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हिमांशु Kulshreshtha
Unsplash कोई आदत.. कोई बात.. या ख़ामोश सी मेरी खामोशी कभी तो.. कुछ तो.. तुम्हें भी याद आता होगा!!!! ©हिमांशु Kulshreshtha कुछ तो..
कुछ तो..
read moreNurul Shabd
White मैं अपनी कमजोरी को भी अपनी ताकत बना लेती हूँ, क्योंकि मैंने सीखा है कि हर ठोकर हमें मजबूत बनाती है। मैं गिर कर भी संभलना जानती हूँ, और यही मेरी सबसे बड़ी जीत है। ©Nurul Shabd #love_qoutes #मैं #अपनी कमजोरी को भी अपनी ताकत बना लेती हूँ,
#love_qoutes #मैं #अपनी कमजोरी को भी अपनी ताकत बना लेती हूँ,
read moreHimanshu Prajapati
White बड़े शौकीन थे, जिम्मेदारियों ने मतलबी बना दिया..! ©Himanshu Prajapati #love_shayari बड़े शौकीन थे, जिम्मेदारियों ने मतलबी बना दिया..! #36gyan #hpstrange
#love_shayari बड़े शौकीन थे, जिम्मेदारियों ने मतलबी बना दिया..! #36gyan #hpstrange
read morex._.mahira_
White प्यार के लिए तो सब बहुत कुछ लिखते है चलो आज माँ के लिए एक लाइन लिख के दिखाओ ©x._.mahira_ प्यार के लिए तो सब बहुत कुछ लिखते है चलो आज माँ के लिए एक लाइन लिख के दिखाओ
प्यार के लिए तो सब बहुत कुछ लिखते है चलो आज माँ के लिए एक लाइन लिख के दिखाओ
read moreनवनीत ठाकुर
green-leaves हर ग़म को अपनी ताक़त बना, हर ठोकर को अपनी इबादत बना। जो डिगे न कभी, वो इरादा बना, और अपनी तक़दीर का फ़लसफ़ा बना। तेरे ख्वाब तेरे हौसले की दुआ हैं, तेरी मेहनत ही तेरी सबसे बड़ी वफ़ा है। ख़ुदा भी देगा तुझे ताज-ए-क़ामयाबी, बस चलते रहना, यही रास्ता सच्चा है। ©नवनीत ठाकुर #नवनीत हर ग़म को अपनी ताक़त बना, हर ठोकर को अपनी इबादत बना। जो डिगे न कभी, वो इरादा बना, और अपनी तक़दीर का फ़लसफ़ा बना। तेरे ख्वाब तेरे हौ
#नवनीत हर ग़म को अपनी ताक़त बना, हर ठोकर को अपनी इबादत बना। जो डिगे न कभी, वो इरादा बना, और अपनी तक़दीर का फ़लसफ़ा बना। तेरे ख्वाब तेरे हौ
read moreM.K Meet
दयार-ए-इश्क में, मुश्किल है दिल को समझाना के मासुम मशविरों को, पागल ये मानता ही नहीं ©M.K Meet दिल पत्थर होने लगा है या कि पत्थर बना रहा कोई!!
दिल पत्थर होने लगा है या कि पत्थर बना रहा कोई!!
read moreनवनीत ठाकुर
मंज़िल न दे सके जो सुकूँ सफ़र को 'नवनीत', तो राह की गर्द से एक नई दास्ताँ लिख दीजिए। जहाँ तक भी चली हो मंज़िल की तलाश, उस रास्ते की हर धूल से अपनी आवाज़ कह दीजिए। ग़म और दर्द अगर न मिले राहत का निशाँ, तो हर एक क़दम से अपनी दुआ बना दीजिए। मंज़िल नहीं मिली तो क्या, सफ़र तो है, राहों की धूल से ही खुद को पहचान दीजिए। रोशनी मिलेगी अंधेरे के हर कोने से, वक़्त की चुप्प को अपनी हसरतों से सजा दीजिए। हमसफ़र नहीं तो क्या, इरादे हैं आसमान जैसे, हर घड़ी की राह को अपने ख्वाबों से बना दीजिए। कभी अगर ठोकरें लगे, तो उन्हें दिल से लगा लीजिए, वहीं छुपा है वो राज़, जो आपको मजबूत बना दीजिए। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर मंज़िल न दे सके जो सुकूँ सफ़र को 'नवनीत', तो राह की गर्द से एक नई दास्ताँ लिख दीजिए। जहाँ तक भी चली हो मंज़िल की तलाश, उस रास्
#नवनीतठाकुर मंज़िल न दे सके जो सुकूँ सफ़र को 'नवनीत', तो राह की गर्द से एक नई दास्ताँ लिख दीजिए। जहाँ तक भी चली हो मंज़िल की तलाश, उस रास्
read morePraveen Jain "पल्लव"
Unsplash पल्लव की डायरी जड़ो से काटकर शिक्षा कैसा ज्ञानी बना रही है उधेड़ रही परिवार समाज की बुनियाद आज रिश्तों की बाँट लगा रही है बढ़ रहे है चरित्रों में दोष वासनाओ में युवा डूबकी लगा रहे है लज्जा हया शर्म सब ताक पर है उच्च शिक्षा पाकर भी निखार उनके जीवन मे नही आ रहा है डिग्रियों के नाम पर भारत का स्वरूप बिगाड़ा जा रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #leafbook जड़ो से काटकर शिक्षा, कैसा ज्ञानी बना रही है
#leafbook जड़ो से काटकर शिक्षा, कैसा ज्ञानी बना रही है
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