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Banarasi..
दिलकश वो और दिलकश शाम निहारता रहूं अपना दिल थाम। अदाकारी से भरा हुआ जाम पिला रही वो और पी रहा सरेआम। ©Banarasi.. four lines दिलकश वो और दिलकश शाम निहारता रहूं अपना दिल थाम। अदाकारी से भरा हुआ जाम पिला रही वो और पी रहा सरेआम। #Love S. K @BeingAdilKhan
꧁ARSHU꧂ارشد
दिल करता है होंठो से लगाकर पी लूँ तुमको , तुम सर से पाऊं तक नशे की तरह हो ... ©꧁ARSHU꧂ارشد दिल करता है होंठो से लगाकर पी लूँ तुमको , तुम सर से पाऊं तक नशे की तरह हो ... Sethi Ji Anshu writer Niaz (Harf) Dr.Mahira khan Maaahi.. N
Neha Jain
White वो चाहते हैं..सैलाब आये मुहब्बत का पल भर के लिए..... हम चाहतें हैं...झीनी झीनी बरसात हो वो भी...उम्र भर के लिए... ©Neha Jain #Couple Gumnam Shayar एस पी "हुड्डन" VED PRAKASH 73 Creative Sarita qais majaz, आईना
Ravendra
Yashpal singh gusain badal'
ज़िंदगी हसरतों को वक्त की आँधी निगल गई । इक खुशी की आश में; जिन्दगी निकल गई। लाखों जुगत किए उम्र-ए-दराज की । दम साध के रक्खा और सांसें निकल गई । सौंपे थे जिसको हमने जिन्दगी के फैसले । उसके ही हाथ कत्ल जिन्दगी निकल गई । आब-ए-हयात पी के भी न बच सका यहाँ । माटी का बना था सो माटी में मिल गई । नाज है किस बात का किसका गुरूर है । अच्छे-अच्छों की यहाँ हवा निकल गई । थामे थे जिसको भींच के दिल के करीब से । हाथों से वो प्यार की डोरी फिसल गई । "बादल" गलत उठे थे कदम राह-ए-शौक में, फिर सँभालते-संभालते जिन्दगी निकल गई।। ©Yashpal singh gusain badal' #retro ज़िंदगी हसरतों को वक्त की आँधी निगल गई । इक खुशी की आश में; जिन्दगी निकल गई। लाखों जुगत किए उम्र-ए-दराज की । दम साध के र
Sangeeta G
😎😎😎😔😦 महकता हुआ जिस्म तेरा गुलाब जैसा है, नींद के सफर में तू एक ख्वाब जैसा है, दो घूँट पी लेने दे आँखों के इस प्याले से, नशा तेरी आँखों का शराब जैसा है। 😱😱😱😱😱 ©Sangeeta G महकता हुआ जिस्म तेरा गुलाब जैसा है, नींद के सफर में तू एक ख्वाब जैसा है, दो घूँट पी लेने दे आँखों के इस प्याले से, नशा तेरी आँखों का श
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
Holi is a popular and significant Hindu festival celebrated as the Festival of Colours, Love, and Spring. ग़ज़ल :- हर तरफ़ है बहार होली में । दिल को आया करार होली में ।।१ देखकर जो बदलते थे रस्ता । वो भी आयें हैं द्वार होली में ।।२ इस तरह अब वफ़ा करो हमसे । हो जाऊँ मैं बीमार होली में ।।३ आप ऐसे अगर हमें चाहें । जान भी दूँगा वार होली में ।४ दुश्मनी भूल अब सभी जाए । रब से करता पुकार होली में ।।५ पी लिया भंग आज भी जिसने । बरसा उनपे ही प्यार होली में ।।६ हाथ में हाथ तुम प्रखर देना । तो करूँ इंतजार होली में ।।७ २५/०३/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- हर तरफ़ है बहार होली में । दिल को आया करार होली में ।।१ देखकर जो बदलते थे रस्ता ।
Ganesh joshi
. खा के गुजिया, पी के भंग, लगा के थोडा थोडा सा रंग, बजा के ढोलक और मृदंग, खेलें होली हम तेरे संग। ©Ganesh joshi #Holi . खा के गुजिया, पी के भंग, लगा के थोडा थोडा सा रंग, बजा के ढोलक और मृदंग, खेलें होली हम तेरे संग। #holikadahan #Rang #holikhele #gane
Sudhir_Mishra23
चांदनी रात में चांद को देखते हुए मैं तुम्हारे बारे में लिख रहा हूं ; तुम आज नही हो मेरे पास पर मैं हमारे कल लिख रहा हूं.! ये चांद काफी दूर है अभी मुझसे अभी उन्हें तारों से फुरसत कहां. ये कहानी सुनाऊंगा तुम्हे जब मेरी चांद मेरे पास होंगी.! अभी उलझा हु बहुत सी उलझनों में मै की कब तुमसे एक मुलाकात होंगी मेरे कंधे पे सर तुम्हारी और फिर ये चांदनी रात होंगी सुनाऊंगा यही कहानी तुम्हें और फिर से एक नई कहानी की शुरुवात होंगी चांदनी रात में चांद को देखते हुए मै तुम्हारे बारे में लिख रहा हु! ©Sudhir_Mishra23 #sunrisesunset Sudha Tripathi Neha Bhargava (karishma) Srk writes khan perfect Neha Bhargava (karishma) Asha...#anu एस पी "हुड्डन"