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D.P. Singh
हां जी हां मैं रावण हूं , पर जपता हूं श्री राम को, लंका मेरी माटी की, जो नमन करे हनुमान को ।। मेरी लंका
MR VIVEK KUMAR PANDEY
Writer Mr Vivek Kumar pandey "आग लगा दी लंका में रावण वध में क्या रखा है कथा थी रामजी की रावण में क्या रखा है".। #आगलगादी लंका में
J shree
हनुमान ने भक्ति की शक्ति का नजारा दिखाया। देख रावण तेरी ही आग ने तेरे घर को जलाया। मैं तो सिर्फ एक माध्यम था और तुझे समझ भी नही आया बुरे विचार अपने आप को ही नही ,अपने परिवार को भी जला देते है। ©J shree लंका दहन #NojotoRamleela
Shiv Narayan Saxena
#NojotoRamleela सीतीजी की खोज में सुग्रीव मित्रता केबाद दक्षिण दिशा के वानर वीरों के सामने समुद्र अजेय बाधा बना हुआ था. जामवंतजी के सुझाव पर हनुमानजी ने प्रभु श्रीराम का स्मरण कर समुद्र लांघने को अतुलनीय छलांग लगा दी. किन्तु, जामवंतजी द्वारा जगाए जाने केबाद भी कहीं कुछ शक्तियां जागृत होने से छूट न गई हों, इसकी परीक्षा केलिए देवताओं ने सुरसा को समुद्र में परीक्षा केलिए भेजा. हनुमानजी प्रभु कृपा से अपनी शक्तियों का श्रेष्ठतम परिचय देकर विजयी हुए. लंका पहुंचकर छोटे आकार में हनुमानजी प्राचीर के भीतर गए. सीताजी को खोजते-खोजते मच्छर के आकार में रावण केमहल में गए. फिर विभीषणजी के सहयोग से वे सीताजी तक पहुंचे. सीताजी को सब बताकर प्रभु के शीघ्र मिलने समाचार दिया. माँ के आशीर्वाद से फल-फूल खाए. पेड़ तोड़े. राक्षसों को मारा. रावण ने क्रोध में मेघनाद को भेज कर हनुमानजी को पकड़ लिया. हनुमानजी ने भरी सभा में रावण को निस्तेज कर दिया. क्रोधित रावणने दंड स्वरूप हनुमानजी को मात्र वानर समझकर पूंछ जलाने को कहा. राक्षसों ने पूंछ पर तेल में भीगे कपड़े लपेट डाले पर पूंछ थी कि बढ़ती ही जाती थी और अब तेल-भीगे कपड़ों से लिपटी हनुमानजी की पूंछ में आग लगा दी. हनुमानजी ने अपनी शक्तियों के प्रयोग से न सिर्फ़ पूंछ बड़ी करने का खेल दिखाया बल्कि श्रीराम का प्रभाव छोड़ने केलिए अपनी जलती पूंछ से सारी लंका में आग लगा डाली. अब हनुमानजी ने समुद्र में कूदकर पूंछ की आग बुझाई और माता सीता का संदेश प्रभुतक पहुंचा सकें, इसके लिए वे सीताजी के पास गए. लंकावासी और रावण लंका-दहन के अपूर्व दृश्य से जहँ हतप्रभ और भयभीत थे वहीं सीताजी को लंका वास में पहली बार प्रभु के दूत के प्रताप से शांति मिल सकी. 🙏 जै श्रीराम! 🌺 🙏 जै हनुमान! 🌺 ©Shiv Narayan Saxena लंका-दहन. #NojotoRamleela
BANDHETIYA OFFICIAL
लंका थी तब जल गई, जिद्दी राजा के कारण, राजा-पक्ष ही प्रबल अब भी- लुटी 'श्री' लंका भी बन। ©BANDHETIYA OFFICIAL 'श्री' लंका ! #us
लंकापति दशानन रावण
#ज़िंदगी 😌 चाहे #एक_दिन ☝ की हो या चाहे #चार_दिन ☺ की, उसे #ऐसे_जियो 😉 जैसे कि #ज़िंदगी_तुम्हें ☝ #नहीं_मिली, 😒 ज़िंदगी 😌 को #तुम_मिले 👫 हो ।। 😘😍 ©लंकापति दशानन रावण लंका पति रावण😎
kaushik
'त्रिजटा' त्रिजटा रामभक्त विभीषणजी की पुत्री थी। इनकी माता का नाम शरमा था। वह रावण की भ्रातृजा थी। राक्षसी उसका वंशगुण है और रामभक्ति उसका पैतृक गुण । लंका की अशोक वाटिका में सीताजी के पहरेपर अथवा सहचरी के रूपमें रावणद्वारा जिस स्त्री-दल की नियुक्ति होती है, त्रिजटा उसमें से एक थी। #गुगल_पिक्चर #रामायण #त्रिजटा #लंका