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Vishal Vaid
लगा दो आग जंगल में,ख़बर झूठी सुना कर तुम बताना शेर को जंगल हरा अच्छा नहीं लगता कभी कहती थी शोना तुम,कभी बाबू बुलाती थी मगर क्यों अब ये कहती हो,मुआ अच्छा नहीं लगता उसे चाहो जियादा खुद से लेकिन याद रखना तुम कहो इंसान को तुम देवता अच्छा नहीं लगता चला आता हूं जोगिंग पे,तेरा दीदार करने को वगरना छह बजे उठना ज़रा अच्छा नही लगता लगे करने तरफ़दारी बुझे दीपक हवाओं की थके हारों को मेरा हौसला अच्छा नहीं लगता लगे जब बे-तकल्लुफ़ बात होने तो समझ लो तुम कभी माफ़ी कभी फिर शुक्रिया अच्छा नही लगता कुछ पुराने शेर के साथ कुछ ताज़ा शेर अर्ज़ है, कोई गलती हो ज़रूर बताएं। #yqdidi #yqbaba #bestyqhindiquotes #विशालवैद #vishalvaid #शोना #बेटी #love सिवा तेरे कोई भी दूसरा अच्छा नहीं लगता हमारे बीच में कोई गिला अच्छा नहीं लगता उसी के नाम से खुशियाँ उसी के नाम में बरकत बिना बेटी के घर अपना ज़रा अच्छा नहीं लगता
Vishal Vaid
वर मिले थे तीन मुझको मैने बरता एक ही तुम को पाकर रब से मैंने देखो मांगा कुछ नहीं। #yqquotes #bestyqhindiquotes #vishalvaid #विशालवैद #प्यार #चाहत #love
Vishal Vaid
न सीता कोई फिर ज़मीं में समाये जहाँ में नया कायदा अब चला दो इज़ाफ़ा करो तुम मिरे दुश्मनों में चलो आज तुम भी मुझे बद्दुआ दो मेरा बेटा चाहे वो बन जाए मुझ सा मैं चाहूँ मुझे फिर से बच्चा बना दो शिकायत अँधेरे की करते हो हर दम कभी तीरगी में दिया ही जला दो तबीयत है नासाज़ कब से ही मेरी 'अता कर के बोसे, मुझे तुम दवा दो #yqdidi #bestyqhindiquotes #vishalvaid #विशालवैद #सितारे #सीता #टैटू
Vishal Vaid
ਢੰਗ ਕੌੜੇ ਸੀ ਵਿਰਿਹ ਵਾਲੀ ਸੱਪਣੀ ਦੇ ਮੈਂ ਬੜਾ ਤੜੱਪੀਆਂ ਤੇ ਹਿੱਲਿਆ ਪਿਆਸ ਬੜੀ ਸੀ ਤੈਨੂੰ ਵੇਖਣ ਦੀ ਪਰ ਇਕ ਬੁੰਦ ਪਾਣੀ ਵੀ ਨ ਮਿਲਿਆ ਚਾਹ ਬੱਸ ਇਨੀ ਸੀ ਕਿ ਤੈਨੂੰ ਵੇਖ ਕੇ ਚੱਲਣ ਸਾਹ ਮੇਰੇ ਪਰ ਮੇਰੇ ਅਰਮਾਨ ਦਾ ਇਹ ਫੁੱਲ ਕਦੀ ਵੀ ਨਹੀਂ ਖਿਲੀਆ ਯਾਦਾਂ ਤੇਰੀ ਜਧ ਵੀ ਆਈ ਮੈਂ ਤੈਨੂੰ ਹਰਫ਼-ਹਰਫ਼ ਲਿਖਿਆ ਹਜੂਮ ਇਨਾਂ ਤੇਰੀ ਯਾਦ ਦਾ ਦਿਲ ਵਿੱਚ ਸਾਹ ਵੀ ਮੇਰਾ ਬੜਾ ਔਖਾ ਨਿਕਲਿਆ #ਪੰਜਾਬੀ #yqpunjabi #ਯਾਦਾਂ #yqbhaji बस ऐसे ही कभी कभी ख्याल बस , शिव कुमार बटालवी और अमृता जी को पढ़ने के बाद जैसे सारी स्कूल वाली पंजाबी एक साथ उछल उछल कर याद आ रही थी और याद आ रही थे पंजाबी टीचर जो सब से ज्यादा स्ट्रिक्ट थी , कई सालों बाद इतनी पंजाबी लिखी है तो जाहिर है गलतियां भी हुई होंगी, तो जिसको समझ आए बताने में संकोच न करे, और हां इसमें कोई बहर का इस्तेमाल नहीं है हिंदी में अनुवाद , बहुत ज्यादा खास तो है नहीं मगर , फुरसत में ज़रूर करूंगा #विशालवैद #vishalvaid
Vishal Vaid
इधर देखो उधर देखो यहाँ फैली उदासी है कहीं पे सोग है तेरा कहीं मेरी उदासी है कोई मिसरा जो मैं लिखूं लगे सारा वो अफ़सुर्दा ग़ज़ल के काफिये के साथ ही बैठी उदासी है नज़र आता हूं खुश लेकिन मेरे चेहरे पे मत जाओ मेरे दिल में बहुत दिन से छुपी बैठी उदासी है फलक में चांद के जैसे , रहे मुझ में कहीं मौजूद कभी आधी कभी पौनी कभी पूरी उदासी है सदा ये मुड़ के आती है पहाड़ों से कहूँ कुछ भी तेरे हिस्से में हरदम ही उदासी ही उदासी है नहीं मैं चाहता उसको, मगर पीछे पड़ी है वो गले लग के मनाती है ,बड़ी ज़िद्दी उदासी है ख़िज़ाँ बैठी मुंडेरों पर,है सन्नाटे से लथपथ सब बिना तेरे मेरे घर में बहुत फैली उदासी है गए बाज़ार फिर से हम उदासी की दवा करने खरीदारी बहुत सी की मगर फिर भी उदासी है अफ़सुर्दा *** उदास #yqdidi #bestyqhindiquotes #विशालवैद #vishalvaid #चांद #उदासी #आधी
