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BANDHETIYA OFFICIAL
White जरा सियासी होने का खामियाजा भुगत रहा हूं, नहीं सियासतदान, नाम न अपनी कुछ पहचान। गुजर रही जनता इन कुछ हालों से, इधर यहां बिल्कुल कुछ इक सालों से, कहे दिये जो अपने हालात,टोका -टोकी फिर तो, अदना है आवाम,आम न, फिर फिर है नादान। राजनीति मत कर,न राय, धमकी है, नेता मत बन, कद्दावर सनकी है, कद न जो अंकुर में, अंकुश उसपे भी हाथी वाला, सर पे है तलवार,ताम न झाम,जहीं हैरान! ©BANDHETIYA OFFICIAL #आम कैसा!
Ghanshyam Ratre
White गर्मी के मौसम में आसमान में घोर काले बादल छा रही है। ठंडी ठंडी हवा चल रही है झर -झर पानी गिर रही है।। ऐसा सुहाना मौसम है जो भीषण गर्मी से तन मन को रहात मिल रहा है। ©Ghanshyam Ratre मौसम
Harvinder Ahuja
मांवा धींया दोनों दुखी, किंवे अपणा दुख वंडावण, इक ऐथे अते दूजी ओथे, पल-पल इक दूजे दा नम्बर मिलावण, इक ना खुद सोंधी, ना सोण देवे दूजी नू, होके भर भर दूरियां नपवावे, कैंदी मैं जी चुकी हां,ना जीण देवां तेनूं, ऐंवे अपणा हक जमावे। ©Harvinder Ahuja # कैसा कन्यादान
Lalit Musiya
White गर्मी के मौसम में आम लग आया, कच्चे आम की चटनी और अचार बनाया, जिसका स्वाद तीखा, मीठा, खट्टा ,चट्पटा आया, लोगों ने रोटी के साथ खूब खाया , सभी के मन को खूब भाया, फलों का राजा पक आया, किसी ने शेक बनाकर पीया, किसी ने चूस-चूस कर खूब खाया , गुटली को चाट -चाट कर कचरे के डब्बे में फेंक आया, खानें में बड़ा मजा आया, मन को खूब भाया, गर्मी का मौसम आया , आम को खूब खाया । ©Lalit Musiya गर्मी के मौसम में आम लग आया #mango #story #Tranding
मुसाफिर
इस ठंड भरी एहसास के मौसम में तेरी यादों गर्म चादर है जिसमें हर शाम लिपट जाता हूं। ©मुसाफिर #मौसम
हिमांशु Kulshreshtha
White कैसा अजीब है ये एहसास लगता है कभी जिन्दगी पूरी जी ली हो जैसे फ़िर लगता है कभी अभी तो जिन्दगी शुरू की ही नहीं ©हिमांशु Kulshreshtha कैसा अजीब...
aaj_ki_peshkash
क्यों डरे जिंदगी में क्या होगा कुछ न होगा तो तजुर्बा होगा ©aaj_ki_peshkash क्यों डरे #जिंदगी में क्या होगा कुछ न होगा तो #तजुर्बा होगा #Exploration #life #motivatation
OP YADAV OFFICIAL
dev soni
dev soni 🙏 ©dev soni बदलते मौसम में याद आते है वो लोग जो बदलगये है मौसम की तरह
Arun Mahra
तुम्हारे सिवा इश्क किसी और से कैसे होगा चाहे तुम हजार बार बोल दो पर दिल में सिर्फ तुम्हारा ही ख्याल आएगा और जुंबा पर तेरा नाम आएगा ©Arun Mahra तुम्हारे सिवा किसी और को कैसा चाहेंगे तू मेरी सासों में बसी है तुझको कैसा छोड़ पाएंगे