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Ravi Shankar Kumar Akela
किसान को धरती पुत्र भी कहा जाता है, अमीर हो या गरीब, राजा हो या उद्योगपति सभी का जीवन किसान की मेहनत पर आश्रित है। किसान दिन-रात गर्मी, बारिश, ठंड की परवाह किए बिना अपने खेतों में अपने श्रम से फसलें उगाता है और वही अनाज पूरे देश के लोगों की भूख को शांत करता है। इसीलिए किसानों का महत्व शास्त्रों में भी वर्णित है। ©Ravi Shankar Kumar Akela #Parchhai किसान को धरती पुत्र भी कहा जाता है, अमीर हो या गरीब, राजा हो या उद्योगपति सभी का जीवन किसान की मेहनत पर आश्रित है। किसान दिन-रात ग
Bhupendra Rawat
Bharat Ratna जब जब देश का अन्न दाता ऋण में दब जाता है अपनी इज़्ज़त की खातिर शूलि पर चढ़ जाता है तब तब देश का उद्योगपति भगवा हो जाता है उन अन्न दाता की मेहनत विदेशों में लुटाता है जब मूक दर्शक बन जाते है नेता हमारे भी पक्ष विपक्ष खेल दिखाते बन्दर और मदारी भी दोनों ने सत्ता की खातिर किसान स्वयं को बोल दिया घड़ियाल के आंसू बहा रिश्ता उनसे जोड़ लिया भूपेंद्र रावत #जब जब देश का अन्न दाता ऋण में दब जाता है अपनी इज़्ज़त की खातिर शूलि पर चढ़ जाता है तब तब देश का उद्योगपति भगवा हो जाता है उन अन्न दाता की मेह
Bhupendra Rawat
जब जब देश का अन्न दाता ऋण में दब जाता है अपनी इज़्ज़त की खातिर शूलि पर चढ़ जाता है तब तब देश का उद्योगपति भगवा हो जाता है उन अन्न दाता की मेहनत विदेशों में लुटाता है जब मूक दर्शक बन जाते है नेता हमारे भी पक्ष विपक्ष खेल दिखाते बन्दर और मदारी भी दोनों ने सत्ता की खातिर किसान स्वयं को बोल दिया घड़ियाल के आंसू बहा रिश्ता उनसे जोड़ लिया भूपेंद्र रावत ©Bhupendra Rawat जब जब देश का अन्न दाता ऋण में दब जाता है अपनी इज़्ज़त की खातिर शूलि पर चढ़ जाता है तब तब देश का उद्योगपति भगवा हो जाता है उन अन्न दाता की मेहन
Ravendra
#maxicandragon
India quotes फिर से मेरा देश बनाओ थोडा गारा थोड़ा प्लास्टिक थोडा फैशन को हटवाओ डिजिटल देश हैं बढता आगे स्याही कागज कम करवाओ खूब छप रहे बैनर नेता के पकड कूची घर इन्हें भिजवाओ हरकोई करता भूमी पूजन वृक्षा-रोपण संग कराओ आधार समग्र बन गए हैं सबके डेटा सब जल्द लिंक कराओ जैसे बंटता राशन दलिया घर गाडी उतनी बटवाओ पैन कार्ड आधार बनाके गरीबी रेखा कार्ड बनाओ उद्योगपति के टैक्स का पैसा हर गरीब से लिंक कराओ नेताओ की तनख्वाह से सारे देश सेवा संगठन चलाओ फिर से मेरा देश बनाओ राशन शिक्षा मुफ्त कराओ युवा बहुत हैं मेरे देश में जितना चाहे काम कराओ #फिर_से_मेरा_देश_बनाओ #Sadharanmanushya ©#maxicandragon फिर से मेरा देश बनाओ थोडा गारा थोड़ा प्लास्टिक थोडा फैशन को हटवाओ डिजिटल देश हैं बढता आगे स्याही कागज कम करवाओ
Mo. Asiph
18 लाख से ज्यादा हिंदू खाताधारक' राघव चड्डा ने कहा, 'देश में जब एनडीए की दूसरी बार सरकार बनी तो देनदारी 55 हजार करोड़ थी जो अब बढ़कर 2 लाख 40 हजार करोड़ हो गई. बीजेपी अपने को हिंदुओ की पार्टी कहती है. आपको बताना चाहता हूं कि एक अनुमान के मुताबिक 18 लाख ज्यादा हिंदू ग्राहक हैं. किस बात की सजा हिंदुओं को दे रहे हैं. इसी पार्टी के शासन काल में हमारे भगवान जगन्नाथ ट्रस्ट के 545 करोड़ यस बैंक में है. बीजेपी ने भगवान के पैसे को नहीं छोड़ा. पीएमसी में 51 हजार ग्राहकों में से 42 हजार ग्राहक हिन्दू थे. ये पार्टी ना हिन्दू, ना मुस्लिम और ना इंसान की है. ये पार्टी कुछ उद्योगपतियों की पार्टी है.' 18 लाख से ज्यादा हिंदू खाताधारक' राघव चड्डा ने कहा, 'देश में जब एनडीए की दूसरी बार सरकार बनी तो देनदारी 55 हजार करोड़ थी जो अब बढ़कर 2 लाख 40
