुसरी तरफ भी हो वैसी ही गणित। पति की गलतियों पर पर्दा डालती जाएँ वो कैसी है नार, नर-नारी के राह भटकने से बढ़ता जाएँ जग में पापाचार। पत्नी की कुसंगति से पति को सहनी पड़ती है लाचारी। जीवन साथी से निभाएँ........ प्रकृति के नियमों पर चलते जाना, यौवन पर ना इतराना, ढल जायेंगी जब ये जवानी, याद आयेंगा गुजरा जमाना। भूल क्यों जाते है उन वादों कों, लिए गए जो फेरों के संग, गैर पुरूष भाई समान तो, गैर नारी को बहिन कहने में जंग। नर-नार रहे मर्यादित आचरण में, तो महक उठे फुलवारी। जीवन साथी से निभाएँ............. #rsmalwar जीवन-साथी जीवन साथी से निभाएँ उसका साथी हमेशा वफादारी। रहे सदा प्रसन्न, सफर के दोनों यात्रियों की है ये जिम्मेदार
यशवंत कुमार
गुरुजनों को समर्पित परम पूज्य गुरु जी हमारे , तुम ज्ञान के भंडार हो! ज्ञानदाता! ज्ञान देकर , हम अज्ञानियों को तार दो!! ज्ञान-निधि से पूर्ण पूरित, हो धरा पर हर मनुज! ज्ञान-लिप्सा हो हृदय में, बन न पावे कोई दनुज!! हे दयालु! हे कृपालु! तुम ही खेवनहार हो! ज्ञानदाता! ज्ञान देकर, हम अज्ञानियों को तार दो!! हर निरक्षर होवे साक्षर, विद्वान और ज्ञानी बने! तुम्हारी करूणा ने दयामय!, एकलव्य, आरुणि जने!! हम ज्ञान का दीपक जलाएं, ज्ञान के विस्तार को! हे दयामय!, हम पर तेरी करुणा अपरंपार हो!! Continue... Read in Caption. गुरुजनों को समर्पित परम पूज्य गुरु जी हमारे , तुम ज्ञान के भंडार हो! ज्ञानदाता!, ज्ञान देकर हम अज्ञानियों को तार दो!! ज्ञान-निधि से पूर
यशवंत कुमार
गुरुजनों को समर्पित परम पूज्य गुरु जी हमारे , तुम ज्ञान के भंडार हो! ज्ञानदाता!, ज्ञान देकर हम अज्ञानियों को तार दो!! ज्ञान-निधि से पूर्ण पूरित, हो धरा पर हर मनुज! ज्ञान-लिप्सा हो हृदय में, बन न पावे कोई दनुज!! हे दयालु! हे कृपालु!, तुम ही खेवनहार हो! ज्ञानदाता!, ज्ञान देकर हम अज्ञानियों को तार दो ! Read Full poem in Caption... गुरुजनों को समर्पित परम पूज्य गुरु जी हमारे, तुम ज्ञान के भंडार हो! ज्ञानदाता!, ज्ञान देकर हम अज्ञानियों को तार दो!! ज्ञान-निधि से पूर्
यशवंत कुमार
गुरुजनों को समर्पित परम पूज्य गुरु जी हमारे, तुम ज्ञान के भंडार हो! ज्ञानदाता!, ज्ञान देकर; हम अज्ञानियों को तार दो!! ज्ञान-निधि से पूर्ण पूरित, हो धरा पर हर मनुज! ज्ञान-लिप्सा हो हृदय में, बन न पावे कोई दनुज!! हे दयालु! हे कृपालु!, तुम ही खेवनहार हो! ज्ञानदाता!, ज्ञान देकर अज्ञानियों को तार दो ! Read in caption... गुरुजनों को समर्पित परम पूज्य गुरु जी हमारे, तुम ज्ञान के भंडार हो! ज्ञानदाता!, ज्ञान देकर हम अज्ञानियों को तार दो!! ज्ञान-निधि से पूर्
Anil Prasad Sinha 'Madhukar'
कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें........ रामलाल बहुत ही नेक दिल इंसान था हमेशा दूसरों की भलाई और परमार्थ के लिए काम करता और नेक दिल बनने की हर किसी को उपदेश देता था परन्तु उसका बेटा