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Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी नैतिकता हुयी शर्मशार प्यादों की तरह जनता छल रही है समीकरणों के बल पर सियासतें चल पड़ी है कौमो की एकता को घायल कर रही है आधारभूत सुविधाओं को मेट कर रेवड़ी कल्चर विकसित कर रही है अध्ययन ज्ञान हुनर सब को दरकिनार कर मुंडो को गिनकर राजनीत कर रही है धर्म के नाम पर फुसलाकर समाज को अफीम चटाने का प्रयास कर रही है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" समाज को अफीम चटाने का प्रयास कर रही है #nojotohindi
समाज को अफीम चटाने का प्रयास कर रही है #nojotohindi
read moreMatangi Upadhyay( चिंका )
समाज इन लोगों को कभी स्वीकार नही करता है... किन्नर को, लड़की को, विधवा स्त्री को, प्रेम विवाह को, गरीब पुरुष को, बेरोजगार व्यक्ति को, तलाकशुदा स्त्री को विकलांग लोगों को, बूढे माता पिता को, बाँझ स्त्री को..! ©Matangi Upadhyay( चिंका ) समाज की हकीकत 🤔 #matangiupadhyay #Nojoto #हिंदी #thought
समाज की हकीकत 🤔 #matangiupadhyay #हिंदी #thought
read moreSarfaraj idrishi
कुछ लोगों का बस नही चलता वरना राह चलते लोगों को रोक कर बताएं के हम तुमसे बेहतर हैं ©Sarfaraj idrishi #MoonBehindTree Islamकुछ लोगों का बस नही चलता वरना राह चलते लोगों को रोक कर बताएं के हम तुमसे बेहतर हैं
#MoonBehindTree Islamकुछ लोगों का बस नही चलता वरना राह चलते लोगों को रोक कर बताएं के हम तुमसे बेहतर हैं
read moreParasram Arora
White ज़ब एक दिन घर मे आग लगी तो एक समाज सुधारक ने आकर आग बुझाने मे सहायता का आश्वासन दिया लेकिन वो स्नाजसेवी उस लगी आग को बुझाने के बजाय उसे हवा देकर आग को और भी बड़ा गया था ©Parasram Arora आग और समाज सुधारक
आग और समाज सुधारक
read moreSatish Kumar Meena
इतिहास गढ़ने के लिए दृढ़ संकल्प होना और हिम्मत होना बहुत जरुरी है, एक ने हिम्मत से मुकाबला किया और दूसरी तरफ अपनी अस्मिता बचाने के लिए संकल्प के साथ जौहर कर लिया। ©Satish Kumar Meena इतिहास
इतिहास
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी खिड़कियां सब बंद मदद की हरण नैतिकता का हो रहा है आवाजे और हक हमारे लुप्पत हो गये टाइमपास देश कर रहा है सन सैतालीस में ले जाने का प्रयास हो रहा है लगान प्रथा जीएसटी ने चालू कर दी घाटा हो या मुनाफा दायरे में सब आयेगे बधुआ मजदूरी फिर से लागू हो गयी अठारह घण्टे काम करो,वेतन नही बढ़ायेगे साहूकारी प्रथा बैंको ने ले ली बात बात पर चार्ज और जुर्माने लगायेंगे राजशाही की प्रथा सत्ता ने ले ली कोई भी आंकड़े नही बतायेगे बौना पूरा देश समाज कर दिया गुणगान अपना विज्ञापनों से गायेगे प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #lonely बौना पूरा देश समाज कर दिया
#lonely बौना पूरा देश समाज कर दिया
read moreपूर्वार्थ
White आधुनिक समाज का सच आज के इस आधुनिक युग में, देखो कैसा हाल हुआ, रिश्तों का मोल घटा, हर रिश्ता बस सवाल हुआ। दिल के बंधन अब कमजोर, स्वार्थ की दीवारें ऊँची, भावनाएँ रह गईं पीछे, आगे दौड़ी इच्छाएँ दूषित। रिश्ते अब खेल बन गए, बस पल भर की बात, जहाँ प्यार की गहराई थी, वहाँ दिखावा है रात। दिखावे की इस दुनिया में, सच्चाई गुमनाम हुई, दिलों के जुड़ने की जगह, बस सौदे की बात हुई। शादियाँ अब तमाशा हैं, बस एक आयोजन भव्य, जहाँ सादगी थी पहले, अब दिखावे का पर्व। सात फेरे, सात वचन, अब रस्में बन गईं, जहाँ प्रेम था कभी गहरा, वहाँ रिवाजें सिमट गईं। तलाक अब मजाक है, बंधन को तोड़ना आसान, जहाँ समझौता था पहले, अब बस अभिमान। साथ चलने की जगह, अलग राहें चुन ली जातीं, प्यार की जगह नफरत, हर रिश्ते को खा जाती। प्रोग्रेसिव इस समाज का, ये कैसा सच है भाई, जहाँ रिश्तों की कीमत नहीं, बस स्वार्थ की भरपाई। कहाँ गए वो दिन पुराने, जहाँ प्रेम था आधार, आज तो सब बन गया है, बस एक व्यापार। सोचो, समझो, और बदलो, रिश्तों को मोल दो, जहाँ दिलों की बातें हों, वहाँ मत स्वार्थ जोड़ो। इस आधुनिकता में कहीं, रिश्तों का सम्मान न खो दो, वरना ये समाज एक दिन, बस खाली नाम रह जाएगा। ©पूर्वार्थ #समाज
Praveen Jain "पल्लव"
Google पल्लव की डायरी वैश्वीकरण के दौर में भारत को विश्व की धारा से जोड़ा था आमजन भी मुख्यधारा में आये सबकी सम्पन्नता का द्वार खोला था वित्तमंत्री रहे हो या प्रधानमंत्री लोहा अपनी नीतियों का मनवाया था कम बोलते थे पर मनमोहन सिंह ने आर्थिक सम्पन्नता से विश्वपटल पर झंडा भारत का गाड़ा था याद रहेंगे युगों युगों तक गैर राजनीतिक के रूप में प्रधनमंत्री धरोहर इतिहास की कहलायेंगे प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Manmohan_Singh_Dies धरोहर इतिहास की कहलायेंगे
#Manmohan_Singh_Dies धरोहर इतिहास की कहलायेंगे
read moreSatish Kumar Meena
इतिहास गवाह है इतिहास गवाह हैं जब भी किसी ने अहंकार किया है उसका सर्वनाश निश्चित रूप से हुआ ही है। ©Satish Kumar Meena इतिहास गवाह है
इतिहास गवाह है
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