Vishal Vaid
होठों पे आते आते जो थम जाता है तेरे उस अनकहे से नाम में रक्खे हुए हैं हम सुनने को उम्दा शायरी बढ़ती रहे तड़प सो इस लिए निज़ाम में रक्खे हुए हैं हम कर दो डिलीट फोन से नंबर हमारा अब क्यूँ बे-वजह ही नाम में रक्खे हुए हैं हम करती है याद हम को वो बस सुब्ह इक दफा तुलसी के जैसे बाम में रक्खे हुए है हम होगा हमारा ज़िक्र यहां सालों साल अब उल्फत के हर कलाम में रक्खे हुए है हम बस प्यार के दो बोल है कीमत विशाल की कब से उसी ही दाम में रक्खे हुए हैं हम 221 2121 1221 212 #yqdidi #bestyqhindiquotes #दाम #विशालवैद #vishalvaid #शाम #नाम #लगाम आलोक श्रीवास्तव जी एक ग़ज़ल पढ़ी थी कई दिन पहले और उनके अशआर का ज़ायका जुबां पे तो था मगर काग़ज़ पे नही उतर रहा था... एक छोटी सी कोशिश की है , उम्मीद है आपको पसंद आएगी
Vishal Vaid
फलक में चाँद के जैसे,रहे मुझ में कहीं मौजूद कभी आधी, कभी पौनी, कभी पूरी, उदासी है #cinemagraph #चांद #उदासी #फलक #bestyqhindiquotes #yqdidi #विशालवैद #vishalvaid
Vishal Vaid
नहीं साफ दिखता था नज़दीक रह कर हुआ दूर तो सब नज़र आ रहा है नहीं दिल था देना तो कह देते पहले मुझे भी कोई लव यू कहता रहा है बस ऐसे ही कुछ मिसरे अधूरे पड़े थे #yqdidi #bestyqhindiquotes #विशालवैद #vishalvaid #लव #love #नज़र
Vishal Vaid
कोई मुझसे मिलने से कतरा रहा है ज़माने का डर है या शरमा रहा है मेरे लफ़्ज़ सारे हवा हो रहे हैं वो शायद मेरे ख़त को सुलगा रहा है मैं पत्थर को छू लूँ तो इंसान कर दूँ मगर राम बनने में घाटा रहा है बहल जाता है झूठे वादों से अक्सर मेरा दिल हमेशा ही बच्चा रहा है वजह डूबने की तुम्हे क्या बताऊँ कोई बोझ पत्थर सा चिपका रहा है मिरे ज़ख़्म सारे हरे हो रहे हैं मुझे मेरे माज़ी का ग़म खा रहा है अभी दाँत ज़हरीले निकले नहीं और सपोला परिंदों को धमका रहा है पुरानी ग़ज़ल का मतला और एक शेर के साथ कुछ नए शेर जोड़े है #yqdidi #bestyqhindiquotes #राम #बच्चा #लव #विशालवैद #vishalvaid
Vishal Vaid
यहां पे रोज़ लड़ने का तरीका ढूंढ लेते है वतन में जात, मजहब का वसीला ढूंढ लेते है किसी से तंग आकर हम, नई इक बीन चुनते है दबा कर इक बटन फिर से सपेरा ढूंढ लेते है नहीं पाई किसी ने बेटियां, बेटों में तुम देखो मगर बेटी में अक्सर एक बेटा, ढूंढ लेते है मुहब्बत करनी हो तुमको, न करना शोर फिर कोई सदा सुन कर तो अंधे भी निशाना ढूंढ लेते है यकीं करते नही खुद पे,गुरु को खोज करते है मसीहा मिल नहीं पाता, हरारा ढूंढ लेते है कोई पर्वत पे चढ़ता है, कोई गोते लगाता है मगर जो खुद में खोजे है, खज़ाना ढूंढ लेते है बहुत आवारा पत्थर है, पड़े रहते है राहों में मेरे माथे पे आके सब ठिकाना ढूंढ लेते है नमी जब रिसती रहती है , कोई भी हाल न पूछे वो जब गिरती इमारत है तो मलबा ढूंढ लेते है बहुत मिल जाते मैकश को ,बशर जो इसके जैसे है अगर सहरा में भी हो ये शनासा ढूंढ लेते हैं #yqdidi #yqshayari #bestyqhindiquotes #vishalvaid #विशालवैद #बेटी #मसीहा #सपेरा हरारा ***** धोखा देने वाला शानासा***** जान पहचान वाला यहां पे रोज़ लड़ने का तरीका ढूंढ लेते है वतन में जात, मजहब का वसीला ढूंढ लेते है किसी से तंग आकर हम, नई इक बीन चुनते है