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Narendra Kumar

Narendra Kumar

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Narendra

Narendra kumar #शायरी

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Narendra Kumar

Narendra Kumar

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Narendra Arya

Narendra Kumar Arya #कॉमेडी

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Narendra Kumar Arya

©Narendra Arya Narendra Kumar Arya

Narendr Kumar acharya

narendra kumar #Janamashtmi2020

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बारिश की बूंदे तन भिगो सकती है मन नही।
किसी का दर्द मन भिगो सकता है तन नही।।

©Narendr Kumar acharya narendra kumar 

#Janamashtmi2020

Narendr Kumar acharya

narendra kumar #Flower

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पहले चिंकी हुई फिर पिंकी हुई ।
फिर जिंकी हुई और अंत मे सिंकी हुई ।
मैंने कहा भाई ये तुमने क्या किया ।
उसने कहा लड़के के चक्कर मे ये सब हुआ ।

मैंने कहा क्या करेगा लड़के का ।
उसने कहा कोई पानी देने वाला तो हो ।
कोई सेवा करने वाला तो हो ।
मैंने कहा लडकिया भी कर देती है सेवा ।
लडकिया भी दे देती है कंधा ।

इतने मे उसने कहा लडकिया परायी होती है ।
पिता के लिए दुखदायी होती है ।
इनको तो एक दिन ससुराल जाना है ।
इसलिए एक लड़का जरुर पैदा करना है ।

मैंने कहा लडका भी एक दिन यही करने वाला है ।
जैसे ही शादी हुई अलग घर बसाने वाला है ।
तुम एक दिन भी साथ नही रह पाओगे ।
उसके साथ रहे तो घुट कर मर जाओगे ।

जब बेटी पैदा नही करोगे ।
तो बहू कहा से लाओगे।
किसके आगे हाथ फैलाओगे ।
क्या अपने लड़के को कंवारा रखोगे ।

बेटी कभी-कभी तो मिलने आएगी ।
पर बेटा कभी मिलने नही आएगा ।
बेटे से ये जन्म सुधरेगा ।
पर बेटी सात जन्म सुधारेगी ।

बेटिया तो नसीब वालो के होती है ।
ये जहा होती है वहा जन्नत होती है ।
ये जहा जाएगी सबको अपना बनाएगी ।
दिल मे बसी दुरियो को हटाएगी ।

बेटा बहू का बनकर रह जाएगा ।
पत्नी को सबकुछ मा बाप को भूल जाएगा ।
एक दिन मा बाप को ताना मारेगा ।
जीते जी तुम को मार डालेगा ।

लड़की देश को आगे बढ़ाएगी ।
मा बनकर बच्चो को अच्छे संस्कार देगी ।
हर बेटी के नसीब मे पिता होता है ।
पर हर पिता के नसीब मे बेटी नही होती है ।

आज से ये संकल्प लेना है ।
हमे बेटियो को बचाना है ।
तभी हमारा देश सुधरेगा ।
वरना लिंगानुपात गिर जाएगा ।

©Narendr Kumar acharya narendra kumar 

#Flower

Narendr Kumar acharya

narendra kumar #Rose

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( किताबे हमेशा रहेगी ।)

इन्टरनेट का ज्ञान आज है कल नही रहेगा ।
अन्तरिक्ष का ज्ञान आज है कल नही रहेगा ।
लौटकर आना पडेगा एक बार सोचकर देखो ।
किताबो का ज्ञान आज है कल भी रहेगा ।

हवा का ज्ञान हवा मे समाप्त हो जाएगा ।
भविष्य मे किसी के काम नही आएगा ।
कल आज और कल भी रहेगा ज्ञान ।
लिखावट का ज्ञान हमेशा अमर रहेगा ।
                                                                    
ना इन्टरनेट की ना मोबाइल की जरुरत है ।
ना लाइट ना ही तार की जरूरत है ।
देखो पलटकर इतिहास के पन्नो को ।
सिर्फ कागज और कलम की जरूरत है ।

एक दिन तकनीकी युग समाप्त हो जाएगा ।
फिर हवा का ज्ञान तू कहा से लाएगा ।
सनातन व शाश्वत सत्य है दुनिया मे ।
किताबो का लिखा हमेशा काम आएगा ।

ना गुगल ना ही यूट्यूब होगा ।
ना वाटसप ना ही फेसबुक होगा ।
ये सब समाप्त हो जाएगा एक दिन ।
सिर्फ किताबे और उसका ज्ञान काम आएगा ।


               नरेंद्र कुमार आचार्य

©Narendr Kumar acharya narendra kumar 

#Rose

Narendrakumar Mishra

narendra Kumar and #nojotovideo

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Narendrakumar Mishra

narendra Kumar and

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 narendra Kumar and

Narendr Kumar acharya

narendra kumar acharya #FathersDay2021

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अगर पिता ना होता तो क्या होता।
ना तुम होते और ना मै होता ।
पिता विहिन होकर संसार मे जीता ।
बिना पिता के शिक्षा कहा से पाता ।
पिता धूप मे छांव है ।
पिता आसमान सा गंभीर है ।
पिता से ही हमारा अस्तित्व है ।
पिता रोजी है रोटी है ।
पिता धैर्यवान सहनशील है ।
पिता हर युग मे महान है ।
पिता मान है अभिमान है ।
पिता से ही हमारी शान है ।
पालन पोषण हमारा कौन करता ।
कमा कमा कर हमे कौन खिलाता ।
आगे बढ़ने की हिम्मत कौन बढाता ।
अच्छे बुरे का ज्ञान कौन कराता ।
निराशा मे आशा का दीप कौन जलाता ।
पिता के बिना कौन हमे अपना नाम देता ।
बिना पिता के नाजायज कहलाता ।
अंगुली पकडकर चलना कौन सीखाता ।
गिरने पर हमे कौन उठाता ।
हमसे आस उम्मीद कौन लगाता ।
हमे कौन डांटता फटकारता ।
पिता पालनकरता हमारा जीवनदाता ।
बिन पिता के आवारा समझा जाता ।
बिन पिता के लगाम कौन लगाता ।
कौन हमे प्यार दुलार करता ।
पिता मौन होते हुए भी शब्द है ।
पिता गंभीर होते हुए भी भाव है ।
पिता शून्य होते हुए भी सम्पूर्ण है ।
पिता से ही हमारी उत्पत्ति है ।
पिता तेज धूप मे शीतलता ।
पिता का कोई शानी नही होता ।
पिता मे समुद्र सा विशाल ह्रदय ।
पिता है मूर्ति करुणा मय ।
पिता हर घाव का मरहम है ।
पिता हर बीमारी की दवाई है ।
पिता से हम मन मौजी है ।
पिता पतझड़ मे भी बहार है ।
मिला है पिता तो करलो सेवा ।
जन्नत मे अपनी जगह बनाओ ।
अपनी मुक्ति का मार्ग सवारो ।
वरना इस संसार मे भटकते रहो ।

©Narendr Kumar acharya narendra kumar acharya 

#FathersDay2021
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