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Ravishine ⭐✨
Himmat Singh
तेरे हुस्न का चारों दिशाओं में बवाल हैं तेरी मदहोशी में ही गुजर गया वक्त मेरा, तेरा ही कमाल हैं। हिम्मत सिंह writing# thinking# Punjabi poetry Hindi poetry# Urdu poetry# तेरे हुस्न का चारों दिशाओं में बवाल हैं तेरी मदहोशी में ही गुजर गया वक्त मेरा,
R.S. Meena
देश हमारा, देश हमारा, देता अनेकता में एकता का नारा, चारों दिशाओं में गुँजे एक ही जयकारा, देश हमारा-२ रखा कदम मानव ने जब धरा पर, साथ मिला उसे प्रकृति का, बना वहीं उसका अपना घर। असंख्य जीवों में मानव ने बुद्धि पाई, चाहा उसने विश्वविजेता बनना, हर मोड़ पर प्रकृति से मात खाई। प्रकृति के आगे सारा जग हारा। चारों दिशाओं में गुँजे एक ही जयकारा, देश हमारा-२ धर्म वहीं जो करे संरक्षण, राहों में जो फूल बिछाये, सहयोग का हो जिसमें लक्षण। गिरने ना दे किसी को, जो हाथ से हाथ मिलाये। बोले केवल एक ही नारा, चारों दिशाओं में गुँजे एक ही जयकारा, देश हमारा-२— % & #शहीददिवस #विश्व कुष्ठ उन्मूलन दिवस देश हमारा, देश हमारा, देता अनेकता में एकता का नारा, चारों दिशाओं में गुँजे एक ही जयकारा, देश हमारा-२
Er.Shivampandit
त्रिनेत्र से त्रिदेव कहलाए शांति-भाव से भोला कहलाए।। योग से विश्व-गुरु कहलाए अंतर्ध्यान में तीनों लोक समाए।। शिव, धरा से अंबर तक समाए चारों दिशाओं में ओम समाए।। शिव, सनातन की पहचान कराएं संस्कृत-संस्कार आगे बढ़ाएं।। 🙏ॐ_जय_श्री_महाकाल🙏 त्रिनेत्र से त्रिदेव कहलाए शांति-भाव से भोला कहलाए।। योग से विश्व-गुरु कहलाए अंतर्ध्यान में तीनों लोक समाए।। शिव, धरा से अंबर तक समाए चारो
सुसि ग़ाफ़िल
डमरू बजेगा डम डम डम डम, भगत बोलेंगे बम बम बम बम! महादेव फिर अवतार में होगा, किलकारी बजी शंखनाद होगा! त्रिशूलधारी तांडव करेगा, भगत भोले का नाम जपेगा! प्रिय भगत व्रत रखेंगे, महादेव सबको निकट रखेंगे! बेलपत्र चढ़ेगा दूध चढ़ेगा, हर शैतान का यमदूत निकलेगा! सारा जग ये नाच उठेगा, चारों दिशाओं में शोर मचेगा! पुरुष प्रकृति की रात होगी , शिव शंकर की बारात होगी ! महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं ❤❤ डमरू बजेगा डम डम डम डम, भगत बोलेंगे बम बम बम बम! महादेव फिर अवतार में होगा, किलकारी बजी शंखनाद हो
vishwadeepak
अजीब सी उलझन और दिल नासाज़ है, साल का पहला दिन, जोकि बहुत खास है, ज़र्रा - जर्रा, महक उठा है, चारों दिशाओं में, खुशी का एहसास है, बस, हम ही हैं अकेले और कोई नहीं पास है, खैर पहला है दिन, नहीं रखना कोई मलाल है, अभी बाकी है उम्र बहुत, बस, दो चार दिन की ही बात है, तबियत थी नाजुक, इसलिए रख दी हमने, अपनी बात है, अजीब सी उलझन और दिल नासाज़ है...... ©Deepak Chaurasia #my poetry #अजीब सी उलझन और दिल नासाज़ है, साल का पहला दिन, जोकि बहुत खास है, ज़र्रा - जर्रा, महक उठा है, चारों दिशाओं में, खुशी का एहसास है
Sangeeta Patidar
स्वागत 🎶 ☕☕☕☕☕☕☕☕☕☕☕☕☕☕☕ कौन है वो कौन है वो.. जो चाय का ittaaaaa बड़ा Cup लेके आया... YQ की चारों दिशाओं में... स्वादिष्ट मीठी ख़ुशबू सा जो है छाया.
Insprational Qoute
"पियामिलन गीतिकाव्य" सम्पूर्ण रचना अनुशीर्षक में पढ़ियेगा। कलकल करती बदली पिया देखो आज कुछ कह रही, सावन की रुत अब चारों दिशाओं में सरसर बह रही, नैनो की शिरोरेखा सुरमई हुई, रंग रूप के श्रृंगार में