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Ramkishor Azad
ये सफर तय करने में कुछ वक्त लगता हैं, मगर जिंदगी का सफर तय करने में बहुत कुछ लगता हैं! वो प्यार जिसे हम पा नहीं सकते वो यादें जिसे हम भुला नहीं सकते हैं,, एहसासों की वो खिलती मुस्काने मोहब्बत के वो आंसू जिसे हम मिटा नहीं सकते हैं!! डीयर आर एस आज़ाद... ©Ramkishor Azad सतगुरु रविदास महाराज जी #सफर_ए_ज़िन्दगी #मोहब्बत #प्यार #एहसास #मुस्कान #शायरी #rsazad #viral #Trading #Love Neelam Modanwal Mittal g....Ali
Shivkumar
White सारा शहर तो मेरे दो शेर सुनकर ही झूम उठता है और तुम पूछते हो कि शायर की औकात ही क्या है ।। ©Shivkumar #City #Nojoto #nojotohindi #शायरी #दिलकीबातशायरी143 # सारा #शहर तो मेरे दो #शेर सुनकर ही #झूम उठता है और तुम पूछते हो कि #शायर की #औक
कवि: अंजान
White चल उड़ चल पँछी तेरा देश बुलावें रे राम नाम आधार हैं सबका फिर तू क्यों भुलावें रे चल उड़ चल पँछी तेरा देश बुलावें रे। ©कवि: अंजान #श्रीराम #कविता #शायरी #Life #Life_experience #Truth #Poetry #Shayari
ARTI JI
White भगवान कहते है- तू करता वही है, जो तू चाहता है, पर होता वही है जो मैं चाहता हूँ, तू वो कर जो मैं चाहता हूँ, फिर देख होगा वही जो तू चाहता है..!!! ©ARTI JI #City #लव #hunarbaaz #शायरी #कविता #मोटिवेशनल #वीडियो #कोट्स #कॉमेडी
Pawan Soni Ji
happy Anniversary ©Pawan Soni Ji #शायरी #pawansoniji #Love
शिखा शर्मा
White "सारे लम्हें इक-पल में, अज़ाब हो गए। जब संग चलते-चलते, बीच राह वो जुदा हो गए। शब-ए-ग़म ले डूबा, हमको फ़िर से बयाबां में। हुए दरगुज़र जब, हम उनके इख़्तियार में।" ©शिखा शर्मा #मेरी_सुनो_ना #शायरी #nojotohindi #shayari #poetry #love #Quotes #SAD #Thoughts #Nojoto
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
White ग़ज़ल :- वो आती लौट पर जाने की जल्दी थी । पुकारो मत उधर जाने की जल्दी थी ।।१ छुपा लेता खुशी सारी सभी से मैं । करूँ क्या आँख भर जाने की जल्दी थी ।।२ हटे कैसे नज़र मेरी हँसी रुख से । जिसे अब देख तर जाने की जल्दी थी ।।३ न था अपना कोई उसका मगर फिर भी । उसे हर रोज घर जाने की जल्दी थी ।।४ सँवरना देखकर तेरा मुझे लगता । तुझे दिल में उतर जाने की जल्दी थी ।।५ बताती हार है अब उन महाशय की । उन्हें भी तो मुकर जाने की जल्दी थी ।।६ नशे की लत उसे ऐसी लगी यारों । जैसे उसको भी मर जाने की जल्दी थी ।।७ सही से खिल नहीं पाये सुमन डाली । जमीं पे जो बिखर जाने की जल्दी थी ।।८ लगाये आज हल्दी चंदन वो बैठे । न जाने क्यों निखर जाने की जल्दी थी ।।९ किये सब धाम के दर्शन प्रखर ऐसे । खब़र किसको निकर जाने की जल्दी थी ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- वो आती लौट पर जाने की जल्दी थी । पुकारो मत उधर जाने की जल्दी थी ।।१ छुपा लेता खुशी सारी सभी से मैं । करूँ क्या आँख भर जाने की जल्दी थ
Gopal Pandit