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Ali sir (A+A)
Nikhil Vairaagi
देखो हम आज़ाद हैं, तभी तो एक तरफ गीता और दूसरी तरफ क़ुरान है सब कुछ बिकता है आज़ादी के बाद यहाँ धर्म मज़हब सब कुछ हर कोई विद्वान है धर्म अब जीवन का सलीक़ा नही यहाँ मज़हब के लिए मारने को भी तैयार हैं देखो ना हम कितने आज़ाद हैं जो बेख़बर हैं आज़ादी से ख़रीद लें मिलती तो है हथियारों के दम पर कभी राम तो कभी अल्लाह के नाम पर क्या हुआ जो चार-छः मरेंगे संस्कृति के नाम पर, हमे तो आधुनिक बनना है मगर ज़िहाद के साथ आज़ाद हैं हम, देंगे कीमत आज़ादी की आख़िर हूरों से भी मिलना है, तो क्या हुआ अगर काफ़िर गुज़र गये चार, आज़ाद हैं हम, लड़ेंगे आखिरी सांस तक बदलने को तक़दीर मारेंगे मारेंगे पाने को अपनी ज़ागीर कभी तो होगा तिरंगा, केसरिया या हरा वरना रक्त के छीटों से लाल ही सही आज़ाद हैं हम, ये भी सही वो भी सही... #आज़ादी #हिंदुओं को हिन्दू की, #मुस्लिमों को मुस्लिम की और #हिंदुस्तानियों को हिंदुस्तान की आज़ादी मुबारक़
Ek villain
कांग्रे सहित पूरा विपक्ष विश्व के सबसे बड़े सामाजिक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर तरह-तरह के आरोप लगाता रहा है कभी कांग्रेश कि भारत जोड़ो यात्रा में भी लगातार राहुल गांधी संघ पर नफरत फैलाने का आरोप लगा रहे हैं परंतु वास्तविकता इस विपरीत है संघ राष्ट्रीय के लिए कार्य करता है और इसके सहयोग संगठन भी अपने क्षेत्रों में बड़े काम समाज के लिए कर रहे हैं शिक्षा के क्षेत्र में संघ द्वारा बनाए गए संगठन विद्या भारती लगातार समाज के लिए कार्य कर रहा है विद्या भारती के विद्यालय शिशु मंदिर व विद्या मंदिर के नाम से देश भर में प्रचलित है ©Ek villain #loveyou मुस्लिमों के दिलों में जगह बनाता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
Tanha_shayar
मुस्लिमों से नफरत करते है बोलने वालों आज इरफान खान के लिए देशवासियों का प्यार भी देख लेना💘 नफरत कसाब वाली करतूतों से है कलाम और इरफान तो दिलों में बसते है! मुस्लिमों से नफरत करते है बोलने वालों आज इरफान खान के लिए देशवासियों का प्यार भी देख लेना💘 नफरत कसाब वाली करतूतों से है कलाम और इरफान तो दि
Rakesh frnds4ever
उलझन इस बात की है कि हमें .......उलझन किस बात की है अपनों से दूरी की या फिर किसी मज़बूरी की खुद की नाकामी की या किसी परेशानी की दुनिया के झमेले की या मन के अकेले की पैसों की तंगी की या जीवन कि बेढंगी की रिश्तों में कटाक्ष की या फिर किसी बकवास की दुनिया की वीरानी की या फिर किसी तनहाई की अपनी व्यर्थता की या ज़िन्दगी की विवशता की खुद के भोलेपन की या फिर लोगो की चालाकी की अपनी खुद की खुशी की या दूसरों की चिंता की खुद की संतुष्टि की या फिर दूसरों से ईर्ष्या की खुद की भलाई की या फिर दूसरों की बुराई की धरती के संरक्षण की या फिर इसके विनाश की मनुष्य की कष्टता की या धरती मां की नष्टता की मानव की मानवता की या फिर इसकी हैवानियत की बच्चो के अपहरण की या बच्चियों के अंग हरण की प्यार की या नफरत की ,,जीने की या मरने कि,,, विश्वाश की या धोखे की,, प्रयास की या मौके की बदले की या परोपकार की,,, अहसान की या उपकार की ,,,,,,ओर ना जाने किन किन सुलझनों या उलझनों या उनके समस्याओं या समाधानों या उनके बीच की स्थिति या अहसासों की हमें उलझन है,,, की हम किस बात की उलझन है..==........... rkysky frnds4ever #उलझन इस बात की है कि,,, हमें ...... उलझन किस बात की है अपनों से दूरी की या फिर किसी #मज़बूरी की खुद की नाकामी की या किसी परेशानी की #दुनि
आलोक कुमार
बस यूँ ही चलते-चलते ......... जरा सोचिए कि आजकल हमलोग खुद को बेहतर बनाने के लिए कौन-कौन से गलत/अभद्र नुस्खें अपनाते जा रहे हैं. ना ही उस नुस्खें के चरित्र, प्रकरण एवं उसके कारण दूसरे मनुष्य, आसपास, समाज, देश व आगामी पीढ़ी पर असर का ख्याल रख रहें हैं, न ही ख़यालों को किसी को समझने का मौक़ा दे रहे हैं. बस अपने ही धुन में उल्टी सीढ़ी के माध्यम से अपने आप को आगे समझते हुए सचमुच में बारम्बार नीचे ही चलते जा रहे है. तो जरा एक बार फिर सोचिए कि उल्टी सीढ़ी उतरने और सीधी सीढ़ी चढ़ने में क्रमशः कितनी ऊर्जा, शक्ति और समय लगती होगी. यह भी पता चलता है कि आज की पीढ़ी की ऊर्जा और शक्ति का किस दिशा में उपयोग हो रहा है और शायद यही कारण है कि आज का "गंगु तेली" तो "राजा भोज" बन गया और "राजा भोज", "गंगु तेली" बन कर सब गुणों से सक्षम रहने के बावज़ूद नारकीय जीवन जीने को मजबूर है. यही हकीकत है हम अधिकतर भारतवासियों का...... आगे का पता नहीं क्या होगा. शायद भगवान को एक नए रूप में अवतरित होना होगा. आज की पीढ़ी की सच्चरित्र की हक़ीक़त