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राहुल अग्निहोत्री
नारी शिक्षा अभियान चलाने वाली अभिनेत्री🤣 देश का बंटाधार यही लोग कर रहे।
VEER NIRVEL
@..बाबा साहेब द्वारा महिलाओ के लिए किये कार्य..@ 1. नारी शिक्षा (महिलाओं को पढ़ने का अधिकार) 2. मैटरनिटी लीव (गर्भवती कामकाजी महिलाओं को छुट्टी) 3. लैंगिक समानता (महिला-पुरुष में कोई भेदभाव नहीं) 4. मताधिकार (वोट करने का अधिकार) #𝙲𝚑𝚊𝚒_𝙻𝚘𝚟𝚎𝚛 ©VEER NIRVEL @..बाबा साहेब द्वारा महिलाओ के लिए किये कार्य..@ 1. नारी शिक्षा (महिलाओं को पढ़ने का अधिकार) 2. मैटरनिटी लीव (गर्भवती कामकाजी महिलाओं को छु
Vibhor VashishthaVs
Meri Diary #Vs❤❤ भारतीय पुनर्जागरण के प्रमुख स्तम्भ, उच्चकोटि के विद्वान, नारी शिक्षा के समर्थक, गरीब तथा पिछडो के संरक्षक, मानवतावादी, दार्शनिक, शिक्षाशास्त्री, समाज सुधारक ईश्वर चंद्र विद्यासागर जी की जयंती पर उन्हें शत्-शत् नमन.....। 🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏 समरस व प्रगतिशील समाज के निर्माण हेतु आपके योगदान को सदैव याद किया जाएगा...। ✍️Vibhor vashishtha Vs Meri Diary #Vs❤❤ भारतीय पुनर्जागरण के प्रमुख स्तम्भ, उच्चकोटि के विद्वान, नारी शिक्षा के समर्थक, गरीब तथा पिछडो के संरक्षक, मानवतावादी, दार
Anvi kaushik
GARIMA MISHRA
lalitha sai
छोटी सी परी.. बाबा की शान थी वो... नन्ही सी जान.. माँ की आँखों की तारा थी वो.. छोटी सी उम्र में ही.. घर को अच्छी तरह से संभालती थी वो..! जब गुड्डा गुड्डी के साथ खेलने की उम्र में.. शादी करके घर बसा गई वो.. जब भी पढ़ाई को आगे बढ़ाते गई और हमारा भारत देश की प्रथम महिला वैद्य बनगई वो...! आनंदीबाई जोशी आनंदी गोपाल जोशी के नाम से जाना जाती है.. यह भारत की पहली महिला डॉक्टर है.. उस समय महिलाओं को प्रारंभिक शिक्षा लिए मुश्किल होत
~Bhavi
आज़ादी.... 15 अगस्त का दिन कौन नहीं जानता।।जब 1947 में हम भारतीयों को विदेशी सत्ता से स्वतंत्रता मिली।15 अगस्त 1947 का दिन भारत के स्वर्णिम इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया।।कितने ही वीरों ने भारतमाता की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए।हमें विदेशी सत्ता से छुटकारा मिल गया।हम स्वयं में स्वतंत्र हो गये।। मग़र ज़रा एक बार आप सोचिये...क्या हम वास्तव में स्वतंत्र है? क्या हम वह कर पा रहें हैं?जो हम करना चाहते हैं? क्या हम अपनी बातों को बेजीझक बोल जातें हैं?? शायद नहीं फ़िर हम किसे स्वतंत्र हैं।कोई अपने घरों में कैद है। ।कोई समाजिक रीतियों में क़ैद है।कोई अपनों के बीच क़ैद है।हमें अपनी ही जिंदगी के लिए ही समय नहीं दिया जाता।हमें घरों से निकलने पर प्रतिबंध किया जाता है।अगर हम अपने जीवन जिंदगी में ही स्वतंत्र नहीं है,तो हम कैसे स्वतंत्र हैं।सर्वप्रथम हमें अपनी आज़ादी के लिए लड़ना होगा। हमें स्वयं को आज़ाद कराना होगा,उन समाजिक रूढ़ियों से जिन्होंने हमारी जिंदगी की खुशियों पर एक ताला लगा रखा है।हमें किसी भी प्रकार के भेदभाव से बचना होगा, न हमें सहना है न ही कभी करना है। हमें नारी शिक्षा, बाल विवाह, अशिक्षा जैसे क़दमों को बहुत ही सम्भाल कर रखना है।।और सभी को इस मुहिम के लिए प्रेरित करना है। जिस दिन प्रत्येक भारतवासी हम सब एक दूसरे के अपने बन जायेंगे।। एक दूसरे के हर काम में आगे आयेंगें।उसकी खुशियां उसके सुख दुःख सब अपनाएंगे सच में हम तभी भारतीय कहलायेंगे।।तब उस दिन ही हमारा देश हमारा जीवन स्वतंत्र हो जायेगा।। ©bhawna gupta तिरंगे को करो सलाम.. यही है हमारे देश की पहचान।। 15 अगस्त का दिन कौन नहीं जानता।।जब 1947 में हम भारतीयों को विदेशी सत्ता से स्वतंत्रता मिली