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Karan Mehta
गुमसुम हो कर यूँ, बैठा है क्यूँ मायूस हो कर तू, बैठा है क्यूँ रे बावरे, ये जान ले कोशिश ही है तेरा रास्ता कोशिश ही है तेरा आसरा सुन ले तू मेरी सदा © kaaran गुमसुम हो कर यूँ, बैठा है क्यूँ मायूस हो कर तू, बैठा है क्यूँ रे बावरे, ये जान ले कोशिश ही है तेरा रास्ता कोशिश ही है तेरा आसरा सुन ले तू म
Anil Siwach
sandy
पहाटेपासूनच पाऊस कोसळतं होता. इतरत्र पाऊस फक्त पडतो, मुंबईत तो कोसळतो! 'रोमँटिक पाऊस' वगैरे शब्द मुंबईबाहेरचें. बाहेरचा येऊन कोणी मुंबईत पाव
Raghav Raj
वाह रे दुनिया वाह क्या तेरी खेल है अगर एक गरीब पर कुछ होता है तो तुम सारे शांत रहते हैं चाहे वह बॉलीवुड के सुपरस्टार क्यों ना हो अपनी जेब करने वाले नेता ही क्यों ना हो जब कोई अमीर पर कुछ हो तब तो सारे मीडिया वाले चाहे नेता चाहे बड़े बड़े सुपरस्टार सारे मिलकर आंदोलन शुरू कर देते हो वाह रे दुनिया वाह क्या तेरी खेल है एक 3 साल की बच्ची जिसको 2 मुसलमानों ने मिलकर मार डाला उसके लिए ना तो कोई आगे आ रहा है नहीं उसके कातिलों को सजा मिल रहा है अब कहां गए वह सितारे जो कभी आतंकवादियों को नादान व्यक्ति बताते और मासूम व्यक्ति बताते हैं कहां गए हो बरे बरे नेता और सितारा वाह रे जमाना तेरा यही तो खेल है।।। जागो देशवासियों जागो कुछ तो देखो अब तो देश के लिए कुछ करो छोड़ो यह पब्जी यह टिक टॉक की दुनिया अब तो देश के लिए कुछ करके दिखाओ जय हिंद जय भारत वंदे मातरम भारत माता की जय वाह रे दुनिया क्या तेरी खेल है
Jugnu Sharma
वाह रे इन्सान तू भी क्या चीझ है ©Jugnu Sharma वाह रे इन्सान तू भी क्या चीझ है
eradio india
राम नहीं तू बन पाएगा, फिरता क्यों बनवास रे जोगी।। तू शब्दों का दास रे जोगी, तेरा क्या विश्वास रे जोगी।। ©eradio india तेरा क्या विश्वास रे जोगी....
Seema Katoch
मन रे तू क्या खोजता है हर पल ये क्या सोचता है सब तो है पास बुझे ना तेरी प्यास भागे है अनवरत भटके किसकी आस मन रे तू क्या खोजता है हर पल ये क्या सोचता है रहता है डरा डरा क्यों है भरा भरा कोलाहल है हरदम शांत हो अब ज़रा.. मन रे तू क्या खोजता है हर पल ये क्या सोचता है तू है सब जाने भला बुरा पहचाने फिर है ढूंढे क्यों रोज़ नए बहाने मन रे तू क्या खोजता है हर पल ये क्या सोचता है मन रे तू क्या खोजता है हर पल ये क्या सोचता है सब तो है पास बुझे ना तेरी प्यास भागे है अनवरत भटके किसकी आस