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Babli Gurjar
सखी बहुत दुखता है दिल तब आंखों से बहता है नीर गहरे छोड़ते है निशान बातों के तीर कह कर भी हल्की नहीं होती पीर बबली गुर्जर ©Babli Gurjar तीर R... Ojha Anshu writer Ashutosh Mishra Ravi Ranjan Kumar Kausik Mili Saha Sethi Ji
Anjali Singhal
jai shankar pandit
hipi.co.in/@jaishankar.pandit.37 ©jai shankar pandit ये हमारा हुनर है और हम ही पे जचता है हम तीर भी चलाते हैं परिंदा भी बचाते हैं MM Mumtaz शादाब खांन 'शाद' S Neogi Ahmad Ali Ansari Rohit Bharg
jai shankar pandit
ये हमारा हुनर है और हम ही पे जचता है हम तीर भी चलाते हैं परिंदा भी बचाते हैं ©jai shankar pandit #Hope ये हमारा हुनर है और हम ही पे जचता है हम तीर भी चलाते हैं परिंदा भी बचाते हैं Anshu writer Praveen Storyteller Sanjana the_mssp_saini{
Er.Mahesh
हो हंसा संभल संभल क्यों फुर्र उड़ जाए मेरे जीवन को क्यों मिट्टी बनाए मिट्टी बनाए तेरे रहते मेने देखे नित सपने क्यों अब तू इन्हे मिट्टी बनाए हो हंसा संभल संभल क्यों फुर्र उड़ जाए मेरे जीवन को क्यों मिट्टी बनाए तेरे ही रहते मेने देखे नित अपने क्यों तू अब इन्हें सपने बनाए ओ हंसा संभल संभल क्यों उड़ता ही जाए मेरे इस जीवन को क्यों मिट्टी बनाए तेरे ही रहते मेने सुख दुःख पाए अब क्यों तू इन्हे मुझसे भगाए ए ए ओ हंसा संभल संभल क्यों फुर्र उड़ जाए तेरे ही रहते मैने पाई उपलब्धि नित मेने नए नए रिश्ते बनाए फिर क्यों इन्हे पल में मिटाए ओ हंसा संभल संभल क्यों उड़ता तू जाए,उड़ता तू जाए मेरे इस जीवन को ,क्यों मिट्टी बनाए ओ हंसा संभल संभल क्यों उड़ता तू जाए मेरे इस जीवन की हस्ती मिटाए मेरे इस जीवन की हस्ती मिटाए ©Er.Mahesh #ओ हंसा संभल संभल क्यों उड़ता तू जाए
Poet Maddy
मेरी जान अपनी नज़रों के तीर तुम, हम पर इस तरस से चलाया न करो........... लोग शक करते हैं हमारे रिश्ते पर, यूं हमको देखकर मुस्कुराया न करो........... ©Poet Maddy मेरी जान अपनी नज़रों के तीर तुम, हम पर इस तरस से चलाया न करो........... #Dear#Eyes#Treat#People#Doubt#Relationship#Smile..........
bhim ka लाडला official
HintsOfHeart.
"कोई मेरे दिल से पूछे तेरे तीर-ए-नीम-कश¹ को ये ख़लिश² कहाँ से होती जो जिगर के पार होता" ©HintsOfHeart. #मिर्ज़ा_ ग़ालिब 1.वह तीर जो घाव में से आधा खींचकर छोड़ दिया गया हो 2.चुभन
purnima
परिंदो की तरह हवा के उड़ता था मैं, फिर एक रोज इश्क ने मेरे पर कुतर दिए…! ©purnima परिंदो की तरह हवा के उड़ता था मैं, फिर एक रोज इश्क ने मेरे पर कुतर दिए…!