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Gurudeen Verma
White शीर्षक- इस ठग को क्या नाम दे --------------------------------------------------------- बड़े नम्बरी होते हैं वो आदमी, जो करते हैं शोषण छोटे आदमी का, और छीन लेते हैं उधारी चुकाने के नाम पर, गरीब आदमी की जमीन और आजादी। लेते हैं काम छोटे आदमी को, कोल्हू के बैल की तरह दिनरात, एक वर्ष की मजदूरी बीस हजार देकर, जबकि होते हैं खर्च पाँच हजार एक माह में। लेता है ब्याज बहुत वो आदमी, छोटे आदमी को देकर उधार रुपये, बड़े ही ठाठ होते हैं इन आदमियों के, जिनके होते हैं मकां महलनुमा। होती है उनकी जिंदगी राजा सी, जिनके एक ही आदेश पर, हो जाते हैं सारे काम, और हाजिर नौकर चाकरी में। कमाता होगा इतने रुपये वह आदमी, मेहनत की कमाई से कभी भी नहीं, बनाता है वह अपनी इतनी सम्पत्ति, भ्रष्टाचार और दो नम्बर की कमाई से। लेकिन एक ऐसा आदमी भी है, जो लेता है बड़े आदमी से भी ज्यादा दाम, करता नहीं रहम वो अपने भाई पर भी, और कोसता है वह बड़े आदमी, इस ठग को क्या नाम दे।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #कविता
कविता
read moreShiv gopal awasthi
ऐसा पढ़ना भी क्या पढ़ना,मन की पुस्तक पढ़ न पाए, भले चढ़े हों रोज हिमालय,घर की सीढ़ी चढ़ न पाए। पता चला है बढ़े बहुत हैं,शोहरत भी है खूब कमाई, लेकिन दिशा गलत थी उनकी,सही दिशा में बढ़ न पाए। बाँट रहे थे मृदु मुस्कानें,मेरे हिस्से डाँट लिखी थी, सोच रहा था उनसे लड़ना ,प्रेम विवश हम लड़ न पाए। उनका ये सौभाग्य कहूँ या,अपना ही दुर्भाग्य कहूँ मैं, दोष सभी थे उनके लेकिन,उनके मत्थे मढ़ न पाए। थे शर्मीले हम स्वभाव से,प्रेम पत्र तक लिखे न हमने। चंद्र रश्मियाँ चुगीं हमेशा,सपनें भी हम गढ़ न पाए। कवि-शिव गोपाल अवस्थी ©Shiv gopal awasthi कविता
कविता #शायरी
read moreअदनासा-
लोगों को मोटिवेट करने वाले एक मोटिवेशनल बंदे ने लिखा है, " हमें आज़ादी चरखे से नही शहिदों से मिली है" इसलिए इस ओवर मोटिवेशनल बंदे को, मजबूरन जवाब हेतु लिखना ही पड़ा, वो यह कि👇 देश को आज़ादी मिले इसकी खातिर बलिदान बहुत से लोगों ने दिया है, किसी का नाम हुआ तो कोई बिना अपने नाम के गुमनाम हो गया, उन गुमनामों की चर्चा ना तुम कर सकते हो ना मैं, रही बात चरखे की, तो जिसने चरखा चलाया वह भारतीय व्यक्ति थे महात्मा गांधी हमारे राष्ट्रपिता, देश के लिए चरखा चलाने वाले इस महात्मा को एक भारतीय हत्यारे व्यक्ति गोड़से ने गोली मारी थी, इसलिए आज़ादी के लिए यह चरखा चलाने वाले महात्मा गांधी भी शहीद हुए, वह भी अपने ही भारतीय बंदे के हाथों, अतः आपसे निवेदन है चरखे का इस्तेमाल अनमोटिवेशनल शब्दों के लिए ना करो। मोटिवेशनल बनना है बनो परंतु पॉलिटिकल बनने का प्रयास ना करो। ©अदनासा- #हिंदी #जवाब #बंदा #अनमोटिवेशनल #पॉलिटिकल #चरखा #गांधी #गोडसे #Instagram #अदनासा