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Parag Jain
beshak use pyar bahut tha... pr me bhi bewafa nh tha #gif #parag jain
Manohari hari
definition and facts -encyclopedia brittanicca ©Manohari hari #Pattiyan wikipedia
theheartsays08
Tujhse duur hoke kaha pura hu, Tujhse alag hoke na Jira hu mae, aashiq unke harazar hae par hamari ek hi jaan hae, intezar karna zaruri hae kyuki hame unpar etbar hae. @paragsikka parag sikka_8826265754
parag sikka_8826265754
read morejayanti
करम झारखण्ड, बिहार, ओड़िशा, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ का एक प्रमुख त्यौहार है। मुख्य रूप से यह त्यौहार भादो (लगभग सितम्बर) मास की एकादशी के दिन और कुछेक स्थानों पर उसी के आसपास मनाया जाता है। इस मौके पर लोग प्रकृति की पूजा कर अच्छे फसल की कामना करते हैं, साथ ही बहनें अपने भाइयों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करती हैं। करम पर झारखंड के लोग ढोल और मांदर की थाप पर झूमते-गाते हैं। चित्र:Karam festival celebration in Jharkhand.jpg झारखण्ड में करमा उत्सव करम त्यवहार में एक विशेष नृत्य किया जाता है जिसे करम नाच कहते हैं । यह पर्व हिन्दू पंचांग के भादों मास की एकादशी को झारखण्ड, छत्तीसगढ़, सहित देश विदेश में पुरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस अवसर पर श्रद्धालु उपवास के पश्चात करमवृक्ष का या उसके शाखा को घर के आंगन में रोपित करते हैं और दूसरे दिन कुल देवी-देवता को नवान्न (नया अन्न) देकर ही उसका उपभोग शुरू होता है। करम नृत्य को नई फ़सल आने की खुशी में लोग नाच-गाकर मनाया जाता है। करम नृत्य छत्तीसगढ़ और झारखण्ड की लोक-संस्कृति का पर्याय भी है। छत्तीसगढ़ और झारखण्ड के आदिवासी और ग़ैर-आदिवासी सभी इसे लोक मांगलिक नृत्य मानते हैं। करम पूजा नृत्य, सतपुड़ा और विंध्य की पर्वत श्रेणियों के बीच सुदूर गावों में विशेष प्रचलित है। शहडोल, मंडला के गोंड और बैगा एवं बालाघाट और सिवनी के कोरकू तथा परधान जातियाँ करम के ही कई रूपों को आधार बना कर नाचती हैं। बैगा कर्मा, गोंड़ करम और भुंइयाँ कर्मा आदि वासीय नृत्य माना जाता है। छत्तीसगढ़ के लोक नृत्य में ‘करमसेनी देवी’ का अवतार गोंड के घर में हुआ ऐसा माना गया है, एक अन्य गीत में घसिया के घर में माना गया है। यह दिन इनके लिए प्रकृति की पूजा का है। ऐसे में ये सभी उल्लास से भरे होते हैं। परम्परा के मुताबिक, खेतों में बोई गई फसलें बर्बाद न हों, इसलिए प्रकृति की पूजा की जाती है। इस मौके पर एक बर्तन में बालू भरकर उसे बहुत ही कलात्मक तरीके से सजाया जाता है। पर्व शुरू होने के कुछ दिनों पहले उसमें जौ डाल दिए जाते हैं, इसे 'जावा' कहा जाता है। बहनें अपने भाइयों की सलामती के लिए इस दिन व्रत रखती हैं। इनके भाई 'करम' वृक्ष की डाल लेकर घर के आंगन या खेतों में गाड़ते हैं। इसे वे प्रकृति के आराध्य देव मानकर पूजा करते हैं। पूजा समाप्त होने के बाद वे इस डाल को पूरे धार्मिक रीति से तालाब, पोखर, नदी आदि में विसर्जित कर देते हैं। उपवास करम की मनौती मानने वाले दिन भर उपवास रख कर अपने सगे-सम्बंधियों व अड़ोस पड़ोसियों को निमंत्रण देता है तथा शाम को करम वृक्ष की पूजा कर टँगिये कुल्हारी के एक ही वार से कर्मा वृक्ष के डाल को काटा दिया जाता है और उसे ज़मीन पर गिरने नहीं दिया जाता। तदोपरांत उस डाल को अखरा में गाड़कर स्त्री-पुरुष बच्चे रात भर नृत्य करते हुए उत्सव मानते हैं और सुबह पास के किसी नदी में विसर्जित कर दिया जाता हैं। इस अवसर पर एक विशेष गीत भी गाये जाते हैं- उठ उठ करमसेनी, पाही गिस विहान हो।