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Raj Verma
Unsplash माना मौसम भी बदलते है.. मगर धीरे-धीरे; तेरे बदलने की रफ़्तार से तो हवाएं भी हैरान है। ©Raj Verma #lovelife माना मौसम भी बदलते है 'दर्द भरी शायरी'
#lovelife माना मौसम भी बदलते है 'दर्द भरी शायरी'
read moreMatangi Upadhyay( चिंका )
तुमने खबर ही कहाँ ली मेरी मेरे साथ रहते हुए भी बस मान लिया कि ठीक ही होगी, तुमने पूछा ही कहाँ कुछ मुझसे बस मेरी खामोशी को समझ लिया की मेरी हाँ ही होगी, मैं जरूरी ही कहाँ थी उतनी जितना मैंने खुद को तुम्हारी जिंदगी में समझ लिया, मैंने तो बस सोच लिया की मैं तुम्हारे लिए कुछ खास होऊँगी पर मैं स्वीकार ही कहाँ पायी कुछ सच बस पाले रही वहम की खुशी ऐसी ही होती होगी, ये जो मानने और होने के बीच का फर्क होता है न उसे स्वीकारने में एक उम्र साथ गुजार देते है दो लोग और फिर पता ही नहीं चलता की कब एक दूसरे की आदत बन गए..! ©Matangi Upadhyay( चिंका ) आदत बन गए हो तुम 🤔 #matangiupadhyay #thought #Life #Love
आदत बन गए हो तुम 🤔 #matangiupadhyay #thought Life Love
read moreParasram Arora
White माना कि मैंने दिखावे के लिए हाथ ऊपर उठा कर तुम्हारे लिए दुआ नहीं मांगी इसके बावजूद मुझे उम्मीद है मेरा खुदा नेरे दिल की बात का मान जरूर रझेगा ©Parasram Arora माना कि
माना कि
read moreF M POETRY
White रास्ता तू ही दिखा दे ऐ खुदा.. यार से मिल लूँ की तुझसे मिल जाऊं.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #रास्ता तू ही दिखा दे ऐ खुदा..
#रास्ता तू ही दिखा दे ऐ खुदा..
read morePoet Maddy
जब से उसकी मोहब्बत के हम गुलाम हो गए हैं, अपने शहर में हम काफ़ी ज़्यादा बदनाम हो गए हैं......... जब से हमने शुरू किया महबूब पर ग़ज़ल लिखना, शायरों की बस्तियों में महंगे हमारे कलाम हो गए हैं........ ©Poet Maddy जब से उसकी मोहब्बत के हम गुलाम हो गए हैं, अपने शहर में हम काफ़ी ज़्यादा बदनाम हो गए हैं......... #Slave#Love#Infamous#Town#Write#Gazal#Word#Ex
नवनीत ठाकुर
पहाड़ों से निकली एक धारा खास, सपनों से भरी, एक नई तलाश। पत्थरों से टकराई, राह बनाई, हर दर्द को हँसी में समेट लाई।। हर ठोकर को उसने गले लगाया, रुकना उसकी किस्मत में नहीं था। दर्द से उसने अपना राग बनाया, सच में, वो कभी थमा नहीं था।। जब सागर से मिली, वो हर्षित हुई, उसकी लहरों में हर पीड़ा समा गई।। सागर ने उसे अपनी बाहों में समेटा, उसकी हर बूंद में जीवन का सन्देश देखा। नदी ने कहा, "मैं खुद को समर्पित करती हूँ, पर हर बूंद से तुझे अमर कर देती हूँ।। फ़ना होकर भी, वो अमर हो गई, सागर के आँचल में हर याद बस गई। ©नवनीत ठाकुर फना हो कर भी अमर हो गए
फना हो कर भी अमर हो गए
read moreबेजुबान शायर shivkumar
एक्न्यासिकर् ©बेजुबान शायर shivkumar एक नया #शिकार हम न जाने ये कैसी #शिकायतों का हम हो गए.. हमने जितना #दिल साफ रखा उतने ही #गुनेहगार हो गए.. .!❤️ #बेजुबानशायर143 #बेजुब
एक नया शिकार हम न जाने ये कैसी शिकायतों का हम हो गए.. हमने जितना दिल साफ रखा उतने ही गुनेहगार हो गए.. .!❤️ बेजुबानशायर143 बेजुब
read moreParasram Arora
White माना कि हमारी संताने हमसे ही आई है फिर भी वै हमारी नहीं है माना कि वे हमारे साथ है फिर भी वे हमारी नहीं हम उन्हें प्रेम दें सकते है . लेकिन अपने विचार और. अपना सुकुन उन्हें नहीं दे सकते ©Parasram Arora माना कि
माना कि
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