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Kuldeep singh rj09
मुलाक़ातो का दौर जारी तुझसे मिलने का दौर जारी है और बिछड़ने का क्या गम करू मै आज भी तेरी बेवफाई का दौर जारी है..... अन सुने किस्से....... अन कही बाते......... KULSA मेवाड़ ©Kuldeep singh rj09 अन कही बातें..... #Nojoto #Trending
अन कही बातें..... #Trending
read moreHARSH369
White कही कोई दूर से मुझे पुकार रहा है कोई ना कोई है जो जिन्दगी मेरी सवार रहा है मै मदद करुंगा ये कहकर,असहज महसूस ना कर वो करुणा से मुझे बुला रहा है... कही दूर शहर मे जहां सभी अजनबी है एक सपना लेकर आना ये कह रहा है जो प्रेम और सेवा से भरा हो, जिसमे त्याग हो,और ममता हो,कर्तव्य हो लगातार चलते रहने का हौसला हो ये मुझसे हर ध्यान मे कह रहा है..! वो बाते मुझसे कर रहा है..!! ©HARSH369 #City कही दूर
Manisha Tiwari
मुझे उस दिन का इतज़ार है जब हम कही दूर इन बदलो मे जा छुपे और ये दिन इसी तरह ढल जाए!! ©Manisha Tiwari ~कही दूर जब दिन ढल जाए~
~कही दूर जब दिन ढल जाए~ #Shayari
read moreRAVI PRAKASH
White ज़िंदगी में हज़ारों दोस्त बनाओ पर उन हज़ारों दोस्तों में एक दोस्त ऐसा बनाओ कि जब हज़ारो लोग आपके खिलाफ हो तो वो आपके साथ हज़ारों के खिलाफ हो ©RAVI PRAKASH #sad_quotes एक दोस्त ऐसा बनाओ कि
#sad_quotes एक दोस्त ऐसा बनाओ कि #शायरी
read moreRimpi chaube
White बसते हैं कही किसी मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे में खुदा... ऐसा कह नही रहा मैं...पर मैंने सुना था। नजर जब मां पे पड़ी तो,सारे सवाल हल हो गए।। ©Rimpi chaube #happy_mother_day 💞 बसते हैं कही किसी मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे में खुदा... ऐसा कह नही रहा मैं...पर मैंने सुना था। नजर जब मां पे पड़ी तो,सारे
#Happy_Mother_Day 💞 बसते हैं कही किसी मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे में खुदा... ऐसा कह नही रहा मैं...पर मैंने सुना था। नजर जब मां पे पड़ी तो,सारे #Love
read moreJashvant
White कितना ढूँडा उसे जब एक ग़ज़ल और कही जब मिला ही नहीं तब एक ग़ज़ल और कही एक उम्मीद मुलाक़ात में लिक्खी सर-ए-शाम और फिर आख़िर-ए-शब एक ग़ज़ल और कही इक ग़ज़ल लिक्खी तो ग़म कोई पुराना जागा फिर उसी ग़म के सबब एक ग़ज़ल और कही उस ग़ज़ल में किसी बे-दर्द का नाम आता था सो पए बज़्म-ए-तरब एक ग़ज़ल और कही जानते बूझते इक मिस्रा-ए-तर की क़ीमत दिल-ए-बेदाद-तलब एक ग़ज़ल और कही दिल की धड़कन को ही पैराया-ए-इज़हार किया सिल चुके जब मिरे लब एक ग़ज़ल और कही दफ़अ'तन ख़ुद से मुलाक़ात का एहसास हुआ मुद्दतों बा'द जो अब एक ग़ज़ल और कही वहशत-ए-हिज्र भी तन्हाई भी मैं भी 'अंजुम' जब इकट्ठे हुए सब एक ग़ज़ल और कही ©Jashvant एक ग़ज़ल और कही Lalit Saxena Mukesh Poonia PФФJД ЦDΞSHI Andy Mann vineetapanchal
एक ग़ज़ल और कही Lalit Saxena Mukesh Poonia PФФJД ЦDΞSHI Andy Mann vineetapanchal #Life
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