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Shruti Gupta
वह जब मंद मंद मुसकाती है, उसकी हंसी मानो चंद्रिमा बन जाती है। जब-जब प्रत्यक्ष वो रहती मेरे, भय सा जगता तब मन में मेरे, जग जाग न जाए मधुर मोह स्वर से वो पायल कुछ ऐसे छनकाती है। वह जब मंद मंद मुसकाती है, उसकी हंसी मानो चंद्रिमा बन जाती है। तन तान बिखेरे, चुनर सजाए, मानो मधुघट का जाम हो हाय! लाली गालों पर चढ़ती जैसे नभ में निद्रा पश्चात सूर्य प्रभा इठलाती है। वह जब मंद मंद मुसकाती है, उसकी हंसी मानो चंद्रिमा बन जाती है। स्वर्ण कोमल वो, शीतल एक कली, सावनो के नीरव में भी अधखिली। शीत की साकल्य में है स्तब्ध, ग्रीष्म के किरणों में फिर पुष्प कमल हो जाती हैं। वह जब मंद मंद मुसकाती है, उसकी हंसी मानो चंद्रिमा बन जाती है। चंद्रिमा!❤️ वह जब मंद मंद मुसकाती है, उसकी हंसी मानो चंद्रिमा बन जाती है। जब-जब प्रत्यक्ष वो रहती मेरे, भय सा जगता तब मन में मेरे, जग जाग
amar gupta
वह जब मंद मंद मुसकाती है, उसकी हंसी मानो चंद्रिमा बन जाती है। जब-जब प्रत्यक्ष वो रहती मेरे, भय सा जगता तब मन में मेरे, जग जाग न जाए मधुर मोह स्वर से वो पायल कुछ ऐसे छनकाती है। वह जब मंद मंद मुसकाती है, उसकी हंसी मानो चंद्रिमा बन जाती है। तन तान बिखेरे, चुनर सजाए, मानो मधुघट का जाम हो हाय! लाली गालों पर चढ़ती जैसे नभ में निद्रा पश्चात सूर्य प्रभा इठलाती है। वह जब मंद मंद मुसकाती है, उसकी हंसी मानो चंद्रिमा बन जाती है। स्वर्ण कोमल वो, शीतल एक कली, सावनो के नीरव में भी अधखिली। शीत की साकल्य में है स्तब्ध, ग्रीष्म के किरणों में फिर पुष्प कमल हो जाती हैं। वह जब मंद मंद मुसकाती है, उसकी हंसी मानो चंद्रिमा बन जाती है। चंद्रिमा!❤️ वह जब मंद मंद मुसकाती है, उसकी हंसी मानो चंद्रिमा बन जाती है। जब-जब प्रत्यक्ष वो रहती मेरे, भय सा जगता तब मन में मेरे, जग जाग
Jangid Damodar
जो बीत गई -हरिवंश राय बच्चन जो बीत गई सो बात गई! जीवन में एक सितारा था, माना, वह बेहद प्यारा था, वह डूब गया तो डूब गया; अंबर के आनन को देखो, कितने इसके तारे टूटे, कितने इसके प्यारे छूटे, जो छूट गए फिर कहाँ मिले; पर बोलो टूटे तारों पर #NojotoQuote जो बीत गई -हरिवंश राय बच्चन जो बीत गई सो बात गई! जीवन में एक सितारा था, माना, वह बेहद प्यारा था, वह डूब गया तो डूब गया; अंबर के आनन को दे
Anamika Nautiyal
शायरियाँ ग़ज़लें देश हित की चर्चा क्या-क्या दफ़न था दिल के तहखाने में उमड़ पड़ा सैलाब जब महफ़िल सजी मयखाने में (अधिक जानकारी के लिए कैप्शन में पढ़ें) देवियों और सज्जनों आज हम एक महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा शुरू करने जा रहे हैं।यह मुद्दा आजकल वैसे भी चर्चाओं में छाया हुआ है तो क्यों ना हम भी इ