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Matangi Upadhyay( चिंका )
प्रेम सिर्फ शारीरिक नहीं होता है प्रेम किसी व्यक्ति से नहीं होता है, प्रेम व्यक्तित्व से होता है, इंसान के व्यवहार से होता है, किसी की बातों से जब मन को खुशी मिलती है, किसी की परवाह जब आपको सुकून देती है, आप कितने अनमोल है उसके लिए, जब आपको कोई ये महसूस कराता है, अपने व्यस्त समय में भी, जो आपके लिए समय निकालता है रोज आँख खुलते ही जो आपको याद करता है, जो आपकी आवाज सुनने के लिए सारा दिन इंतजार करता है, जिससे झगडा करने के बाद भी उसके मनाने का इंतजार रहता है, किसी की बातें सोचकर आपके चेहरे पर मुस्कराहट आ जाती है, पूरी दुनिया की खुशी में भी एक इंसान की कमी आपको उदास कर देती है बस यही है प्रेम की परिभाषा...है। ©Matangi Upadhyay( चिंका ) प्रेम की परिभाषा 😊 #matangiupadhyay #लव #Love #thought #Life #hindi
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कौन है जो सूरज को धमका रहा, कोहरे का जाल यूं फैला रहा? क्यों उजाले को निगलने चला, सांसों तक को ठंडा बना रहा? ठंड में अब पानी भी डरा रहा, खुद को भाप में बदल रहा। किसको यह कारीगरी सूझी है, जो प्रकृति पर कहर ढा रहा? कौन है जो चुराने चला, जो इतनी जल्दी दिन ढल रहा? समय को घेरने वाला कौन, जो हर पल को सर्दी में ढल रहा? उतार दिया है काम का बोझ, काम छोड़ खुद को गर्म कर रहा। सर्दी से ठिठुर गए हैं सारे, इंसान बैठा अलाव जला रहा। निकले ही हाथ-पैर हो गए सुन्न, हवा में ऐसी नमी छोड़ रहा। अब तो पानी पीना भी मुश्किल है, कौन है जो बर्फ से पानी भिगो रहा? ©theABHAYSINGH_BIPIN कौन है जो सूरज को धमका रहा, कोहरे का जाल यूं फैला रहा? क्यों उजाले को निगलने चला, सांसों तक को ठंडा बना रहा? ठंड में अब पानी भी डरा रहा, खु
कौन है जो सूरज को धमका रहा, कोहरे का जाल यूं फैला रहा? क्यों उजाले को निगलने चला, सांसों तक को ठंडा बना रहा? ठंड में अब पानी भी डरा रहा, खु
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