चल चल जाबो अब गंगा असनांद हो।। करम गीतसंपादित करें करम गीत एंव करमा नृत्य मनोरंजन के गीत-नृत्य हैं। बारिश शुरु होने के साथ करम गीत गाये जाने लगते है और फसल के कट जाने तक गाये जाते हैं। करम गीत में बड़े सुन्दर सम्बोधन का प्रयोग होता है। एक-दूसरे का नाम न लेकर बड़े प्यार से किन्हीं और शब्दों से सम्बोधन करते हैं। जैसे प्यार भरा संबोधन है - "गोलेंदा जोड़ा" । निम्नलिखित गीत में इसका प्रयोग बड़े सुन्दर तरीके से किया गया है- करम गीत गाते समय मांदर बजाया जाता है। मांदर सुनकर गाँव के सभी लोग दौड़कर चले आते है और नाचने लगते है। करम गीत और नृत्य जिस जगह पर होती है उसे "अंखरा" कहते है। ©jayanti karma wikipedia #sunrays
Parag Raval
ઘોડિયે નહીં તો કંઈ નહીં પણ ઝૂલે તો હજુ ઝૂલી શકાય છે , પણ ભૂખ લાગે તો ક્યાં ફરી મોંમાં અંગુઠો લઇ ચૂસાય છે ? કંઇક શીખવાની જીજ્ઞાસા લઇ ફરી સ્કૂલ કોલેજ જઈ શકાય છે , પણ દફતર ફેંકી રમવા દોડવું એવું હવે ક્યાં કરી શકાય છે ? ઝાડ પર નહીં તો કોલર ટયુનમાં કોયલ- ટહુકા સાંભળી શકાય છે , પણ અમથું અમથું ક્યાં ફરીથી કોયલ સંગ ટહુકી શકાય છે ? મિત્રો સંગે તાળી દઈ હજુ એ જોને ખિલખિલ હસી શકાય છે , પણ મનગમતી ચીજ મેળવવા ક્યાં હવે ભેંકડો તાણી રડાય છે ? જા તારી કિટ્ટા છે કહીને હજુ એ પળમાં દુશ્મની કરી શકાય છે , પણ બીજી જ પળે બુચ્ચા કરીને ક્યાં કોઈને ય મનાવી શકાય છે ? મોટા થવાની ઈચ્છા કરીને જુઓ ઝટ મોટા તો થઇ જવાય છે , પણ ફરી પાછું નાના થઇ જવું, ક્યાં કોઈનાથી પણ થવાય છે ? ©Parag Raval #poettry@parag #SardarPatel
#poettry@parag #SardarPatel
read moreshubham jain *parag*
WRITTEN by :- शुभम जैन "पराग" 7688962220 Udaipur (raj.) 🌺 गुलमोहर🌺 ======== आँखों को बड़ी राहत मिलती है तुम्हें देखकर,, इसलिए रोज़ चले आते हैं भौर होने पर,, तुम भी लगाये रहते हो टकटकी उसी राह पर,, गुजरते हैं जहाँ से पथिक तुम्हें बस यूँही निहार कर,, मुस्काते रहते हो तुम भी अपनी केसरिया छटांँ बिखेरकर,, मैं भी रोज़ अब आ जाता हूं पाने को तुम्हारी एक झलक,, पर क्या तुम भी करते हो मेरा इंतज़ार..?? मेरे प्यारे गुलमोहर...!! #shubhjain #parag #gulmohar
Durga Kannan
Some days seem boring and dull Monotonous and lonely No change from any other day Self motivation on those days Is so very important Lest we get sucked into A whirlpool of depression Image source wikipedia #yqbaba
Image source wikipedia #yqbaba
read moreDurga Kannan
I watched the chameleon Changing its colors To suit its mood And the temperature around And I watched humans Do it too With no reason whatsoever And, now, I'm left wondering Are we the more evolved Of the species? Pc wikipedia #yqbaba#yopowrimo
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