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Lavekush Kumar yadav
किनारा ना मिले तो कोई बात नहीं दूसरों को डुबाकर मुझे तैरना नहीं आता जो लम्हा साथ है उसे जी भर के जी लेंगे कमबख़्त ये जिन्दगी भरोसे के काबिल नहीं पसंद है मुझे उन लोगो से मुझे हारना जो लोग मेरे हारने से पहली बार जीते हो बड़ी से बड़ी हस्ती मिट गई मुझे हराने में बेटा तू तों कोशिश भी मत करना तेरी उम्र गुजर जाएगी मुझे गिराने में हम तो दुश्मनों को बड़ी शानदार सजा देते हैं हाँथ नहीं उठाते बस नज़रो से गिराते है Lavkush Kumar yadav जीवन का किनारा
Divyanshi K K
देखा है तेरी आखों में उम्मीद का एक किनारा लिखना है हवाओं में एक खामोश सा अफसाना उम्मीद का किनारा
ANKITA KUMARI YADAV
ज़िंदगी के इस सफर में चलते चल मुसाफ़िर मंजिल का रास्ता साफ है इस दुनियां में मुसाफ़िर को रास्तेें से बटकाने वाले लोग तेरा इतंजार कर रहे हैं तुझे मंजिल से बटकाने में सफर का किनारा
Anita Najrubhai
मे वो तितली नहीं हु जो आसमान में उडजाउ सपने देखने का हक है पर सपने पुरे करने का हक नहीं है किनारा ढूंड रही हु पर मंजिल का किनारा मिलता नहीं है जींदगी एक पहेली बन गई है उस पहेली को सुलझाना है यहाँ कई रास्ते है पर मंजिल का किनारा मिलता नहीं है ©Anita Najrubhai मंजिल का किनारा
वो SabnamKhatoon
वह दिन वह नजारा भी आएगा समंदर अगर है ,तो किनारा भी आएगा जिंदगी की परेशानियों से हार न जाना दोस्त तुझसे मिले एक दिन वो सितारा भी आएगा।। ©वो SabnamKhatoon जिंदगी का किनारा
Ajay Chaurasiya
एक किनारे बैठा मै, नदी के एक किनारे तू, तुझे पानी में मैं दिखता हुआ, मुझे पानी में दिखती हुई तू.... -अजय चौरसिया नदी का किनारा
Rajesh Parwal
ये ढलता हुआ सुरज ये सागर का किनारा ये तुम्हारे खुले हुए केश ये सब इशारा कर रहे है तुम्हें बाहों मे थामने के लिए सागर का किनारा
Sunil Kumar Maurya Bekhud
हम खड़े छत पर हमारे सामने समंदर है मिल गई दिल को सुकू बेहद हसीन मंजर है खेल कर लहरें हवाओं से कभी थक जाती है कुछ घड़ी आराम करने मेरे दर पे आती हैं खलबली मचती है उनसे मिल के दिल के अंदर है इश्क है कुदरत से हमको हम यहां पर आ गए घोंसला अपना बनाया यूं किनारे भा गए दिल हुआ गमगीन जब आती कोई बवंडर है हलचलें बेहद है प्यारी सुरमई संगीत है दिल को लगता है गुनगुनाती जलपरी कोई गीत है दिल्लगी इससे है बेखुद यह भले ही बंजर है ©Sunil Kumar Maurya Bekhud # समंदर का किनारा
Riyazulhaque Ansari
बैठ के इंतेजार में उनके साहिल पे। ना जाने कितना वक़्त गुजार दिया। आए वो मिलने मुझसे मगर। दिल को मेरे झकझोर दिया। देख के उनके हालात मैं इस तरह। तड़प उठा पानी बिन मछली की तरह। जानना चाहा जो मैं उनसे उनके हालात। हाथ रख के होंठो को सिल दिया।। sahil- नदी का किनारा