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Er.Shivampandit

जो_जितना_व्यस्त_उतना_सफल.... सुख-दुख,आना-जाना सब जीवन के पहलू हैं हर कोई ये जानता भी है और समझता भी।सच भी यही है कि जीवन के उतार-चढ़ाव के बीच तालमेल बनाए रखना चाहिए हर पल को आनंद से भर लेना चाहिए।कभी-कभी शायद सभी ने ऐसा महसूस किया ज़रूर होगा भले ही मात्र एक क्षण को जैसे खुशियाँ सारी पास हैं फिर भी कुछ तलाश है।कभी ऐसा भी लगता है कि आप चारों तरफ अपनों से उनके अपनत्व से घिरे हैं किंतु इतनी भीड़ के बावजूद भी कभी अकेलापन महसूस होता है.. जीवन में व्यस्तताएँ बहुत बढ़ गई हैं ऐसा लोग प्रायः कहते हैं

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हमेशा झूठ हम आपस में बोलते आए
न मेरे दिल में न तेरी जबाँ पे छाला है…!!

©बेचैन.. ✍ #जो_जितना_व्यस्त_उतना_सफल.... 

सुख-दुख,आना-जाना सब जीवन के पहलू हैं हर कोई ये जानता भी है और समझता भी।सच भी यही है कि जीवन के उतार-चढ़ाव के बीच तालमेल बनाए रखना चाहिए हर पल को आनंद से भर लेना चाहिए।कभी-कभी शायद सभी ने ऐसा महसूस किया ज़रूर होगा भले ही मात्र एक क्षण को जैसे खुशियाँ सारी पास हैं फिर भी कुछ तलाश है।कभी ऐसा भी लगता है कि आप चारों तरफ अपनों से उनके अपनत्व से घिरे हैं किंतु इतनी भीड़ के बावजूद भी कभी अकेलापन महसूस होता है.. 
जीवन में व्यस्तताएँ बहुत बढ़ गई हैं ऐसा लोग प्रायः कहते हैं

Poetry with Avdhesh Kanojia

#मेरी_दृष्टि ............ शोशल मीडिया पर विजया दशमी आते आते प्रतिवर्ष एक आधारहीन शरारती तत्वों द्वारा रचित एक सन्देश बहुत प्रसारित होता है। जिसमें मृत्यु शैय्या पड़ा रावण उनसे कहा है कि *वह उनसे वर्ण में बड़ा है। *आयु में बड़ा है। *उसका कुटुम्ब श्रीराम के कुटुम्ब से बड़ा है। *वह उनसे अधिक वैभवशाली है।

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मेरी दृष्टि
✍️अवधेश कनौजिया© #मेरी_दृष्टि
............

शोशल मीडिया पर विजया दशमी आते आते प्रतिवर्ष एक आधारहीन शरारती तत्वों द्वारा रचित एक सन्देश बहुत प्रसारित होता है। जिसमें मृत्यु शैय्या पड़ा रावण उनसे कहा है कि 
*वह उनसे वर्ण में बड़ा है।
*आयु में बड़ा है।
*उसका कुटुम्ब श्रीराम के कुटुम्ब से बड़ा है।
*वह उनसे अधिक वैभवशाली है।

ViRaj

पापा के बिना कुछ भी नही...

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जब वो मातम का गीत गाया गया..
चारों के कंधों पर उठाया गया..

जाने वाला महज एक शख्स नही था...
हम चारों के सर से साया गया...

miss you papa 
राज 'रामकुमार' बरवड़ पापा के बिना कुछ भी नही...

sayrana zindagi

तंबाकु को ना कहे

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सिगरेट को धुँआ समझकर उडा़नें वालों
ये एक दिन तुम्हें ही धुँआ बना देगी
तरस जाओगें जिन्दगी और मौत के लिए
ये ऐसी लत लसिर्फ अंधेरा होगा
मुश्किलों में ना कोई साथ होगागा देगी
चारों तरफ 
ये छोटी सी दिखनें वाली 
चारों तरफ इतना धुँआ फैला देगी तंबाकु को ना कहे

Shivank Shyamal

तुम्हारे घर की गली से गुजर रहा था। दिमाग में बस एक ही ख़्याल चल रहा था, कि क्या कभी इन गलियां का पता ‘मेरे घर’ का पता बनेगा? क्या कभी मैं भी इन गलियों से उतना ही रूबरू हो पाऊंगा, जितना कि मैं मेरे ख़्यालों पर राज करने वाली वाली मेरे दिल की मल्लिका से हूँ? ये मेरा दिल, ये मेरे ख़्याल, ये मेरे जज़्बात, और ना जानें क्या-क्या बस एक ही सवाल के चारों ओर ऐसे चक्कर लगा रहे हैं जैसे बरसों से ये धरती सूर्य के चक्कर लगा रही है, जैसे मकरंद के ख़्यालों में मस्त हुआ वो भंवरा किसी फूल के चक्कर लगाता हो। वैसे ह

