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Anamika Nautiyal
डियर डायरी ख़्वाबों का शहर डियर डायरी... तुम अब तक कहीं कोने में पड़ी हुई थी उस लकड़ी की अलमारी में जिसमें अब लगभग दीमक लग चुकी है...कई सालों बाद पहली दफ़ा तुम्हें ज
Geeta Sharma
1.बार - 2 टूटती है , गड्ढों को सहती है..... कहाँ रूक पाती है, बेचारी चलती रहती हैं , हो जाता है जब कोई एक्सीडेंट , वो इल्ज़ाम भी सहती हैं ..... भ्रष्टाचारियों की तरफ़ कहाँ किसी की नज़र रहती है, उनकी घपलेबाजी तो चलती ही रहती है , 2.कभी-कभी लोकल सड़कों की किस्मत संवरती है, जब किसी नेता की गाड़ी वहाँ से गुजरती है , जोड़ लगाकर उन गड्ढों को भरा जाता है , आनन- फानन में तारकोल डाला जाता है , 2 दिन बाद फिर वही स्थिति होती है , सड़कें अपनी हालात पर फिर से रोती हैं , लेकिन.... अपना फर्ज वो टूटकर भी निभाती हैं , हम सबको अपनी मंजिल तक पहुँचाती हैं । ©Geeta Sharma ### सड़कों की बदहाली ।
Anita Najrubhai
छोटे-छोटे बच्चों को महेनत करते देखा है हाथ में नोट बुक और पेन से लिखते हुए नहीं पर उसी पेन को सड़कों पर बेचते हुए देखा है ©Anita Najrubhai #snow # सड़कों पर
Nirdesh Affy
जो सड़कों से टूटी है यारी बशर की, छतें फिर से आबाद होने लगी हैं ! - नागर निर्देश ऐफ़ी #hearts जो सड़कों से टूटी है यारी बशर की, छतें फिर से आबाद होने लगी हैं ! - नागर निर्देश ऐफ़ी
CK JOHNY
वो पाँव में टूटी हुई चप्पल का था जो जोड़ा और बाकी का सफर अभी है बहुत ज्यादा। नंगे पाँव चलूँ या लौट चलें क्या है इरादा। देखें मुँह के निवाले या फिर पाँव के छाले चुनें किसे यक्ष प्रश्न सामने है सीधा सादा। लौटने देता नहीं अच्छे दिनों का ख्वाब और मुफलिसी में खुद से किया हुआ वादा। वो पाँव में टूटी हुई चप्पल का था जो जोड़ा और बाकी सफर अभी है बहुत ज्यादा बी डी शर्मा चण्डीगढ़ 06.10.2020 टूटी चप्पल
Vijay Kumar उपनाम-"साखी"
में भरोसा किस पे करूँ हर शख़्स धोखेबाज़ है में विश्वास किस पे करूँ हर शख़्स दगाबाज है आंखों से देखा हुआ भी आज सच नही होता है, कोई भी शख्स बिना स्वार्थ अपना नही होता है, क्या करेगा तू साखी पत्थरों को पास रखकर, सबकी रूह मे तो शीशे की एक टूटी आवाज है दिल से विजय टूटी आवाज
Shahid Salmani
मैं कहाँ कुछ कहना जानता हूँ चुपचाप सब सहना जानता हूँ परेशान होंगे जुल्म करने वाले भी मैं अपने रब से कहना जानता हूँ टूटी कलम
Shahid Salmani
मेरे इश्क़ मै न थी ताकत जो कह देता तुमसे तुम हो जाओ किसी और की मै तुम्हारा रहूँगा मै आसमान मै भटका प्यासा परिंदा सा हू जैसे सूखी नदियों का किनारा रहूँगा मै तुम्हारा रहूँगा टूटी कलम