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पुष्कर बिष्ट
हुस्न ढल गया गुरूर अभी बाकी है , नशा उतर गया सरूर अभी बाकी है..! जवानी ने दी दस्तक और चली गई जेहन में वही फितूर अभी बाकी है..! क्योंकि ...!!! जिंदा रहना है तो शौक भी जिंदा रखिए उम्र का क्या है यह तो वक्त के साथ ढल जाती है..!! ©प्रकृति प्रेमी #कविता #फेसबुक
sampu janagal
एक ज़रा सी प्रेम कहानी हम लड़कों की क़िस्मत में है आग बहुत सी थोड़ा पानी एक किताबों की अलमारी में थोड़े खुशबू के रेशे कुछ घण्टों की नींद उसी में दुनियाभर के ख्वाब बुरे से मीरा के भजनों को घेरे रहती है कबीर की बानी उम्मीदों की लम्बी सूची जाने पूरी होगी कैसे एक बड़ा बाज़ार सामने छोटी जेब ज़रा से पैसे चेहरे पर तैरा करती है एक झेंप जानी पहचानी एक लड़ाई अंतहीन है सारी उम्र इसी को दे दी गोलों को काला करने में दाढ़ी तक आ गयी सफेदी डीपी तक में रखनी पड़ती है कोई तस्वीर पुरानी ©sampu janagal #फेसबुक वाली कविता
Vikas samastipuri
नाम विश्व में विश्वकर्मा हे शरवो परी दाता ऐसे ही जंग पे कृपा रखें हे आशिष दाता। ©kavi vikash विश्वकर्मा।
Ajay Keshari
कर्मकार विश्वकर्मा ने, विश्व की रचना कर डाली.! ब्रम्हा का आदेश मिला, और ब्रम्हमाण्ड ही रच डाली.! वास्तुशिल्प के ज्ञाता यह है, रचना विश्व की ऐसी की.! कहीं बनाए सागर है तो, कहीं बनाए पर्वत भी.! नीलगगन पाताल बनाए, सूरज चांद सितारें भी.! रात दिन भी बना दिए, अंधकार और प्रकाश भी.! #अजय57 #विश्वकर्मा
Sudhanshu viswkarma
सच्चे लोग कभी भी प्रसंशा के मोहताज नहीं होते.. क्योंकि असली फूलों को कभी इत्र लगाने की जरुरत नहीं होती..!! विश्वकर्मा जी
Mukesh Vishwakarma
उस सख्श से बस इतना सा ताल्लुक है आकाश अगर वो परेशां हो तो हमे नींद नही आती मुकेश विश्वकर्मा
SONU SUTHAR
विश्वकर्मा जी मजदूर वर्ग के स्वामी। नाप-तौल का पाठ आपने बताया। मेहनत करना आप ने सिखलाया। खुशनसीब है हम कि हम विश्वकर्मा की सन्तान बन पाए। एक दूजे का साथ दिल से निभाए। हर व्यक्ति जीवन में खुशियाँ ही पाए। विश्वकर्मा जी के आगे शत्-शत् शीश झुकाए। आपको अमावस्या की हार्दिक शुभकामनाएं। ©SONU SUTHAR विश्वकर्मा जयंती
Aditya Vishwakarma
दिल की बेदर्दी में ग़मो पे नाज करता हूं तुम क्या बताओ गे 'हकीकत' जो मैं मोहब्बत सरेआम करता हूं उठाओ तख़्ती और कलम 'लिखो' जो तुम्हे राज देता हूं अये ग़ालिब यू ही नही मैं मोहब्बत कत्लेआम करता हूं ©Aditya Vishwakarma #आदित्य विश्वकर्मा