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Hasanand Chhatwani
आकर्षण की एक अवधि होती है प्रेम की कोई अवधि नही होती!!! आकर्षण की एक अवधि होती है प्रेम की कोई अवधि नही होती!!!
SG
ये अवधि (Period ) के दिन बहुत दर्द भरे होते है , चिडचिडापन, गुस्सा , असुविधाजन, इनके लक्षण है , अवधि के दिनो की प्रेम , देखभाल, (छोटे बच्चे की तरह ) , और दिल का खुश होना बेहद जरूरी है, जिसकी शादी से पहले जिम्मेदारी मां बाप शादी के बाद पति की बन जाती है, किशोरी का एक बच्चे की तरह इलाज़़ करना इन दिनो प्रेम सबसे बडी दवां है ©❤SG❤ अवधि
Madhuri Upadhyay
शासकीय एकीकृत माध्यमिक विद्यालय रिंजलाय. कुमारी अंशु पंवार कक्षा 7 वी लॉकडाउन अवधि में -मेरा हुनर मैंने सीखा लॉकडाउन अवधि
Archana pandey
स्वरचित-'अवधि' देवी भजन👇 आँगना बुहारि नीमी की कंछिया दुअरा लिहै सजाए..... गउअन गोबरा लीपीके घियुना बतियन खूब डुबाए.... माई मोरी घर कब आइहैं? बनल परसादी पाइहैं? एही जनम दरसन जो पाई धन्न हुई जाई माएँ.. तोहरे चरनन जाउंन पखारैं भव से उ तरि जाएं... माई मोरी घरे कब आइहैं ? बनल परसादी पाइहैं....अर्चना'अनुपमक्रान्ति' ©Archana pandey अवधि देवी भक्ते.. #Navraatra
कवि दिनेश अगरिया
*मोदी जी के सप्तपद* ( 1) जिन टडा तिन पाइया,गहरे पानी पैठ। बुजुर्गों की सेवा करो, अब घर में ही बैठ।। (2) तरुवर तास बिलखिये, बारह मांस फलन्त। सोशल डिस्टेंसिंग पालन से ही होगा इसका अंत।। (3) बुरा जो देखन मैं चला बुरा ना मिलया कोय। आयुष मंत्रालय निर्देश में बात पते की होय।। (4) सांच बराबर तप नहीं, झूठ बराबर पाप। आरोग्य सेतु एप को लोड करो अब आप।। (5) साईं इतना दीजिये जा में कुटुम्ब समाय। ध्यान रहे कोई गरीब भूख ना रह जाय।। (6) धर्म किये ना धन घटे ,नदी ना घटती नीर। नौकरी से निकाल कर किसी को मत दो पीर।। (7) दुख में सुमिरन सब करे, सुख में करे ना कोय। कोरोना योद्धा का सम्मान से उत्साहवर्धन होय।। द्वारा कवि दिनेश अगरिया (नॉट-उपरोक्त दोहों में महान कवियों के अमर दोहों की एक पंक्ति में अपनी एक पंक्ति जोड़कर मोदी जी द्वारा कोरोना पर बताये गए सप्तपदो को समझाने का प्रयास) #आज के सप्तपद (3 मई तक लोक डाउन की अवधि बढ़ी।)
SURAJ आफताबी
घूँघट ने सिखाये सलीके दरबानी के जब तरस गये दीदा इक अद्भुत शशि झलक को क्यों बीत रहा इक अपूर्व मन्वंतर दो नजरों मध्य क्यों हो रहा दर-ब-दर इक चाँद अपने फलक को ! पुष्प सरीखा आनन; छिपाये बैठा है बैरी चिलमन कब ये हृदय महसूस करेगा उस चितवन धड़क को क्यों लड़खडा रही इक तान बाँसुरी व श्रवण मध्य क्यों स्वरों की व्यंजना व्यक्त कर रही आँखों की कसक को!! मन्वन्तर- युग, काल #love #lovequotes #poetry #veil #yqdidi #yqbaba #life #surajaaftabi