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Chirag

राहों में रोशनी थी जिन खाबो से #Trees #Quote #thought #Trending #viral #nojato #

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राहों में रोशनी थी जिन ख्वाबों से
उन्हें इन बुरे हालातों ने बुझा दिया
इतने पैसे अपनाए हालातों ने की
हर दौर में जीना सिखा दिया

©Chirag राहों में रोशनी थी जिन खाबो से

#Trees #Quote 
#thought #Trending 
#viral 
#nojato #

Madanmohan Thakur (मैत्रेय)

मेरे खिङकी पे रात रोशनी थी Khalid Waseem Abhishek Bhardwaj रोहित तिवारी ABHI saxena #कविता

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मेरे खिङकी पे रात रोशनी थी तो मगर लगता ता अँधेरा घना  छाया!
मैं तो राह तकता रहा रात भर,पर सनम रे तू तो क्यों ना आया!!

मैं ने उम्मीद मे इसी तरह खिङकी खोल रखा था,कि खुद से बोल रखा था!
तनहा कब हुई मेरी निगाहें बोझील-बोझील,पर सनम रे तू क्यों ना आया!!

मिशाल देकर इश्क का कहती थी,मुहब्बत तो जिन्दगी है,मुहब्बत तो लाजीमी है!
मुझ पर कैसा हुआ तेरा खयाल अब है,पर सनम रे तू क्यों ना आया!!

तुम्हारी बात का फिर इस रात का,जूल्म होने लगा मैं तो तनहा होने लगा!
मैं ने सजाई थी मजलिसे आरजु ने लिए करवटें,पर सनम रे तू क्यो ना आया!!

मेरे दिल को करार देकर,फिर वादे हजार कर के दिल से करार कर के!
मुझसे यूं जो दिली चाहतें बेसुमार कर के,पर सनम रे तू क्यों ना आया!!

इरादा था तेरा-इरादा था मेरा,चाँदनी रात में भीग लेंगे कर लेंगे हरकतें!
आज शाम से ही तो मैं नै चाहत के लौ जलाए था,पर सनम रे तू क्यों ना आया!!

कल ही तो नजरों को मिलाया था,हक तो अपना जताया था कि उलफत गिराए थे!
आज भी तो वही बात थी चाहतों में ढलने की,पर सनम रे तू क्यों ना आया!! मेरे खिङकी पे रात रोशनी थी Khalid Waseem  Abhishek Bhardwaj रोहित तिवारी  ABHI saxena

Harshita Dawar

#lifequotes #zindagikasafar #Reality #yqdidi #yqtales #yqquotes Written by Harshita ✍️✍️ #jazzbaat झांक लेती पुरानी यादों में उफ़ क्या रोशन

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Written by Harshita ✍️✍️
#Jazzbaat
झांक लेती पुरानी यादों में
उफ़ क्या रोशनी थी यादों में
चौंधिया सी ज़िन्दगी कमाल हस्ती थी तलाश में
 #lifequotes #zindagikasafar #reality #yqdidi #yqtales #yqquotes 
Written by Harshita ✍️✍️
#Jazzbaat
झांक लेती पुरानी यादों में
उफ़ क्या रोशन

Tauheed Shahbaz Anwar

बस इक तेरी कमी थी तेरे शहर की गली थी मेरे उपर थीं सबकी आंखें सबकी आंखें अजनबी थी इक ताउल्लुक था शायद #yqbaba #yqtales #shahbazwrites

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बस इक तेरी कमी थी
तेरे शहर की गली थी

मेरे उपर थीं सबकी आंखें 
सबकी आंखें अजनबी थी

इक ताउल्लुक था शायद
खींच जो लाई रोशनी थी 

दिन ढले लोग दुआ करते थे
कितनी ईमान वाली बस्ती थी

गुज़र रहा हूं तो याद आता है
ज़िंदगी में क्या मेरे कमी थी 

इस सफ़र की बात अलग है
गले जिसने लगाया जिंदगी थी 
बस इक तेरी कमी थी
तेरे शहर की गली थी

