Find the Latest Status about रेफ्रिजरेटर रेट from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, रेफ्रिजरेटर रेट.
༒•[̲̅a̲̅]][̲̅m̲̅]a̲̅]]ʀ[̲̅•༒
ਸੀਰਿਯਸ jatt
Rohan Rajasthani
मुट्ठी भर रेत हाथों मे कुछ पल संभालना मुश्किल है और तुम मुट्ठी मे पानी सम्भालने की बात करते हो खुद की जिंदगी कभी सवारी नहीं गयी तुमसे और तुम मेरी जिंदगी सम्भालने की बात करते हो ©Rohan Rajasthani मुट्ठी रेट की Satyaprem Upadhyay खामोशी और दस्तक Shahid Alee saloni toke alfazon ki khumari Anshu Pandey
मुझे अपनी ही जिंदगी से इतनी नफरत हो गई
RSS के दफ्तर में लगाने वाला झाड़ू### देश का प्रधानमंत्री कैसे बना फेंकू भाडू### अभी तो टमाटर के बढ़े हैं रेट### 5 साल और रह गई सरकार तो खाने को न मिलेगा आडू ©मुझे अपनी ही जिंदगी से इतनी नफरत हो गई #KhoyaMan टमाटर के रेट
Canada Vlogs
Kulbhushan Arora
जो हुआ...अच्छा हुआ, जो हो रहा है...अच्छा हो रहा है जो होगा...इससे भी अच्छा होगा जो हुआ...अच्छा हुआ, जो हो रहा है...अच्छा हो रहा है जो होगा...इससे भी अच्छा होगा, गीता का ये मंत्र बहुत अच्छा है, लेकिन वास्तविकता में जब हमा
सुसि ग़ाफ़िल
कुर्ते पजामे पाट के , घात कति काले हो लिए , कर कर संशोधन बिला में , इस टैम घणै चालै हो लिये । मंडी बंद करण की बात अर फसलों के रेट कंपनी के हाथों में हो लिए , किसान खड़े लखावे कर्जे के मुंह में बहुत बड़े हो लिए । बैल बुग्गी छुटगी , बैंकों त लोन लेकर किसान दिवाले हो लिए, सरकार इभी कोनी मान्दी , हालात बहुत घणै माड़ै हो लिए । कानून जो बदले सरकार ने , किसानों के अरमान मसलने वाले हो लिए , पेट की भूख , बालकां की पढ़ाई और ढूंढ के सपने चकनाचूर हो लिए । कुर्ते पजामे पाट के , घात कति काले हो लिए , कर कर संशोधन बिला में , इस टैम घणै चालै हो लिये । आजकल किसानों की हालात पर यह कविता है। घात - शरीर , घणै - बहुत ज्यादा , इभी - अब भी , मान्दी - मानती , माड़ै - खराब , ढूंढ - मकान , कुर्ते
ᗅℕᗅℕℽᗅ Տⅈℕℊℍ
दहेज़ Read in Caption ! हमें आपकी लड़की तो पसंद है पर अब दहेज की बात हो जाए ? कितना देंगे आप ? वैसे तो हम सब दहेज के खिलाफ है लेकिन अब लड़के को पढ़ाने में इतना खर्च
Swatantra Yadav
नियंत्रण रेखा पार कर गया है तुझे तेरा यूं महंगें रिसार्ट शिफ्ट करना क्यों ना अब द्विपक्षीय वार्ता कर ,गोलमेज सम्मेलन करा लें बस एक तुम समर्थन कर दो मेरे दावेदारी का आओ ख़रीद फरोख्त कर मिलीजुली सरकार बना लें। कोई किसान अपने खेत में हल चला रहा था। बरसात के बाद का मौसम था ,हल के पीछे जमीन से बहुत से कीड़े मकोड़े निकल रहे थे.... उन कीड़े मकोड़ों को खान