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I love you “तुम्हारी गली और मेरा पता”
Read caption #NojotoQuote तुम्हारे घर की गली से गुजर रहा था। दिमाग में बस एक ही ख़्याल चल रहा था, कि क्या कभी इन गलियां का पता ‘मेरे घर’ का पता बनेगा? क्या कभी मैं भी इन गलियों से उतना ही रूबरू हो पाऊंगा, जितना कि मैं मेरे ख़्यालों पर राज करने वाली वाली मेरे दिल की मल्लिका से हूँ?
ये मेरा दिल, ये मेरे ख़्याल, ये मेरे जज़्बात, और ना जानें क्या-क्या बस एक ही सवाल के चारों ओर ऐसे चक्कर लगा रहे हैं जैसे बरसों से ये धरती सूर्य के चक्कर लगा रही है, जैसे मकरंद के ख़्यालों में मस्त हुआ वो भंवरा किसी फूल के चक्कर लगाता हो। वैसे ह

Mohammad Arif (WordsOfArif)

ये कैसा मंजर बना हैं डर का चारों तरफ नफरत की हवायें चलने लगी हैं चारों तरफ मुहब्बत करने वाले कितने मासूम होते हैं उन को भी बदनाम किया हैं लोगों ने चारों तरफ ये उनकी फितरत हैं हमें अलग करने की मगर लोगों के दिलों में मुहब्बत आज भी हैं चारों तरफ

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ये कैसा मंजर बना हैं डर का चारों तरफ
नफरत की हवायें चलने लगी हैं चारों तरफ 

मुहब्बत करने वाले कितने मासूम होते हैं 
उन को भी बदनाम किया हैं लोगों ने चारों तरफ 

ये उनकी फितरत हैं हमें अलग करने की मगर 
लोगों के दिलों में मुहब्बत आज भी हैं चारों तरफ 

बहुत कुछ कहना चाहते हैं हम उन लोगों से
मगर मुझे भी लोगों ने नाकाम किया हैं चारों तरफ 

प्यार इश्क मुहब्बत ऐसे ही बना रहेगा हम सब में 
आरिफ ये बात सच हैं लोगों से कह दो चारों तरफ ।।। ये कैसा मंजर बना हैं डर का चारों तरफ
नफरत की हवायें चलने लगी हैं चारों तरफ 

मुहब्बत करने वाले कितने मासूम होते हैं 
उन को भी बदनाम किया हैं लोगों ने चारों तरफ 

ये उनकी फितरत हैं हमें अलग करने की मगर 
लोगों के दिलों में मुहब्बत आज भी हैं चारों तरफ

Anu Shree Dubey "Akshara"

बापू

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बापू यह हमारे देश में कैसी आंधी आ गई।
अब इंसानियत खत्म हुई चारों तरफ दुर्दशा छा गई।
संसद में बैठे गीदड़ शेर बन कर धाड़ रहे।
विरोध करें आपस में चीख चीख गला फाड़ रहे।
कोयल बैठी मौन देखो काक सभा में बोल रहे।
आरक्षण में देखो इंसानों को जाति से तोल रहे।
इंसान बने हैवान देखो इंसानों को खाते जा रहे।
समाज में देखो बापू कैसे परिवर्तन आते जा रहे।
बापू तुमने देखा था सपना भारत हमेशा आजाद रहे।
तुमने देखा था सपना कि हर नगरिक आबाद रहे।
भारत के नगरिक देखो आबाद होकर आबाद नहीं।
देखो बापू भारत आज भी आजाद होकर आजाद नहीं।
लडाई करवाते फिरते इंसानों का कोई काम नहीं।
इंसान जानवर बन रहा इंसान का कहीं नाम नहीं।
यह पश्चात सभ्यता आती समाज के अनुकूल नहीं।
कौन कहता है इसमें इंसानों की कोई भूल नहीं।
संसद में बैठे गीदड़ शेर बन कर धाड़ रहे।
विरोध करें आपस में चीख चीख गला फाड़ रहे।
बापू यह हमारे देश में कैसी आंधी आ गई।
अब इंसानियत खत्म हुई चारों तरफ दुर्दशा छा गई। बापू

निखिल कुमार अंजान

आज एक बार फिर से सदियों से चल रही प्रथा निभाएगें 
राम रावण का युद्ध करवा कर रावण का पुतला जलाएगें
बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाएगें
पर क्या सच मे बुराई का रावण मार पाएगें
क्या सच मे आज की सीता का मान बचा पाएगें
क्या सच मे भाई भाई मे प्रेम जगा पाएगें
क्या रिश्तों को कंलकित होने से बचा पाएगें
क्या सच मे कुल की मर्यादा बनाए रख पाएगें
सवाल यही है सत्य की वनवास यात्रा को रोक पाएगें
या फिर अंदर जो बैठा है बुराई का रावण उसको जला पाएगें
या देखेगें तमाशा रावण दहन का और जश्न मनाएगें
जब तक ये कलयुग का रावण नही मरेगा
राम रावण के युद्ध का अभिनय निरंतर चलेगा 
सीता की अस्मत को तार तार किया जाएगा
इंसान के व्यक्तित्व पर ही कलंक लग जाएगा
बुराई रूपी रावण का स्वरुप लगातार बढ़ता जाएगा
अब न कोई राम का अवतार लेगा
न ही कोई रावण का वध करेगा
सत्य तो अब वनवास जा ही चुका है
झूठ का अंधियारा चारों ओर छा चुका है
सत्य की लौ को अब जलाना होगा 
अंदर बैठे रावण को मिटाना होगा
चारों ओर खुशीयों को फैलाना होगा
तब जाके सफल विजय दशमी का पर्व मनाना होगा........ 

#निखिल_कुमार_अंजान...... #nojoto
#निखिल_कुमार_अंजान

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