मेरे उपर थीं सबकी आंखें 
सबकी आंखें अजनबी थी

इक ताउल्लुक था शायद

Vandana

उसकी बेरंग सी दुनिया में रंगों की बहार थी फिर क्यों उसे ना गवार थी,,, उसके बेसूरी में सूर की तरंग थी संगीत की कोई मनभावन लहर थी,,, बेस्वाद #LifeIsBeautiful

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उसकी बेरंग सी दुनिया में रंगों की बहार थी
फिर क्यों उसे ना गवार थी,,,
 उसकी बेरंग सी दुनिया में रंगों की बहार थी
फिर क्यों उसे ना गवार थी,,,

उसके बेसूरी में सूर की तरंग थी
संगीत की कोई मनभावन लहर थी,,,

बेस्वाद

Anurag Srivastava

तुम थी मेरे पहले प्यार की पहली रोशनी ....... थी का मतलब तो समझती हो ना !!!! तुझे खोने के डर से शायद हम मर जायँगे, तुम याद करोगे फिर मुझे लेक

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तुम थी मेरे पहले प्यार की पहली रोशनी ....... थी का मतलब तो समझती हो ना !!!!
तुझे खोने के डर से शायद हम मर जायँगे,
तुम याद करोगे फिर मुझे लेक

simmy sharma

एक शाम बस से घर आते वक़्त किसी गलत स्टॉप पर उतर गई। जहा कोई नहीं था बिल्कुल सुनसान और अंधेरा था और एक तरफ खाई सी थी रात के 8 बजे थे। बस सड़

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वो खौफ का एहसास
Read caption ( in hindi ) एक शाम बस से घर  आते वक़्त किसी गलत स्टॉप पर उतर गई। जहा कोई नहीं था बिल्कुल सुनसान और अंधेरा था और एक तरफ खाई सी थी रात के 8 बजे थे। बस सड़

Vishal Vaid

अल सुबह जब मैं बैठा अपनी बालकॉनी में बादल घने छाए थे आकाश में उफ़क तक कभी गरज कर,कभी बरस कर अपनी मौजूदगी का एहसास दिला रहे थे गिर कर बहता हुआ #rain #yqhindi #bestyqhindiquotes #vishalvaid #विशालवैद

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बारिश 

अल सुबह जब  बैठा था बालकॉनी में
बादल घने छाए थे आकाश में उफ़क तक
कभी गरज कर,कभी बरस कर
अपनी मौजूदगी का एहसास दिला रहे थे
गिर कर बहता हुआ तेज़ पानी 
पंक्तिबद्ध हो के अनुशासन में
बह रहा था सड़क पे 
इतनी तरतीब से तो हम इंसान भी
नही चलते है कभी भी रास्तों में
बस एक दूसरे से आगे निकल की होड़ में
जाने क्यों लगे रहते है हर सफर में
 अल सुबह जब मैं बैठा अपनी बालकॉनी में
बादल घने छाए थे आकाश में उफ़क तक
कभी गरज कर,कभी बरस कर
अपनी मौजूदगी का एहसास दिला रहे थे
गिर कर बहता हुआ

Aashutosh Aman.

# हिंदी उर्दू साहित्य# _______&&&&&&&& आपने प्यार दिया है तो मिलीं है सांसें वरना हम कबके मर गए होते।। आपने राह दिखाई तो मिल गयी मंजिल

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Anil Siwach

|| श्री हरि: || 12 - अर्थार्थी 'बेशर्म कहीं का' सरदार की आखें गुस्से से लाल हो गयी। फड़कते ओठों से उन्होंने डांटा। 'पासमें तो महज एक बूढा ऊँ #Books

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|| श्री हरि: ||
12 - अर्थार्थी

'बेशर्म कहीं का' सरदार की आखें गुस्से से लाल हो गयी। फड़कते ओठों से उन्होंने डांटा। 'पासमें तो महज एक बूढा ऊँ
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