Subhash.C.sharma
गुलाब जल रहा है देखो क्या हो रहा है, गुलाब जल रहा है, देश मै मंहगाई की हाहाकार मची है मै लिख रहा हु,जो क्या घटना यह सच्ची है? मुझे कुछ नजर आ रहा है देखो गुलाब जल रहा है, किसान सड़को में कुचल दिया जा रहा है, मजदूर का शोषण किया जा रहा है, है जिनका हाल अच्छा उनका ही मुनाफा किया जा रहा है देखो इस देश में गरीब छला जा रहा है, तपती धूप मै वो खेतो मै काम कर रहा है, उगाकर अन्न देश का पेट वो पाल रहा है, देखो वेदना से हृदय उसका जला जा रहा है, हाल क्या है मालूम नही, पर गरीब छला जा रहा है, गुलाब का लाल रंग लह रहा है, मजदूर पर पूंजीपति हावी हो रहा है, चूसकर रंग खाद का अशिष्ट ,रंग उसका लाल हो रहा है देखो गुलाब जल रहा है, कारखाना , हो चाहे फाटक मजाक उसका उड़ाया जा रहा है, बड़े बड़े उद्योगपतियों का कर्जा माफ किया जा रहा है, देखो देश में ये क्या हो रहा है, किसान की ना कर परवाह उसे गुलाम बनाया जा रहा है, देखो किसान रो रहा है, फैलाकर हाथ तेरे समक्ष, कुछ तुझसे मांग रहा है , देखो देखो धीरे धीरे गुलाब जल रहा है, सुभाष सी. शर्मा ©Subhash.C.sharma गुलाब जल रहा है देखो क्या हो रहा है, गुलाब जल रहा है, देश मै मंहगाई की हाहाकार मची है मै लिख रहा हु,जो क्या घटना यह सच्ची है? मुझे कुछ नज
Babul Inayat
जन सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई एक जानकारी से खुलासा हुआ है कि पूर्व सांसदों की पेंशन पर कुल 70,50,00000 रु (70 करोड़ 50 लाख ) वार्षिक खर्च किया जाता है। ज्ञात हो कि सांसदों की न्यूनतम पेंशन 25000 प्रतिमाह होती है। जिसमे 5 वर्ष से ज़्यादा कार्यकाल के लिए अगले हर वर्ष पर 2000 रु प्रति माह अतिरिक्त वृद्धि होती है। यहाँ तक तो सब ठीक है। अब असली खेल की तरफ ध्यान दीजिए। जब लोकसभा सचिवालय से कुल पेंशनर सांसदों की संख्या पूछी गयी तो जबाब 3849 बताया गया। इसी प्रकार राज्यसभा के पेंशनर्स एमपी की संख्या 847 बताई गई। कुल मिलाकर योग 4796 हुआ। ठीक यही संख्या जब पेंशन देने वाले केंद्रीय पेंशन लेखा विभाग से पूछी गयी तो जबाब चौंकाने वाला था। इस विभाग के अनुसार लोकसभा के कुल पेंशनर्स एमपी 1470 और राज्यसभा के कुल पेंशनर्स 708 हैं। जिनका कुल योग 2170 है। गौर कीजिए सचिवालय कुल पेंशनर्स सांसदों की संख्या 4796 बता रहा है और वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाला केंद्रीय पेंशन लेख विभाग ये संख्या 2170 बता रहा है। अब सवाल ये है कि दोनों की संख्या के अंतर 2618 वाले पेंशनर्स एमपी कौन हैं ? ये बहुत बड़ा घोटाला प्रतीत होता है। ये वो देश है जिसमे करोड़ों रु का विज्ञापन देकर आम जनता से गैस सब्सिडी छोड़ने की अपील की जाती है। रेलवे में सफर करने वाले लाखों बुजुर्गों से सब्सिडी छीन ली जाती है और राहुल बजाज, संजय डालमिया जैसे उद्योगपति पूर्व सांसद की पेंशन पाते हैं। काश आर्थिक रूप से मजबूत पूर्व सांसदों, विधायकों को भी पेंशन छोड़ने के लिये कहा जाता ! कहावत भी है कि 'पर उपदेश,कुशल बहुतेरे । जन सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई एक जानकारी से खुलासा हुआ है कि पूर्व सांसदों की पेंशन पर कुल 70,50,00000 रु (70 करोड़ 50 लाख ) वार्षिक खर्
MANJEET SINGH THAKRAL
Writer1
एक पत्र बीती जिंदगी के नाम (कृपा अनुशीर्षक में पढ़े) 27 दिसंबर, 2020 लुधियाना, प्रिय जिंदगी, तुमसे कुछ नहीं छुपा, तू हर वक्त मेरी हमराज़ है, मेरा ही गीत और मेरा साज़ है। तुम संग आपबीती और भयाव