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theABHAYSINGH_BIPIN
तुमने मुझे छू क्या लिया नजरों से, मेरे सपनों को एक पैगाम दी है। सोचता हूं मैं फुरसत में काम टालकर, वर्षों से दबी जज़्बात को हवा दी है। अब तो करवटों में कटती हैं रातें मेरी, तुमने सपनों में आकर रातें आधी की हैं। बेसब्र भटक रहा था मैं दर-ब-दर, मेरी टूटती उम्मीदों को राहत दी है। उदासियों में बीत रहा था दिन मेरा, मेरे सूखे होठों को हंसी दी है। पूरा बचपन जो अंधेरों में कटा मेरा, तूने आकर मेरे जीवन को रोशनी दी है। ©theABHAYSINGH_BIPIN #boat तुमने मुझे छू क्या लिया नजरों से, मेरे सपनों को एक पैगाम दी है। सोचता हूं मैं फुरसत में काम टालकर, वर्षों से दबी जज़्बात को हवा दी ह
#boat तुमने मुझे छू क्या लिया नजरों से, मेरे सपनों को एक पैगाम दी है। सोचता हूं मैं फुरसत में काम टालकर, वर्षों से दबी जज़्बात को हवा दी ह
read moreDia
Unsplash kisi ko itna chah lena, ki vo tumhara hi ho jaye, aksar yaad aata hai, tumhe dekhkar ©Dia #library "Vibharshi" Ranjesh Singh J.K.Ricson ( ved) Umme Habiba शिवम् सिंह भूमि ज़ख़्मी हर्फ़
#library "Vibharshi" Ranjesh Singh J.K.Ricson ( ved) Umme Habiba शिवम् सिंह भूमि ज़ख़्मी हर्फ़
read moreनवनीत ठाकुर
White मरण नहीं है अंत, ये तो एक नई है शुरुआत, जिसमें रूह का मिलन, उस परम से है मुलाकात। मृत्यु नहीं है खात्मा, बस रूप बदलने की है बात, उसके दर पर समर्पण ही, इस जीवन की सबसे बड़ी है राहत। ©नवनीत ठाकुर #मरण नहीं है अंत, ये तो एक नई है शुरुआत, जिसमें रूह का मिलन, उस परम से है मुलाकात। मृत्यु नहीं है खात्मा, बस रूप बदलने की है बात, उसके दर प
#मरण नहीं है अंत, ये तो एक नई है शुरुआत, जिसमें रूह का मिलन, उस परम से है मुलाकात। मृत्यु नहीं है खात्मा, बस रूप बदलने की है बात, उसके दर प
read moreSanatan_Sanskriti_Shubhash
Bhupendra Rawat
White दर बदर भटका हूँ तो मंज़िल को पाया है राह की ठोकरों ने मुझे चलना सिखाया है वो चिराग नहीं जो बुझ जाए हवा के झरोखो से मैंने स्वयं को आँधियों मे जलना सिखाया है ©Bhupendra Rawat दर बदर भटका हूँ तो मंज़िल को पाया है राह की ठोकरों ने मुझे चलना सिखाया है वो चिराग नहीं जो बुझ जाए हवा के झरोखो से मैंने स्वयं को आँधियों मे
दर बदर भटका हूँ तो मंज़िल को पाया है राह की ठोकरों ने मुझे चलना सिखाया है वो चिराग नहीं जो बुझ जाए हवा के झरोखो से मैंने स्वयं को आँधियों मे
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